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  • नेताम की अब प्रियंका-राहुल को चुनौती कहीं से भी वीडियो लाये एक करोड़ ले जायें

    भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने कहा कि भूपेश बघेल के फेल होने के बाद अब यह चैलेंज राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को है कि वह वीडियो देश के किसी कोने से भी ले आए उन्हें एक करोड़ रुपए भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ अपने कार्यकर्ताओं से चंदा कर श्री राहुल या प्रियंका वाड्रा जी को देगी। उन्होंने कहा कि कल फतेहपुर उत्तरप्रदेश में राकेश सचान की रैली में प्रियंका 15 लाख के वादे के बारे में पूछ रही थीं । क्यों इतना झूठ बोल रहे हैं यह लोग? केवल इसलिए कि नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री ना बन पाएं। पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय राजनीति में पारदर्शिता और दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति के चलते हर भारतवासी के विश्वास के केंद्र में हैं। नरेंद्र मोदी जी को रोकने की तमाम कोशिशें मोदी जी व भाजपा कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने की और ताकत देगी। नरेन्द्र मोदी करोड़ों के देशवासियों के दिल में रहते हैं चाहे वह अमीर हो, गरीब हो, मजदूर हो, छात्र हो, नौजवान हो, किसान हो, उन सभी के दिलों में वे बसते है। 23 मई 2019 को मतगणना के बाद भाजपा के नेतृत्व में एन.डी.ए. की सरकार बनना तय है _ 

     

     प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा दिए गए प्रमाण के बावजूद आज राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम की राहुल और प्रियंका को चुनौती को कांग्रेस किस रूप में लेती है देखने वाली बात है - वहीँ दूसरी तरफ सवाल यह उठता है कि राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम कि भूपेश बघेल को २४ घंटे कि मोहलत वाली चुनौती का जवाब जब कांग्रेस ने कांकेर कि सभा में कहे गए मोदी के बयान के विडिओ का लिंक जारी कर दे दिया था तो फिर भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति अध्यक्ष राम विचार नेताम को कैसा सबूत चाहिए उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है - अब बॉल कांग्रेस के पाले में है लोगों को इन्तजार रहेगा जवाब का -
    CG24news के लिए लविंदरपाल सिंघोत्रा कि रिपोर्ट 

  • BREAKING NEWS: शत्रुघ्न सिन्हा का भाजपा में 35 साल का सफर समाप्त, कांग्रेस में हुए शामिल

    भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा बुधवार को कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि भाजपा के स्थापना दिवस के अवसर पर भारी मन से पार्टी छोड़ रहा हूं। कांग्रेस ने बिहार में चुनाव प्रचार के लिए जारी स्टार प्रचारकों की सूची में भी उन्हें जगह दी है। चर्चा है कि वह अपनी मौजूदा सीट बिहार के पटना साहिब से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
    वह 28 मार्च को ही कांग्रेस में शामिल होने वाले थे, लेकिन बिहार में महागठबंधन में सीटों को लेकर फंसे पेच के बीच मामला अटक गया। सिन्हा ने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बताया था कि वह छह अप्रैल को कांग्रेस में शामिल होंगे। सिन्हा ने कहा था कि जल्द ही कांग्रेस में शामिल होने जा रहा हूं, नवरात्र के बाद अच्छी खबर मिलेगी।

    कांग्रेस उन्हें पटना साहिब सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है। इस सीट से वह लगातार दो बार भाजपा के टिकट पर जीत चुके हैं। भाजपा ने इस बार उनका टिकट काट कर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को पटना साहिब से टिकट दिया है। पार्टी में शामिल होने से पहले ही कांग्रेस ने बिहार में चुनाव प्रचार के लिए जारी स्टार प्रचारकों की सूची में उन्हें जगह दी है।

    भाजपा में रहते हुए लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार की आलोचना करने की वजह से पार्टी ने इस बार शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट काट कर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को दे दिया है। मालूम हो कि रविशंकर और शत्रुघ्न सिन्हा दोनों ही कायस्थ वर्ग से आते हैं। इस सीट पर इस वर्ग के वोटर बड़ी संख्या में हैं। पिछले चुनाव में इसी वोट बैंक के कारण जदयू ने भी सिन्हा के करीबी डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा को मैदान में उतारा था। हालांकि साल 2009 और 2014 के पिछले दोनों लोकसभा चुनावों में शत्रुघ्न सिन्हा को 50 फीसदी से ज्यादा लोगों का समर्थन(वोट) मिला था। 

    भाजपा में 35 साल का सफर समाप्त

    शत्रुघ्न सिन्हा के राजनीतिक सफर की शुरुआत 1984 में हुई, जब उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा। पार्टी ने उनके व्यक्तित्व और दमदार आवाज के कारण स्टार प्रचारक बनाया। 1996 और 2002 में एनडीए की ओर से वह राज्यसभा सांसद के लिए चुने गए। 2003-2004 में कैबिनेट मंत्री बने। उसके बाद 2009 और 2014 में बिहार की पटना साहिब सीट से वह सांसद चुने गए। 

    लाल कृष्ण आडवाणी उन्हें राजनीति में लेकर आए थे। आज, जब टिकट कटने के साथ आडवाणी युग की समाप्ति का संकेत दिया जा रहा है तो पार्टी में शत्रुघ्न की भी राजनीतिक पारी समाप्त हो गई। कांग्रेस में उनकी राजनीति की दूसरी पारी शुरू हो रही है।

  • टिकट कटने के बाद छलका आडवाणी का दर्द, कहा मेरे लिए देश और पार्टी पहले

    दिल्ली. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मार्गदर्शक मंडल के सदस्य लाल कृष्ण आडवाणी ने ब्लॉग लिखा है. उन्होंने लिखा, '6 अप्रैल को बीजेपी अपना स्थापना दिवस मनाएगी. बीजेपी में हम सभी के लिए यह महत्वपूर्ण अवसर है कि हम पीछे देखें, आगे देखें और भीतर देखें. बीजेपी के संस्थापकों में से एक के रूप में मैंने भारत के लोगों के साथ अपने अनुभवों को साझा करना अपना कर्तव्य समझा है. खासतौर पर मेरी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के साथ. दोनों ने मुझे बहुत स्नेह और सम्मान दिया है.'

