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  • अब घर बनाना हुआ सस्ता!, सीमेंट के दाम में आई भारी गिरावट

    रायपुर। क्या आप घर बनाने की योजना बना रहे हैं? अगर हाँ, तो यह खबर आपके लिए राहत देने वाली है। दरअसल, छत्तीसगढ़ में सीमेंट के दाम में गिरावट हुई है। सीमेंट की कीमतों में कमी होने से घर बनाने वालों को राहत मिलेगी। इससे घर बनाने की लागत में भी कम होगी। अगर आप घर बनाने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए यह एक अच्छा समय है।

     आपको बता दें कि सीमेंट की कीमत में 30 रुपये की गिरावट हुई है। फिलहाल छत्तीसगढ़ में सीमेंट की कीमत 330 रुपये प्रति बोरी चल रही है। पिछले महीने इसके दाम 360 रूपए प्रति बोरी तक पहुंच गए थे।

     त्यौहारी सीजन में सीमेंट कंपनियों द्वारा एक अक्टूबर से सीमेंट की कीमतों में 15 रुपये प्रति बोरी की बढ़ोतरी की तैयारी थी, लेकिन बाजार का समर्थन नहीं मिलने के कारण कंपनियों को दाम बढ़ाने से पीछे हटना पड़ा।

     क्यों घटी सीमेंट की कीमतें?

     सीमेंट की कीमतों में गिरावट के कई कारण हैं। पहला कारण यह है कि बाजार में इसकी मांग कमजोर है। दूसरा कारण यह है कि सरकार ने सीमेंट कंपनियों पर दबाव बनाया है।

     घर बनाने वालों के लिए राहत

    सीमेंट की कीमतों में गिरावट से घर बनाने वालों को राहत मिलेगी। सीमेंट की कीमतों में गिरावट से निर्माण लागत में कमी आएगी। इससे घर बनाना सस्ता हो जाएगा।

    20 फीसदी उत्पादन छत्तीसगढ़ में

     बता दें कि देशभर में सीमेंट के कुल उत्पादन का लगभग 20 प्रतिशत उत्पादन छत्तीसगढ़ में होता है। पिछले दिनों सीमेंट कंपनियों ने कार्टेल बनाकर इसकी कीमतों में बढ़ोतरी की तैयारी की थी।

    सीमेंट कारोबारियों का कहना है कि अभी बाजार में मांग कमजोर बनी हुई है और दाम में बढ़ोतरी से और नुकसान ही हुआ। सीमेंट की कीमत में तेजी को बाजार का किसी भी प्रकार से समर्थन नहीं मिल रहा है। इससे पहले दो वर्ष पहले अक्टूबर 2021 में सीमेंट की कीमतें 360 रुपये प्रति बोरी तक पहुंच गई थी। उस दौरान ट्रक चालकों की हड़ताल के कारण दाम में बढ़ोतरी हुई थी और जैसे ही हड़ताल वापस हुई सीमेंट की कीमतों में भी गिरावट शुरू हो गई।

  • हिंदी में रिलीज नहीं होगी विजय और संजय दत्त की फिल्म ‘लियो’,जाने क्या हैं वजह

    एंटरटेनमेंट डेस्क। साऊथ एक्टर थलपति विजय और बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त की तमिल फिल्म ‘लियो’ 19 अक्टूबर 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है इस फिल्म को लेकर फैंस का एक्साइटमेंट बढ़ गया था। हाल ही में लियो फिल्म के प्रोड्यूसर ललित कुमार ने अपने सोशल मीडिया पर लाइव सेशन किया। इस दौरान ललित ने कहा की, जिससे फैंस काफी निराश हो गए हैं। उनका कहना है कि नेशनल मल्टीप्लेक्स में ‘लियो’ हिंदी में रिलीज नहीं होगी।