    गांधीनगर सीट से टिकट कटने के बाद अपने ब्लॉग में लाल कृष्ण आडवाणी ने लिखा, 'मैं गांधीनगर के लोगों के लिए अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं, जिन्होंने 1991 के बाद छह बार मुझे लोकसभा के लिए चुना है. उनके प्यार और समर्थन ने मुझे हमेशा अभिभूत किया है. मातृभूमि की सेवा करना मेरा जुनून और मेरा मिशन है. जब से मैंने 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ज्वाइन किया है. मेरा राजनीतिक जीवन लगभग सात दशकों से मेरी पार्टी के साथ अविभाज्य रूप से जुड़ा रहा है. पहले भारतीय जनसंघ के साथ और बाद में भारतीय जनता पार्टी. मैं दोनों का संस्थापक सदस्य रहा हूं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी और कई अन्य महान, प्रेरणादायक और दिग्गजों के साथ मिलकर काम करना मेरा दुर्लभ सौभाग्य रहा है.'

    लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा, 'मेरे जीवन का मार्गदर्शक सिद्धांत है - नेशन फर्स्ट, पार्टी नेक्स्ट, सेल्फ लास्ट. सभी परिस्थितियों में मैंने इस सिद्धांत का पालन करने की कोशिश की है और आगे भी करता रहूंगा. भारतीय लोकतंत्र का सार विविधता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान है. पार्टी व्यक्तिगत और राजनीतिक स्तर पर प्रत्येक नागरिक की पसंद की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है. बीजेपी हमेशा मीडिया सहित हमारे सभी लोकतांत्रिक संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता, निष्पक्षता और मजबूती की मांग करने में सबसे आगे रही है. चुनावी सुधार, राजनीतिक और चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता हमारी पार्टी के लिए प्राथमिकता रही है.'

     

    ब्लॉग में लाल कृष्ण आडवाणी ने लिखा, 'यह मेरी ईमानदार इच्छा है कि हम सभी को सामूहिक रूप से भारत की लोकतांत्रिक शिक्षा को मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए. सच है, चुनाव लोकतंत्र का त्योहार है, लेकिन ये भारतीय लोकतंत्र में सभी हितधारकों - राजनीतिक दलों, जन मीडिया, चुनाव प्रक्रिया का संचालन करने वाले प्राधिकारियों और सबसे ऊपर, मतदाताओं द्वारा ईमानदार आत्मनिरीक्षण के लिए भी एक अवसर हैं.'

  • गरीबों को देने के लिए यहां से पैसा लाएंगे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी,

    पुणे. लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए युवा वोटरों पर हर किसी की नज़र है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के पुणे में छात्रों से सीधा संवाद किया. इस दौरान कई छात्रों ने राहुल गांधी से खुलकर सवाल किए. एक छात्र ने राहुल गांधी से पूछा कि न्याय योजना का फंड कहां से आएगा. उन्होंने कहा कि हम नीरव मोदी, अनिल अंबानी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या से पैसे लेकर गरीबों को देंगे.

    दरअसल, एक छात्र ने राहुल गांधी से सवाल किया था कि आपने 20 फीसदी गरीबों को 72 हजार रुपये सालाना देने का वादा किया है. इसके लिए पैसा कहां से लाएंगे. राहुल ने कहा कि हम नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या, अनिल अंबानी से पैसा लाएंगे. किसी मिडिल क्लास के लिए टैक्स नहीं बढ़ाएंगे.

    राहुल बोले कि हमने पूरा हिसाब लगा लिया है, पैसा कहां से आना है और कैसे बांटा जाना है. पहले पायलट प्रोजेक्ट होगा और उसके बाद पूरे देश में लागू किया जाएगा.

    रोजगार के बारे में राहुल गांधी ने कहा कि आज हमारे देश में 27 हजार नौकरियां हर 24 घंटे में खोई जा रही हैं, वहीं चीन लगातार अपने देश में रोजगार पैदा कर रहा है. हमारे यहां स्किल को तवज्जो नहीं दी जाती है. छात्रों से संवाद करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा.

     

    उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसलों से देश की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है. नोटबंदी से जो झटका लगा है उसे वापस नहीं किया जा सकता है, लेकिन हम अर्थव्यवस्था को उबारने का काम करेंगे. राहुल ने यहां कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र की बातें भी छात्रों के सामने रखीं.

    कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमने लोगों से बात करने के बाद ही अपने घोषणापत्र को तैयार किया है, इसके लिए किसान, महिला, जवान, युवा, बुजुर्ग सभी तबकों से बात की गई थी. आपको बता दें कि राहुल गांधी शुक्रवार को महाराष्ट्र में तीन बड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, इस संवाद के बाद उन्हें दो रैलियों को संबोधित करना है.