    हिंदी में रिलीज न होने की यह है वजह

    बता दे कि लाइव सोशन के दौरान प्रोड्यूसर ललित कुमार ने जानकारी दी की आखिर वह नेशनल मल्टीप्लक्स में ‘लियो’ को हिंदी में क्यों नहीं रिलीज कर रहे हैं. ललित कुमार ने बताया है इनकी मांग है कि फिल्म को आठ हफ्ते तक थिएटर्स में दिखाना चाहिए और फिर ओटीटी पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए और OTT रिलीजिंग को लेकर पहले ही डीलिंग हो गई है. ललित कुमार का कहना हैं कि ‘लियो’ चार हफ्ते बाद ही ओटीटी और नेटफ्लिक्स के साथ अनन्य प्लेटफॉर्म में रिलीज की जायगी, बता दे की ओटीटी और नेटफ्लिक्स में ‘लियो’ के लिए 120 करोड़ में डील फिक्स हुई है. थियेटर और मल्टीप्लेक्स में इस कारण ही इस फिल्म को हिंदी में रिलीज नही कर रहे हैं।

    एकदम अलग अंदाज में दिखेंगे विजय और संजय दत्त

    गौर करने की बात यह हैं कि ‘लियो’ में विजय के साथ संजय दत्त भी नज़र आने वाले हैं. बता दे की ‘केजीएफ 2’ की तरह इस फिल्म में भी संजय दत्त विलन बने नज़र आयंगे । इस फिल्म में भी विजय और संजय के बीच लड़ाई-झगड़ा होगा। संजय दत्त गैंगस्टर के रूप में नज़र आयंगे उन्होंने फिल्म के लिए 10 करोड़ रूपए की भारी भरकम फीस ली। उनके इस कैरेक्टर को लेकर काफी चर्चे चल रहे हैं।

  • दशहरा तिथि-दशहरा का महत्व -जानें सही तारीख

    Dussehra 2023: बुराई पर अच्छाई की जीत को दशहरा या विजयादशमी (Vijayadashmi 2023) के त्योहार के रूप में मनाया जाता है. भगवान श्रीराम ने (Lord Ram) इसी दिन रावण का वध किया था. आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को ये त्योहार मनाया जाता है. इसे हिंदू धर्म (Hindu Dharma)  के सबसे बड़े त्योहारों में गिना जाता है. आइए जानते हैं इस साल दशहरा का त्योहार कब मनाया जाएगा, इसका महत्व और इस दिन कौन सी खास डिश बनाई जाती है.

    इस साल दशहरा का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 23 अक्टूबर की शाम 5.44 पर हो रही है और 24 अक्टूबर को दोपहर 3.14 बजे  तक दशमी तिथि रहेगी. उदया तिथि के अनुसार 24 को अक्टूबर दशहरा मनाया जाएगा. पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने रावण के वध के पहले 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की थी.

    दशहरा को अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन श्रीराम ने रावण का वध का बुराई को खत्म किया था. वहीं एक अन्य मान्यता के अनुसार इसी दिन मां दुर्गा ने 9 दिनों के युद्ध के बाद महिषासुर का वध किया और इस तरह अच्छाई की जीत हुई.

     

  • आंवला जूस कैसे बनाते है – Amla Juice Kaise Banate Hain

    आंवला जूस बनाने की सामग्री

    12 आंवले

    आंवला जूस बनाने की पहली विधि

    • यह जूस हम चार आंवलों से बनाएंगे। सबसे पहले हम सभी आंवलों को अच्छे से धो लेंगे।
    • ध्यान रखें सभी आंवले अच्छी तरह से पके होने चाहिए और बङे साइज के होने चाहिए। अगर आपको पता लगना है कि आंवला पके हुए है या नहीं तो आप आंवले के रंग से उसे पहचान सकते है।
    • कच्चे आंवले का रंग डार्क होता है और पक्के हुए आंवले का रंग लाइट होता है।
    • आंवलों को धोने के बाद हम इसे छोटे-छोटे टुकङों में काट लेंगे और आवलों के बीज निकाल देंगे।
    • फिर हम चटनी बनाने वाला जार लेंगे और उसमें थोङा का पानी डाल देंगे। साथ ही हम उसमें काटे हुए आंवला भी डाल देंगे।
    • इन सभी चीजों को हम पीस लेंगे और फिर एक बर्तन लेंगे और उसके ऊपर छलनी रख लेंगे। छलनी के अंदर हम पीसा हुआ मिश्रण डाल देंगे।
    • जिससे आंवला का कचरा ऊपर रह जाएगा और जूस नीचे निकल जाएगा।
    • आंवला जूस बनाने की यह विधि बिल्कुल आसान है तो आप इस रेसिपी को जरूर ट्राई करें।

    आंवला जूस बनाने की दूसरी विधि – Amla Juice Banane ki Vidhi

    • यह जूस आप बिना मिक्सी के बना सकते हो। अगर लाइट नहीं है या फिर आपकी खराब हो गयी है तो आप रेसिपी के जूस बना सकते हो।
    • इस जूस में भी हम 4 आंवलों को इस्तेमाल करेंगे। आंवलों को धोने के बाद हम एक कद्दूकस लेंगे और आंवलों को कद्दूकस कर लेंगे।
    • सभी आंवलों को कद्दूकस करने के बाद हम एक जग लेंगे और उसमें पानी डाल लेंगे। आप जग में उतना ही पानी डालें जितना आपको पीना है।
    • जग में पानी डालने के बाद हम कद्दूकस किया हुआ आंवला पानी में डाल देंगे। साथ ही हम इसमें थोङा सा काला नमक भी डाल देंगे।
    • काला नमक डालकर हम इसे मिक्स कर देंगे और आधे घंटे तक ढ़क कर रख देंगे।
    • आधे घंटे बाद हम जूस को छान लेंगे और आंवला जूस बिल्कुल तैयार है।

    आंवला जूस बनाने की तीसरी विधि

    • सबसे पहले हम एक बर्तन लेंगे और उसमें डेढ़ कप पानी डाल देंगे। जब पानी उबल जाएगा तब हम इसमें आंवलों को काटकर डाल देंगे।
    • जब पानी आधा रह जाएगा तब हम गैस को बंद कर देंगे और ठंडा होने देंगे।
    • 15-20 मिनट बाद हम जूस को छान लेंगे। आंवला जूस बिल्कुल तैयार है।

    आंवला जूस पीने के फायदे – Amla Juice Benefits 

    • आंवला जूस बहुत गुणकारी होता है इसलिए वह कई रोग को नष्ट कर देता है।
    • दिन में अगर हम 1 गिलास आंवला जूस पी लेते है तो इससे हमारी सेहत अच्छी रहती है और पाचन क्रिया संतुलित रहती है।
    • सेहत के साथ इससे हमारी त्वचा और बालों में भी निखार आता है।
    • मोटपा कम करने में भी यह जूस काफी कारगर है।
    • आंवला का जूस पीने से खून साफ होता है और पेट से जुङी हर समस्या को खत्म करता है।
    • इससे आँखों की रोशनी बढ़ती है और अगर आँखों में खुजली के समस्या है तो भी आप आंवला जूस जरूर पीयें।
    • डायबिटीज के मरीज भी इसका सेवन कर सकते है क्योंकि आंवला शुगर को नियंत्रित रखता है।
  • निम्बू पानी कैसे बनाते है?

    अगर आपके घर में कोई मेहमान आया हो तो उसे देने के लिए ये बहुत ही अच्छा है | इससे वो बहुत ही जल्दी रिलैक्स हो जाते है या फिर बच्चों को भी बना के देने से वो वो भीमर नहीं पड़ते | इतना ही नहीं इसे पिने के और भी बहुत सारे फायदे है | इसको सुबह – सुबह पिने से आपके पेट में अगर चर्बी है तो वो भी चली जाती है | बहुत सारे लोग इसे सुबह-सुबह बना कर पीते है | लेकिन अगर आप डाइट पे है और आप इसे अपनी चर्बी को काम करने के लिए पीते है तो उसमे थोड़ा सा निम्बू के रस का मात्रा ज्यादा कर दे और चीनी थोड़ा कम डाले |

     

    सामग्री:-

    • पानी: 500 ग्राम
    • निम्बू: 2
    • चीनी पाउडर:150 ग्राम
    • नमक: 1/2(आधा) चम्मच
    • काला नमक:1(आधा) चम्मच
    • जीरा पाउडर:1/2(आधा) चम्मच (भुना हुआ)
    • बर्फ के टुकड़े(ice cube): 4 पीस
    • बनाने की विधि:-