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से छत्तीसगढ़ के मुखिया के 20 सवाल, पढ़े पूरी खबर

    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक पत्रकार वार्ता के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ प्रवास पर उनसे 5 साल का हिसाब मांगा है | - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कल चुनाव प्रचार करने छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. - उनके वादों को अब पांच साल पूरे हो गए हैं. अब वे अपना कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं. - जब उन्होंने वादे किए थे तो उन्हें पता था कि उनके पास काम करने के लिए पांच साल ही हैं. इसलिए यह सही समय है कि उनसे देश, समाज, उनके वादों और इरादों के बारे में कुछ सवाल पूछे जाएं - मैं छत्तीसगढ़ की पौने तीन करोड़ जनता की ओर से और कांग्रेस पार्टी की ओर से उनसे कुछ सवाल पूछना चाहता हूं. उनसे अपेक्षा रहेगी वे छत्तीसगढ़ की अपनी सभा में इन सवालों के जवाब देकर ही जाएं.

    सवाल – 1 छत्तीसगढ़ की ही धरती से आपने देश से वादा किया था कि आप प्रधानमंत्री बने तो आप विदेशों में रखा कालाधन वापस लाएंगे और इससे देश के हर व्यक्ति के खाते में 15-15 लाख रुपए जमा हो जाएंगे. अभी आपकी सरकार का कार्यकाल कुछ दिन और बचे हैं, तो क्या जनता को उम्मीद रखना चाहिए मोदी जी कि ये पैसे अभी भी खाते में आ सकते हैं? आपके कार्यकाल में विदेशों से कितना कालाधन वापस आया मोदी जी?

    सवाल – 2 आपने नोटबंदी की. रातों रात 500 और 1000 के नोट को रद्दी में बदल दिया. आपने कहा था कि इससे कालाधन बाहर निकलेगा, आतंकवाद रुक जाएगा और नक्सलियों की कमर टूट जाएगी. आपको लगा था कि लोग अपने नोट गंगा में बहा देंगे. लेकिन हिसाब से ज़्यादा पैसा बैंकों में वापस आ गया. तो कालाधन बाहर कहां आया मोदी जी? आतंकवाद कहां ख़त्म हुआ और नक्सलियों की कमर कहां टूटी? नोटबंदी से जो बेरोज़गारी पैदा हुई, कारोबार ठप्प हुए और सैकड़ों लोगों की जानें गईं उसका ज़िम्मेदार कौन है मोदी जी?

    सवाल – 3 आपने कहा था कि ‘न खाउंगा न खाने दूंगा’. लेकिन देश के हज़ारों करोड़ रुपए लेकर विजय माल्या, नीरव मोदी, ललित मोदी और मेहुल चौकसी फरार हो गए. आप उन्हें रोक नहीं पाए. अमित शाह के बेटे की कंपनी एक साल में 50 हज़ार से 80 करोड़ की हो गई. यानी 16000 गुना वृद्धि. आप उन्हें रोक नहीं सके. रमन सिंह के बेटे का विदेश में खाता खुल गया. आप चुप रहे. रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता 50 करोड़ का घोटाला करके फरार हैं. लेकिन आप चुप हैं. आपने खाने वाले कितने लोगों को जेल भेजा मोदी जी?

    सवाल – 4 यूपीए सरकार ने 560 करोड़ की दर से 126 राफ़ेल विमान ख़रीदी का सौदा किया था. लेकिन इसे मंहगा बताते हुए आपने रद्द कर दिया और 1600 करोड़ की दर से 36 विमान ख़रीदने का सौदा कर लिया. रक्षा मंत्रालय को विश्वास में भी नहीं लिया. भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी HAL को विमान बनाने का जो मौक़ा मिलने वाला था उसे आपने अनिल अंबानी की नवजात कंपनी को दिलवा दिया. 30,000 करोड़ अलग से दिलवाए. अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ का लाभ पहुंचाने से आपको कितना फ़ायदा हुआ मोदी जी?

    सवाल – 5 आपने वादा किया था कि आप हर साल दो करोड़ लोगों को रोज़गार देंगे. लेकिन NSSO के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 45 सालों में सबसे ज़्यादा बेरोज़गारी आपके कार्यकाल में बढ़ी. पिछले पांच साल में 4.7 करोड़ बेरोज़गार बढ़े हैं, 24 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं. पता चला कि आप ये आंकड़े छिपाना चाहते थे और लोगों को पकौड़े तलने का सुझाव दे रहे थे. तो पिछले पांच सालों में आपने कुल कितने लोगों को नौकरियां दीं और कितने रोज़गार पैदा किए मोदी जी?

    सवाल – 6 आपके कार्यकाल में कृषि विकास की दर 2.7 प्रतिशत पर आ गई, जबकि उससे पहले यूपीए वाले पांच सालों में यह दर 4.5 प्रतिशत थी. यूपीए सरकार के कार्यकाल में कृषि उत्पादों का समर्थन मूल्य 19 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा था, आपकी सरकार ने उसे तीन प्रतिशत कर दिया. आपने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का वादा भी नहीं निभाया. तो किसानों की आय कब और कैसे दोगुनी होगी मोदी जी?

    सवाल – 7 आपने दावा किया था कि आपकी फ़सल बीमा योजना से किसानों को सुरक्षा मिलेगी. लेकिन सच यह है कि 20,478 करोड़ रुपयों का प्रीमियम बीमा कंपनियों को दिया गया. किसानों को सिर्फ़ 5,650 करोड़ रुपयों का भुगतान हुआ और बीमा कंपनियों ने 14,828 करोड़ का मुनाफ़ा कमा लिया. तो फ़सल बीमा योजना किसानों के फ़ायदे के लिए थी या बीमा कंपनियों के फ़ायदे के लिए मोदी जी?