    • सबसे पहले निम्बू को दो भागो में काट ले |
    • 2. फिर एक बड़े कटोरे में निम्बू क रस को निचोड़ कर डाल दे | (एक ग्लास निम्बू पानी बनाने के लिए हमें आधा कटा हुआ निम्बू का पिस लग जाता है)
    • 3. फिर उसमे चीनी, काला नमक, जीरा पॉवडर और सदा नमक डाले |
    • 4. और उसमे बिना पानी डाले हुए मिलाये |
    • 5. चीनी धूल जाने पे उसमे पानी डाले और और उसे अच्छे से मिला दे |
    • 6. और फिर उसे ग्लास में निकालें और उसमे थोड़ा सा आइस क्यूब डालकर उसपे निम्बू के टुकड़े से सजा दे | और हमारी निम्बू पानी बनाकर तैयार हो गयी गई |
    • 7. और उसे उसी टाइम जल्दी से लोगो को पिला दे या खुद निम्बू पानी पीकर अपनी प्यास बुझाये |

       
  • ऐश्वर्या राय बच्चन 'पेरिस फैशन वीक' में छाई रहीं. एक्ट्रेस ने रैंप वॉक के दौरान जमकर अपना जादू बिखेरा

    1 अक्टूबर को एफिल टॉवर के पास 'पेरिस फैशन शो' का आयोजन हुआ. वहीं हर साल की तरह इस बार भी ऐश्वर्या राय बच्चन 'पेरिस फैशन वीक' में छाई रहीं. एक्ट्रेस ने रैंप वॉक के दौरान जमकर अपना जादू बिखेरा. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं. वहीं इस साल ऐश्वर्या के अलावा बच्चन परिवार से अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा भी इस इवेंट का हिस्सा रहीं. 

    श्वेता बच्चन पर भड़के ऐश्वर्या राय बच्चन के फैंस
    वहीं नव्या को सपोर्ट करने के लिए उनकी मां श्नेता बच्चन और नानी जया बच्चन वहां मौजूद दिखीं. दोनों शो में आगे बैठकर नव्या को चीयर करते हुए नजर आएं. श्वता ने इस इवेंट की कई सारी तस्वीरें अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी शेयर किया है.

  • रायपुर : विश्व पर्यटन दिवस पर विशेष लेख : पर्यटन के असीम संभावनाओं का गढ़ कोरिया अंचल

    जब हम अपने देश से किसी दूसरे देश में पर्यटन के लिए जाते हैं या कोई अन्य देश से हमारे देश में पर्यटन के लिए आता है तो देशों के बीच परस्पर मैत्री संबंधों का विस्तार होता है और दोनों देशों की सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक  और आर्थिक विकास की गति सुनिश्चित होती है। विश्व पर्यटन संगठन संयुक्त राष्ट्र संघ की ही एक अंगीकृत संस्था है, जिसकी स्थापना साल 1976 में हुई थी। इस संस्था का मुख्यालय मेड्रिड स्पेन में है लेकिन इसको बनाने का संविधान 27 सितंबर 1970 को ही पारित हुआ था जिस कारण इस दिन हर साल विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है।

        इसी कड़ी में हम छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग खासकर कोरिया जिले के आसपास के पर्यटन स्थलों का जिक्र करने जा रहे हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश राज्य में 25 मई 1998 को कोरिया को जिला का दर्जा मिला था। जिला कोरिया का नाम यहां के पूर्व रियासत कोरिया से लिया गया है। जिला बनने से पहले यह क्षेत्र सरगुजा जिले के अंतर्गत था।
        प्रकृति की गोद में बसे और हरियाली की चादर से ढंके कोरिया जिला विभिन्न विविधताओं से भरे हैं।

         वर्षा ऋतु में जब प्रकृति अपने सौन्दर्य की चरम-सीमा पर होती है तो कोरिया जिले की कुछ महत्वपूर्ण नदियों पर बनने वाली जलप्रपात को भी सुन्दरता प्रदान करती है। यह जलप्रपात स्वतः ही अपनी सुन्दरता बिखेरती है।कोरिया जिले के आसपास कई ऐसे जलप्रपात हैं, जो विहंगम दृश्यों को परिचित कराती है और उस जगह से नजर हटाने का मन भी नहीं करती। हसदेव नदी के उद्गम स्थल भी कोरिया जिले को माना जाता है। कोरिया जिले के आसपास घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, हसदेव नदी पर गौरघाट, च्युल जलप्रपात, अकुरी नाला जलप्रपात, अमृतधारा जलप्रपात, गेज परियोजना, झुमका बोट, कोरिया पैलेस आदि हैं, तो रामगढ़ स्थित जोगीमारा एवं सीताबंेगरा गुफा में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम ने माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ प्रवास किया था।