    सवाल – 8 आप आदिवासियों के हितैषी बनते हैं लेकिन आपकी सरकार ने लघुवनोपज के समर्थन मूल्य में 53 प्रतिशत तक की कटौती कर दी. वनाधिकार के मामले में आपने सुप्रीम कोर्ट में वकील तक खड़ा नहीं किया. आपके कार्यकाल में आदिवासियों को मिलने वाली केंद्रीय सहायता में भारी कटौती हुई है. तो आप आदिवासियों के इतने ख़िलाफ़ क्यों हैं? क्या आप जंगलों को अपने कारोबारी मित्रों के लिए खाली करवाना चाहते हैं मोदी जी?

    सवाल – 9 आपने 2015 में दावा किया था कि 23 कोयला खदानों की नीलामी से सरकार को दो लाख करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ. लेकिन संसद के अंतिम सत्र में बताया गया कि पिछले पांच सालों में कोयला खदानों की नीलामी से मात्र 3,353 करोड़ रुपए मिले. तो आप इतना झूठ कैसे बोल लेते हैं मोदी जी?

    सवाल – 10 आंकड़े बताते हैं कि आपके कार्यकाल में महिलाओं के लिए भारत दुनिया का सबसे असुरक्षित देश बन गया. बलात्कार की घटना 13.84 प्रतिशत बढ़ गई. बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ योजना के तहत आवंटित 3600 करोड़ में से सिर्फ़ 825 करोड़ खर्च हो सका. ‘बहुत हुआ नारी पर वार’ के नारे का क्या हुआ मोदी जी?

    सवाल – 11 देश में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को प्रेस कांफ़्रेंस करनी पड़ी, सीबीआई के दफ़्तर में आधी रात को ताला लगाना पड़ा, रिज़र्व बैंक के गवर्नर को इस्तीफ़ा देना पड़ा, राफ़ेल मामले में अटार्नी जनरल को झूठा हलफ़नामा देना पड़ा. तो आप देश की संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद करने पर क्यों तुले हैं मोदी जी?

    सवाल – 12 आपने कहा था कि आप मां गंगा के बुलावे पर बनारस पहुंचे हैं. आपने गंगा की सफ़ाई का वादा किया. अलग मंत्रालय बनाया. सफ़ाई का 80 प्रतिशत धन अनुपयोगी रह गया. राष्ट्रीय गंगा परिषद बनाया लेकिन पांच साल में एक बार भी इसकी बैठक नहीं हुई. तो पांच साल में गंगा कितनी साफ़ हुई मोदी जी?

    सवाल – 13 आपने उज्जवला योजना के तहत सात करोड़ गैस सिलेंडर बांटने का वादा किया. लेकिन पिछले पांच साल में रसोई गैस की खपत में 15 प्रतिशत की कमी आई. उज्जवला गैस वाले तो सिलेंडर नहीं भरवा पा रहे, दूसरे लोग भी सिलेंडर क्यों नहीं भरवा पा रहे हैं मोदी जी?

    सवाल – 14 आपने GST लागू करने को ऐतिहासिक फ़ैसला बताने की कोशिश की. आधी रात को संसद के दोनों सदनों की बैठक बुलाई. लेकिन सच यह है कि GST गब्बर सिंह टैक्स बन गया और कारोबारियों की कमर टूट गई. कितने ही कारोबारी डूब गए और जान गंवा बैठे. हमारे राजनांदगांव में ही महावीर चौरड़िया ने अपनी जान ले ली. आपने GST को इतना जटिल बनाकर लोगों को मुसीबत में क्यों डाला मोदी जी?

    सवाल – 15 आपने देश भर में स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की. 98,000 करोड़ का बजट भी दिया. लेकिन स्मार्ट सिटी के नाम से अनावश्यक निर्माण कार्य ही हुए. तो देश में कितने स्मार्ट सिटी बन गए मोदी जी?

    सवाल – 16 आपने नक्सलवाद से निर्णायक लड़ाई की बात बार बार कही. लेकिन सच यह है कि आपने नक्सली समस्या से सबसे अधिक ग्रसित छत्तीसगढ़ के बजट में कटौती करके उत्तर प्रदेश जैसे प्रदेश को नक्सली समस्या के नाम पर बेहिसाब पैसे दिए. तो आपके कार्यकाल में नक्सली समस्या कितनी ख़त्म हुई मोदी जी?

    सवाल – 17 प्रधानमंत्री आवास योजना को आपने इस तरह प्रस्तुत किया मानों आप कोई क्रांति करने जा रहे हैं लेकिन सच यह है कि सरकार अपने लक्ष्य से बहुत पीछे चल रही है और योजना के नाम पर खानापूर्ती भर हो रही है. देश भर में सितंबर, 2018 तक कुल 48.2 प्रतिशत लक्ष्य ही हासिल हो सका था. छत्तीसगढ़ में ही गिनती के आवास बन सके हैं. तो कितने प्रतिशत गरीबों को प्रधानमंत्री आवास मिल गए मोदी जी?

    सवाल – 18 आपकी पार्टी गैस और पेट्रोलियम पदार्थों की क़ीमतों को लेकर आसमान सर पर उठा लेती थी. जबकि उस समय अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत बहुत अधिक थी. आपके कार्यकाल में कच्चे तेल की क़ीमत बहुत कम थी लेकिन आपने 257 प्रतिशत टैक्स बढ़ाकर गैस और तेल को लगातार महंगा किया. राज्यों पर बोझ बढ़ाया सो अलग. तो मोदी जी आपके राज में तेल और गैस इतने महंगे कैसे हो गए?