        माना जाता है कि रामगढ़ स्थित गुफाओं में श्रीराम की महर्षि विश्रवा से भंेट हुई। इस स्थान पर एक प्राचीन नाट्यशाला स्थित है। माना जाता है कि यहां की पहाड़ियों पर कालिदास ने मेघदूतम महाकाव्य की रचना की है। यहां स्थित गुफा में प्राचीन शैलचित्र में अंकित है। वैसे तो सम्पूर्ण सरगुजा संभाग अपनी प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है। सरगुजा जिले के महेश्पुर, उदयपुर से केदमा मार्ग पर जाना पड्ता है। यहां दसवीं शताब्दी की प्राचीन शिव मंदिर, छेरिका देउर के विष्णु मंदिर, आठवीं शताब्दी तीर्थकर वृषभ नाथ प्रतिमा जैसे अनेक स्थल हैं। सरगुजा जिले में ही देवगढ प्राचीन काल की ऋषि यमदग्नि की साधना स्थल रही है। इसके अलावा अनेक मठ, पुरातात्विक कलात्मक मूर्तियां एवं प्राकृतिक सौंदर्य है।  रामगढ पर्वत टोपी आकार में है।  इसी जिले में ही प्राकृतिक वन सुषमा के बीच कैलाश गुफा स्थित है। इसे संत रामेश्वर गहिरा गुरूजी ने पहाड़ी चटटानो को ताराश कर निर्मित करवाया है। मैनपाट को छत्तीसगढ का शिमला कहा जाता है। मैंनपाट विन्ध पर्वतमाला पर स्थित है। यहां सरभंजा जल प्रपात, टाइगर प्वाइंट, मछली प्वांइट प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।

        रिहन्द एवं मांड नदी का उदगम स्थल भी मैनपाट से हुआ है। इसे छत्तीसगढ़ का तिब्बत भी कहा जाता हैं। यहां तिब्बती लोगों का जीवन एवं बौध मंदिर आकर्षण का केन्द्र है। जशपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, मनेन्द्रगढ़- चिरमिरी-भरतपुर जिले भी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है। सरगुजा संभाग में ही तातापानी जो प्राकृतिक रूप से निकलते गरम पानी के लिए प्रसिद्ध है। डीपाडीह 8वीं से 14वीं शताब्दी के शैव एवं शाक्य संप्रदाय के पुरातात्विक अवशेष बिखरे हुए हैं। यहां अनेक शिवलिंग, नदी तथा देवी दुर्गा की कलात्मक मूर्ति स्थित है।
        शासन-प्रशासन की मदद से पर्यटकों के लिए कई पर्यटन क्षेत्रांे को चिन्हांकित कर उसे पर्यटनीय क्षेत्र के रूप में विकसित भी किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहां आकर इस जलप्रपात, हरियाली और घने वनों को निहार सके।

        व्यक्ति के जीवन और देश व राज्य के विकास में पर्यटन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में लोगों को पर्यटन के प्रति जागरूक करने के साथ उन्हें पर्यटन के लाभ और महत्व के बारे में बताया जाना जरूरी है। पर्यटन का प्रभाव सांस्कृतिक स्तर पर भी विशेष रुप से पड़ता है, क्योंकि सांस्कृतिक स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा देना सभ्यता और संस्कृति के विकास का जरिया है।

        मौजूदा छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ शुरू किया है तो छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, परम्परा, आस्था, खेलकूद व खान-पान को बढ़ावा देने के लिए भी अनेक योजनाएं शुरू की है ताकि छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक खूबसूरती और यहां की जीवनशैली को और बेहतर तरीके से समझा और जाना जा सके। जरूर कोरिया अंचल की सैर कीजिये और प्रकृति के बीच रहने का आनन्द लीजिए।

  • मांग में सिंदूर, हाथों में भरी चूड़ियां, शादी के बाद मिस्टर और मिसेज चड्ढा की पहली तस्वीर आई सामने

    बॉलीवुड एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा और राघव चड्ढा ने सात जन्मों के लिए एक दूसरे का हाथ थाम लिया है. उदयपुर के लीला पैलेस में हुई शादी की पहली तस्वीरों का इंतजार हर कोई दिल थाम कर रहा था.