    सवाल – 19 यूपीए सरकार के दौरान शिक्षा पर जीडीपी का 4.5 प्रतिशत खर्च होता था. आपके कार्यकाल में यह घटकर 3.6 प्रतिशत मात्र रह गया. उच्च शिक्षा का हाल बेहाल हो गया है. तो आप बच्चों की शिक्षा पर कटौती क्यों करते रहे मोदी जी? 

    सवाल- 20 आखिर में 20वा प्रश्न झीरम घाटी में हुई घटना की जांच करवाकर अपराधियों को जेल भेजने की बात कही थी। अब तक करवाई क्यों नहीं हुई? 

     मोदी जी से सवाल तो बहुत हैं. वे झीरम की जांच के लिए एनआईए से कागज़ात क्यों नहीं दिलवा रहे हैं, उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी सांसदों की टिकट क्यों काटी, वे अपनी डिग्री कब दिखाएंगे आदि आदि. - लेकिन हम चाहते हैं कि वे फ़िलहाल हमारे इन्हीं सवालों के जवाब दे जाएं. - मैं मोदी जी की सभा के बाद आपसे फिर मिलूंगा और तब हम बैठकर हिसाब करेंगे कि उन्होंने हमारे कितने सवालों के कितने जवाब दिए? अब इन सवालों का अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब देते भी हैं या नहीं यह तो उनके प्रवास के बाद ही पता चलेगा. 

  • 157 मामले दर्ज थे लेकिन किसी भी मामले में एक भी सबूत नहीं मिल पाया
    जगदलपुर। केंद्रीय जेल में 12 सालों से कैद निर्मलक्का की आखिरकार रिहाई हो गई। सुबह 11 बजे निर्मलक्का जेल से बाहर आई। जिन्हें रिसीव करने सोनी सोरी पहुंचे थे। बाहर आने के बाद निर्मलक्का ने बताया कि उसके ऊपर करीब 157 मामले दर्ज थे लेकिन किसी भी मामले में एक भी सबूत नहीं मिल पाया है। निर्मलक्का ने बताया कि एक केस को निपटाने में ही 10 साल लग गए। CG 24 News - Akash Mishra
  • बस्तर लोकसभा में पहले चरण का पहला मतदान 11 को - चुनाव आयोग तैयारियां पूरी
    छत्तीसगढ़ के एक मात्र बस्तर लोकसभा में पहले चरण का पहला मतदान होना है और चुनाव आयोग द्वारा पूरी तैयारियां की जा रही है, जिसको लेकर आज जगदलपुर कलेक्टोरेट के आस्था हाल में बैठक की जा रही है, बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी छत्तीसगढ़ के सुब्रत साहू और पुलिस डीजी डी एम अवस्थी खुद पहुचे हुए है और साथ ही बस्तर लोकसभा के सभी 6 जिलों के कलेक्टर व एसपी भी बैठक में मौजूद है । कलेक्टोरेट में हो रही बैठक में 11अप्रेल को होने वाले बस्तर लोकसभा के मतदान को लेकर तैयारियों पर समीक्षा की जाएगी और साथ ही 29 मार्च को प्रधानमंत्री के बस्तर के जगदलपुर में होने वाले ट्रांजिट विजिट को लेकर भी क्या कुछ तैयारियां की गई है इस बात पर भी चर्चा की जाएगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 29 मार्च को ओडिसा और तेलांगना का दौरा है इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले जगदलपुर एयरपोर्ट पहुचेंगे और फिर यहाँ से सेना के हेलीकॉप्टर से ओडिसा के लिए रवाना होंगे जिसके बाद ओडिसा में अपनी कार्यकर्ता सम्मेलन खत्म कर वापिस जगदलपुर आएंगे और फिर अपने विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना होंगे इस बीच लगभग 20 मिनट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जगदलपुर एयरपोर्ट में रुकेंगे।
  • बीजेपी प्रत्याशी को मंच पर ग्रामीण युवक ने दिखाया आइना -

    नेताओं हो जाओ सावधान क्यों की आप भले ही जनता को याद रखों न रखो लेकिन जनता आपको जरूर याद रखती है और समय आने पर उसका अहसास भी करा देती है।  ऐसा ही कुछ अलीगढ सांसद सतीश गौतम के साथ हुआ। अलीगढ में बीजेपी प्रत्याशी और सांसद सतीश गौतम को उस समय असहज स्थति का सामना करना पड़ा जब एक कार्यक्रम में मंच पर उनको एक ग्रामीण ने आइना दिखाया। सतीश गौतम उसको सुनते रहे और ग्रामीणों से अपनी गलती के लिए माफ़ी भी मांगी। उसके बाद ग्रामीणों के विरोध के चलते मंच से चले गए। इसका वीडियो बना कर किसी ग्रामीण ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस वीडियो के सम्बन्ध में जब सतीश गौतम से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। 

     
               मामला अलीगढ के खैर क्षेत्र के गाँव सहरोई के बाबरे बाबा के मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम का है। यहाँ ग्रामीणों के बीच मंच पर सांसद सतीश गौतम अपने प्रचार के लिए पहुंचे थे। ग्रामीणों ने शुरुआत से ही सतीश गौतम का विरोध शुरू कर दिया।  सांसद सतीश ने माइक संभाला और ग्रामीणों को संतुष्ट करने की कोशिश की।  इसी बीच एक ग्रामीण युवक मंच पर पहुंचाऔर उसने सांसद के सामने ही उनको याद दिलाया कि वह चार बार सांसद के पास गया लेकिन सांसद ने एक भी काम नहीं कराया।  एक बार सांसद कलेक्ट्रेट में मिले तो मेने अपने एक जरूरी काम की कहा तो सांसद जी ने कहा की उनके पास टाइम नहीं है वह डीएम से मिल ले। युवक की बातों को सांसद चुपचाप सुनते रहे और उसके बाद ग्रामीणों के विरोध के चलते उनको मंच छोड़ना पड़ा।  इस वीडियो को वहीँ के एक ग्रामीण ने बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। 
     
     
  • मोबाइल घोटाला, आंखफोड़वा कांड, ई-टेंडर घोटाला, नसबंदी कांड, बेरोजगारी, पनामा पेपर, स्काई वाॅक,  सबसे अधिक गरीब, राशन कार्ड घोटाला, जीरम नरसंहार और बिलासपुर कांग्रेस भवन में लाठी चार्ज  के लिए जाने जाते हैं रमन सिंह सरकार के तीन कार्यकाल - शैलेश नितिन त्रिवेदी

    पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बयान पर कांग्रेस का पलटवार रायपुर/24 मार्च 2019। दिल्ली से लौटकर विमानतल में दिए गए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बयान पर तीखा पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार भूपेश बघेल जी की सरकार के तीन महीने और भाजपा की रमन सिंह सरकार के तीन कार्यकाल का फर्क छत्तीसगढ़ की जनता समझ रही है। कांग्रेस सरकार के तीन महीने और भाजपा सरकार के तीन कार्यकाल पर एक क्रिएटिव जारी करते हुए त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह सरकार के तीन कार्यकाल आंखफोड़वा कांड, ई-टेंडर घोटाला, नसबंदी कांड, बेरोजगारी, पनामा पेपर, स्काई वाॅक, मोबाइल घोटाला, सबसे अधिक गरीब, राशन कार्ड घोटाला, जीरम नरसंहार और बिलासपुर कांग्रेस भवन में लाठी चार्ज के लिए जाने जाते हैं जबकि भूपेश बघेल जी की सरकार को 2500 रूपये धान का दाम, किसानों की कर्ज माफी, लोहांडीगुड़ा में किसानों की जमीन लौटाने, नरवा गरवा घुरवा बाड़ी, छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री और नागरिक सेवाओं की सुगम उपलब्धता के लिए जाना जाता है।  प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जब 15 वर्ष पहले रमन सिंह जी मुख्यमंत्री बने थे उस समय 600 करोड़ रुपए कांग्रेस की सरकार सरप्लस छोड़ कर गई थी। 24000 करोड़ का कर्ज रमन सिंह सरकार ने छत्तीसगढ़ के लोगों पर लादने का काम किया। कांग्रेस की सरकार ने भी कर्ज लिया है लेकिन यह कर्ज जनता की भलाई के लिए लिया गया है। कांग्रेस की सरकार ने किसानों को कर्ज मुक्त बनाने के लिए कर्ज लिया है, किसानों को उनकी फसल का सही दाम देने के लिए कर्ज लिया है, गरीबों के लिए, किसानों के लिए, मजदूरों के लिए, प्रदेश के लोगों की भलाई के लिए कर्ज लिया है। रमन सिंह सरकार ने बहुत सारी चुनावी घोषणाएं की, शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा की लेकिन उसके लिए वित्तीय प्रावधान नहीं किया, उसके लिए 430 करोड़ रुपए की धन राशि की व्यवस्था कांग्रेस सरकार को करना पड़ा है। जनसंपर्क में बजट प्रावधान से डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा की राशि रमन सिंह सरकार ने खर्च कर दी। रमन सिंह सरकार की फिजूलखर्ची, भ्रष्टाचार, सीडी बनाने के लिए दिया गया पैसा कांग्रेस के खिलाफ प्रचार में खर्च किया गया, सरकारी पैसा कांग्रेस सरकार को पटाना पड़ रहा है।  