    आपको बता दें कि रविवार को शादी उदयपुर के लीला पैलेस में हुई. 22 सितंबर को शादी की रस्में महेंदी सेरेमनी के साथ शुरु हुईं. 23 सितंबर को हल्दी और सूफी नाइट में जमकर धमाल हुआ.

    सोशल मीडिया के जरिए इस कपल को शादी की बधाई दी

    शादी की पहली तस्वीर का अभी इंतजार है लेकिन जो मेहमान इसे अटेंड करने पहुंचे उन्होंने अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं. परिणीति चोपड़ा की दोस्त सानिया मिर्जा इस समारोह में अपनी बहन के साथ पहुंचीं  उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीर शेयर की है। खबरें हैं कि ये कपल 25 सितंबर को दिल्ली वापस लौटेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि परिणीति चोपड़ा और राघव चड्ढा की सगाई 13 मई को दिल्ली के कपुरथला हाउस में हुई थी।  इस इंगेजमेंट में दोनों के करीबी लोग मौजूद थे। परी की बहन प्रियंका चोपड़ा भी इंगेजमेंट में शामिल हुई थीं लेकिन शादी अटेंड करने वो नहीं पहुंचीं. प्रियंका चोपड़ा ने सोशल मीडिया के जरिए इस कपल को शादी की बधाई दी है।

  • आज शादी के बंधन में बंध जाएंगे परिणीति-राघव, शाही अंदाज में लेंगे सात फेरे
    उदयपुर। Parineeti-Raghav Wedding : आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा और बॉलीवुड अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा के लिए आज का दिन बेहद खास है. इनके परिजनों और चाहनेवालों के लिए आज सबसे बडी खुशी का मौका है. जिस पल का इन्हें इंतजार रहे थे वो पल आखिरकार आ ही गई है। क्योंकि सगाई के 4 महीने बाद आज राघव और परिणीति शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं. झीलों के शहर कहे जाने वाले उदयपुर में इस हाईप्रोफाइल शादी की शानदार तैयारियां की गई हैं. रिश्तेदार शादी में शामिल होने वाले बहुत से मेहमान उदयपुर पहुंच चुके हैं. तो काफी लोग आज दिन में पहुंचने वाले हैं. जिनमें बॉलीवुड के सितारे, राजनीतिक हस्तियां, दोस्तों और तमाम मेहमानों की मौजूदगी में राघव और परिणीति धूमधाम से शादी के सात फेरे लेंगे।सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें नवराज हंस ‘गुड़ नाल इश्क मीठा’ और ‘दिल चोरी’ जैसे गाना गाते नजर आ रहे हैं और परिवार के लोग जमकर नाच रहे हैं। परिणीति और राघव की शादी के लिए काफी टाइट सिक्योरिटी की व्यवस्था की गई है। रविवार को परिणीति अपने दूल्हे राघव के लिए दुल्हन बनेंगी। कपल उदयपुर में पिछोला झील के बीच एक शादी के बंधन में बांध जायेंगे।
  • Parineeti-Raghav Wedding: आज उदयपुर से शुरू होंगें शादी का कार्यक्रम ,बहन की शादी में शामिल नहीं होंगी प्रियंका चोपड़ा?
    Parineeti-Raghav Wedding: इन दिनों अपनी शादी को लेकर सुर्खियों बटोरे हुए कपल परिणीति और राघव जल्द ही शादी के बंधन में बंधने वाले है। ये जोड़ी 24 सितंबर, 2023 को उदयपुर के लीला पैलेस में शादी करने जा रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो परिणीति-राघव की शादी की फंक्शन शुरू हो चुकी है। परिणीति चोपड़ा हल्दी की रस्म के लिए 17 सितंबर को मुंबई से दिल्ली आईं थीं। वही इन दोनों की मेहंदी की रस्म 19 सितंबर को हो चुकी है। ये फंक्शन राघव चड्ढा के घर पर हुआ। 22 सितंबर को ही होने वाले दूल्हा-दुल्हन अपने परिवार के साथ उदयपुर पहुंच चुके हैं। धीरे-धीरे महमान भी वहां पहुंच रहे हैं। उदयपुर एयरपोर्ट से सभी महमानों के पहुंचने के वीडियोज सामने आ रहे हैं। Parineeti-Raghav Wedding: फैंस परिणीति की बहन एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा के आने का इंतजार कर रहे हैं, इसी बीच प्रियंका का एक पोस्ट इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने परिणीति की एक तस्वीर शेयर करते हुए शादी की बधाई दी है। इससे कयास लगाये जा रहे हैं कि प्रियंका शादी में शामिल नहीं हो रही हैं, इसलिए उन्होंने अपनी बहन को बधाई दी है।प्रिंयका के पोस्ट से भले ही अंदाजा लगाया जा रहा हो कि वह इस शादी में शामिल नहीं होंगी। लेकिन कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो उन्होंने आने की पुरी कोशिश की थी, लेकिन लास्ट मिनट कमिटमेंट के कारण वह नहीं आ पाएंगी। परिणीति की सगाई के लिए प्रियंका भारत आई थीं। तो अब भी फैंस उनका इंतजार कर रहे हैं Parineeti-Raghav Wedding: प्रियंका चोपड़ा ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर परिणीति की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,”मुझे आशा है कि तुम अपने बिग डे पर भी इसी तरह खुश और संतुष्ट होंगी, मैं हमेशा तुम्हारे लिए ढेर सारे प्यार की कामना करती हूं।
  • रायपुर : चक्रधर समारोह में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक

    संस्कृति विभाग द्वारा लौह नगरी रायगढ़ में प्रतिवर्ष की तरह आयोजित इस वर्ष की चक्रधर समारोह में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। चक्रधर समारोह में स्थानीय स्कूली छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक छटा बिखेरा। विद्यार्थियों ने छत्तीसगढ़ के स्थानीय संस्कृति को नृत्य के माध्यम से मनमोहक प्रस्तुति दी। समारोह में राउत नाचा से लेकर सुआ, ददरिया, कर्मा जैसे विभिन्न स्थानीय सांस्कृतिक नृत्यों के साथ देश के विभिन्न राज्यों के ओड़िशी, गुजराती बिहू जैसे सांस्कृतिक नृत्यों की झलक भी देखने को मिली। स्कूली बच्चों के मनमोहक प्रस्तुति का शहरवासियों ने आनंद उठाया और बच्चों का उत्साहवर्धन किया। उल्लेखनीय है कलेक्टर  तारन प्रकाश सिन्हा की पहल पर इस वर्ष चक्रधर समारोह में स्थानीय कलाकारों के साथ ही स्कूली एवं नवोदित कलाकारों को बड़ी संख्या में अवसर दिया गया हैं।

        समारोह में एमएसपी पब्लिक स्कूल के बच्चों ने देशभक्ति गीत भारत मां की जय बोलव रे, छत्तीसगढ़ की जय बोलव, तिरंगा झंडा लहराए जावथे, जन-गण-मंगल के धुन गावथे पर छत्तीसगढ़ी नृत्य के साथ मनमोहक प्रस्तुति दी। इसी प्रकार न्यू होराइजन स्कूल के बच्चों ने झुलना मा झूले... छत्तीसगढ़ी लोक गीत पर कर्मा नृत्य की जबरदस्त प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की इस कड़ी में जिंदल आदर्श ग्राम्य भारती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के स्कूली बच्चों ने ओडिशा की संबलपुरी नृत्य से दर्शकों का दिल जीता।
         बच्चों ने संबलपुर की समलाई माता की आराधना करते हुए लोक परंपरा को प्रदर्शित किया। इसी के साथ ही सेन्ट जेवियर स्कूल के बच्चों ने राजस्थानी लोक नृत्य की प्रस्तुति दी, राजस्थान में ढोला मारू की प्रेम गाथा को लोक-गीत के माध्यम से गाते हुए एवं नृत्य किया जाता है, जिस पर बच्चों ने गोपाल शर्मा के निर्देशन में राजस्थानी घूमर, ढोला मारू की प्रेम गाथा एवं कालबेलिया में रंगीली नागन नृत्य से दर्शकों को बांधे रखा। वहीं गुजरात की लोक प्रिय गरबा नृत्य, जिसे नवरात्रि के अवसर पर देश के साथ छत्तीसगढ़ में देखने को मिलता है, जिसकी खूबसूरत झलक आज गार्जेयन एंड गाइड के बच्चों ने मंच में दिखाई। देश की पूर्वाेत्तर राज्य असम में प्रचलित बिहू नृत्य ने दर्शकों को बांधे रखे। जिसकी मनमोहक प्रस्तुति सेंट टेरेसा स्कूल के बच्चों ने दी। ओपी जिंदल स्कूल तराईमाल के बच्चों ने झांसी की रानी खूब लड़ी मर्दानी पर प्रस्तुति दी।