प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 100 दिन भी अभी कांग्रेस सरकार बने नहीं हुए हैं और रमन सिंह जी घोषणा पत्र की बातें कर रहे हैं। रमन सिंह जी पहले 2003, 2008 और 2013 के घोषणा पत्रों का हिसाब तो छत्तीसगढ़ की जनता को दें। कांग्रेस की सरकार को जनता ने 5 वर्ष के लिए जनादेश दिया है। जो बातें कांग्रेस ने निश्चित समय सीमा में करने की बात कही थी, चाहे कर्जमाफी हो या धान का मूल्य हो उसको हमने समय में करके दिखाया है, शेष घोषणा पत्र की बातों को पूरा करने के लिए 5 वर्ष का समय कांग्रेस की सरकार को जनता ने दिया है। जो सवाल आज रमन सिंह जी उठा रहे हैं 60 दिन पूरे होने पर, 70 दिन पूरे होने पर, यह सवाल भी 5 साल बाद करें तो बेहतर होगा और सबसे पहले रमन सिंह जी अपने कार्यकाल की ओर झांक कर देखें बोनस का क्या हुआ था, एक-एक दाना धान की खरीद का क्या हुआ था, 5 हॉर्स पावर पंपों की मुफ्त बिजली का क्या हुआ था तो बेहतर होगा। रमन सिंह जी का दर्द सब बखूबी समझते हैं उनके बेटे अभिषेक सिंह की भी तो टिकट कटी है। जिस तरीके से वंशवाद के चलते रमन सिंह जी ने मधुसूदन यादव को हटाकर उसकी जगह अपने बेटे अभिषेक सिंह को सांसद बनाया था उसको अभी राजनांदगांव के भाजपा के कार्यकर्ता भी नहीं भूले हैं। रमन सिंह जी की सरकार ने अनियमितताएं की, घोटाले किये, कमीशन खोरी की और जब विधानसभा चुनाव हार गए तो कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराने लगे। भारतीय जनता पार्टी के पास नेतृत्व का अभाव है और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की विश्वसनीयता छत्तीसगढ़ की जनता के सामने समाप्त हो चुकी है।  छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के बेहतर काम से मतदाता संतुष्ट लोकसभा चुनाव में भूपेश सरकार के काम का कांग्रेस को मिलेगा लाभ जनता से किये गये वादे निभायें, किसानों का कर्जा किया माफ दिया 2500 रूपये धान का समर्थन मूल्य और अब बिजली बिल हाफ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एवं कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने 100 दिन में ही देश के सर्वोच्च पांच राज्यों में अपना स्थान बनाकर स्पष्ट कर दिया है कि छत्तीसगढ़ को पुरखों के सपनों का छत्तीसगढ़ बनाने का संकल्प कांग्रेस पूरा करके दिखाएगी। सी-वोटर ने एक सर्वे किया है कि देश के विभिन्न राज्यों में मतदाता सरकार से कितना संतुष्ट हैं। सी-वोटर के इस सर्वे में छत्तीसगढ़ में 43.3ः मतदाता सरकार से बहुत ज्यादा संतुष्ट हैं और 22.8ः मतदाता सरकार से संतुष्ट हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के काम से भूपेश बघेल जी की सरकार के काम से 65ःसे अधिक मतदाता संतुष्ट हैं। यह दिखाता है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार ने भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में प्रदेश के विकास के लिए और जनता की सेवा के लिए बहुत बेहतर काम किया है। भूपेश बघेल जी की सरकार ने जनता से किये गये वादे निभायें, किसानों का कर्जा किया माफ, दिया 2500 रूपये धान का समर्थन मूल्य और अब बिजली बिल हाफ, 5000 फुट से छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री, तेंदूपत्ता के दाम में वृद्धि, वनोपज की, धान कटाई, किसानों की कर्ज माफी, खाली पदों पर भर्ती की प्रक्रिया आरंभ, तेंदूपत्ता का समर्थन मूल्य 2500 रूपये से बढ़ाकर 4000 रूपये, 15 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर, लोहाड़ीगुण्डा (बस्तर) में टाटा द्वारा अधिग्रहित भूमि की आदिवासी किसानों को निःशुल्क वापसी, 400 यूनिट तक के सभी घरेलू बिजली बिल हाफ, नरवा-गरूवा-घुरवा-बारी के माध्यम से ग्रामीण कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती जैसे ऐतिहासिक त्वरित निर्णयों के कारण कांग्रेस की सरकार के साथ लोगों का समर्थन है। जिसका लाभ निश्चित रूप से आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिलेगा और छत्तीसगढ़ की 11 की 11 लोकसभा सीटें कांग्रेस के पक्ष में जाएगी। छत्तीसगढ़ की आम जनता, किसान, युवा और मजदूरों को ऐसा लगने लगा है कि छत्तीसगढ़ में हमारी अपनी सरकार है। CG 24 News - Lavinderpal

  • लोक सभा चुनाव के दौरान किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में - बोलेरो वाहन में प्रेस का तमगा और एक फर्जी आईकार्ड लेकर थे चलते
    नक्सली नेटवर्क गिरोह का पर्दाफाश करने में पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है. इसी तारतम्य में कुल तीन आरोपियों को रविवार को बकावंड फारेस्ट नाका, नगरनार क्षेत्र से गिरफ्तार कर सोमवार को न्यायालय में पेश किया गया. बताया जा रहा है कि शहरी नेटवर्क गिरोह के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया गया है, जो निश्चित ही लोक सभा चुनाव के दौरान किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में थे. प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए आईजी, बस्तर रेंज, विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि मुखबीर की सूचना पर चौकी बकावंड थाना, नगरनार क्षेत्रान्तर्गत ग्राम बकावंड फारेस्ट नाका के पास जांच के दौरान पिकअप वाहन क्रमांक ओडी 24-9729 व बोलेरो वाहन क्रमांक ओडी-10-ऍफ़-8126 में विस्फोटक पदार्थ मिले. वाहन में बैठे आरोपियों को इसके बाद गिरफ्तार किया गया जिनमें सुबल कुमार चौधरी (51) निवासी नवरंगपुर, नवीन जानी (27) निवासी नवरंगपुर व मनोज तिवारी (49) निवासी आंबेडकर वार्ड, जगदलपुर शामिल हैं. इनके कब्जे से 10 बंडल कोडेक्स वायर, सेफ्टी रस्सी 30 बंडल व डेटोनेटर 5900 नग जप्त किया गया है. उन्होंने बताया की इनका मास्टर माइंड सुबल चौधरी है और पिकअप वाहन के आगे अपनी बोलेरो वाहन में प्रेस का तमगा और एक फर्जी आईकार्ड लेकर चलता था.
  •  दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल- बचेली में संचालित  एनएमडीसी खदानों के निजीकरण का विरोध
    जगदलपुर । दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल- बचेली में संचालित एनएमडीसी खदानों के निजीकरण का विरोध शुरू हो गया है। यहां के ट्रेड यूनियन के अनुसार हाल ही में सर्वे किए गए डिपॉजिट नम्बर 13 को अडानी ग्रुप को दिए जाने एमओयू हुआ है। जिसका भारी विरोध हो रहा है । यहां एनएमडीसी खदानों को संचालित करता है । इससे पूर्व भी नगरनार प्लांट का निजीकरण किए जाने का विरोध जनप्रतिनिधि और बस्तरवासियों ने किया था । एनएमडीसी की खदानों को उद्योगपति को दिए जाने को लेकर ट्रेड यूनियन के लोग सड़क पर उतरने को तैयार हैं । बचेली ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष राजेश संधू का कहना है कि केंद्र सरकार अपने चहेते उद्योगपति पतियों को प्राकृतिक संसाधनों को बेच रही हैं एनएमडीसी कम कीमतों पर आसपास के प्रांतों को लोहा दे रही है वहीं अडानी ग्रुप इसे अधिक कीमत पर बेचेगा जिसका फायदा स्थानीय लोगों को नहीं होने वाला साथ ही सीएसआर मद और डिस्ट्रिक्ट मिनरल फण्ड में भी कोई इजाफा नहीं होने वाला । ट्रेड यूनियन का कहना है कि अगर यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो उग्र आंदोलन करेंगे अडानी ग्रुप को खदान दिए जाने को लेकर काली पट्टी लगाकर वह प्रतिदिन काम करेंगे आचार संहिता के हटते ही मामले को लेकर आंदोलन उग्र किया जाएगा । CG 24 News
  • मोदी शासन के साठ महीने हो गए लेकिन मिला तो सिर्फ़ तीन महीनों में दो हज़ार रुपया - शैलेष नितिन त्रिवेदी
    भूपेश सरकार के 60 दिन फ़ैसलों के मोदी के 60 महीने जुमलों केः कांग्रेस मोदी को कांग्रेस ने दी चुनौती रायपुर/12 मार्च 2019 -- कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भूपेश बघेल सरकार के 60 दिन जनहित में कामकाज और फ़ैसलों के हैं जबकि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के 60 महीने सिर्फ़ बातचीत और जुमलेबाज़ी के हैं. उन्होंने कहा है कि यही कांग्रेस और भाजपा सरकारों में मूलभूत अंतर भी है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार किसानों को लेकर तरह तरह की जुमलेबाज़ी करते रहे. कभी उन्होंने स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट लागू करने का झूठा आश्वासन दिया तो कभी किसानों को लागत मूल्य का डेढ़ गुना दाम देने का वायदा किया. अब साठ महीने हो गए लेकिन मिला तो सिर्फ़ तीन महीनों में दो हज़ार रुपया. जबकि दूसरी ओर भूपेश बघेल सरकार ने किसानों का कर्जा माफ़ किया, किसानों को देश में पहली बार धान का मूल्य 2500 रुपए क्विंटल मिला, सिंचाई का कर्ज़ माफ़ हो गया और बिजली बिल भी आधा हो गया. संचार विभाग प्रमुख ने कहा है कि नरेंद्र मोदी ने 60 महीने पहले सत्ता में आने के लिए जो कुछ भी वादे किए उन्हें पूरा करना छोड़कर वे अपने मन की बात करते रहे और जनता के मन की बात सुनी नहीं. जब सवाल हुए तो भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वे चुनावी जुमले थे और पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कह दिया कि वे गले की हड्डी है. जबकि भूपेश बघेल जी ने सत्ता संभालते ही दो घंटों के अंदर कर्ज़ माफ़ी के साथ जो फ़ैसला लेना शुरु किया तो 60 दिनों के भीतर किसानों, आदिवासियों, मज़दूरों और बेरोज़गारों के पक्ष में ऐसे फ़ैसले ले लिए हैं जिससे प्रदेश की जनता को पहली बार लग रहा है कि उनकी अपनी सरकार आ गई है. अगर चुनाव आचार संहिता नहीं लागू होती तो कई और फ़ैसले सामने आ जाते. इन 60 दिनों में किसानों की कर्जमाफी, 2500/- धान का मूल्य, 4000/- तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरा, 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ, कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि, पुलिस और डिफेंस सर्विसेज़ से जुड़े वेलफेयर संबंधी प्रावधान, छोटे भूखंडो की रजिस्ट्री जैसे अनेकों एतिहासिक निर्णय प्रदेश की जनता के हित में लिए गए हैं. शैलेश नितिन त्रिवेदी ने चुनौती देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तो बार बार प्रेस से मुखातिब हो रहे हैं और हर सवाल का जवाब दे रहे हैं. अपने साठ दिन की उपलब्धियों के बारे में भी और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी. उन्होंने कहा है कि लेकिन दूसरी ओर नरेंद्र मोदी हैं जो 60 महीनों में एक बार भी प्रेस के सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पाए. और अपने कामकाज का लेखा जोखा तो दूर वे सामान्य विषयों पर किसी सवाल का जवाब देने भी सामने नहीं आ पाए. मोदी सरकार के 60 महीनों पर उन्होंने कहा है कि ये पांच साल झूठ, फ़रेब, जनता से धोखे और भाजपा के चाल, चरित्र और चेहरे की नकाब उतारने वाले रहे हैं. जनता इसे अच्छी तरह समझ चुकी है और आगामी चुनाव में इसका ठीक तरह से जवाब भाजपा को मिलेगा. CG 24 News के लिये लविंदरपाल की रिपोर्ट