  • मोदक बनाने की विधि को अनुसरण करें और तैयार करें यह मिष्ठान्न व्यंजन।

    गणेश चतुर्थी के त्यौहार के उल्लास के साथ नारियल, गुड़, इलायची की भरावन के साथ कुरकुरे आटे के खोल में भरे हुये फ्राइड मोदक. इनकी शैल्फ लाइफ अधिक है, यानी हम इन्हें पहले से भी बना सकते हैं.

     

    आवश्यक सामग्री - Ingredients for Fried Modak

    • गेहूं का आटा - 1 कप (150 ग्राम)
    • मैदा - ¼ कप (25 ग्राम)
    • घी - 2 टेबल स्पून
    • नमक - 1 पिंच

    स्टफिंग के लिए

    • गुड़ - ¾ कप (150 ग्राम)
    • नारियल - 1 कप (कद्दूकस किया हुआ)
    • बादाम - 8-10
    • काजू - 8-10
    • इलायची - 6-7
    • घी - मोदक तलने के लिए

     

    मोदक बनाने के लिए आटे को बर्तन में निकालिये इसमें मैदा, नमक और घी डालकर सारी चीजों को अच्छी तरह मिला लीजिये, अब इसमें थोड़ा-थोडा़ पानी डालते हुए नरम आटा गूंथ कर तैयार कर लीजिए. आटे को 20 मिनिट के लिये ढककर रख दीजिये, आटा सैट होकर तैयार हो जाएगा.

    काजू और बादाम को छोटा-छोटा काट कर तैयार कर लीजिए और इलायची को छीलकर पाउडर बना लीजिए.

    पैन गैस पर रख कर गरम कीजिए और 1 छोटा चम्मच घी डालकर इसमें कद्दूकस किया हुआ नारियल डाल दीजिए, धीमी और मीडियम आंच पर लगातार चलाते हुए 2 मिनिट भून लीजिए. अब इसमें गुड़ डाल कर मिक्स कीजिए और गैस बंद कर दीजिए.

     

    नारियल और गुड़ को मिलने तक मिक्स कीजिए फिर इसमें काट कर रखे काजू-बादाम और इलायची पाउडर डाल कर अच्छे से मिक्स कीजिए. स्टफिंग बनकर के तैयार है इसे प्लेट में निकाल लीजिए और ठंडा होने दीजिए.

    गूंथे हुए आटे को मसल लीजिए और फिर आटे से छोटी-छोटी लोईयां तोड़ कर तैयार कर लीजिए. अब एक लोई उठाइये मसलते हुए गोल कीजिए और ढाई से 3 इंच के व्यास में बेल कर तैयार कर लीजिए. पूरी को हाथ में रखें और उसमें 1 चम्मच स्टफिंग रख दीजिए और लोई को चारों ओर से प्लेट बनाते हुए मोदक का आकार देते हुए बंद कर दीजिए. इसी तरह सारे मोदक बनाकर तैयार कर लीजिए.

    कडा़ही में घी डालकर गरम कीजिए. घी के मीडियम गरम होने पर मोदक डाल दीजिए, जितने मोदक एक बार में कडा़ही में आ जाएं डाल दीजिए. मोदक को पलट-पलट कर चारों ओर से गोल्डन ब्राउन होने तक तल लीजिए. मोदक तलकर तैयार हो जाने पर, इन्हें टिशु पेपर बिछी प्लेट में निकाल लीजिए और सारे मोदक इसी तरह से तल कर तैयार कर लीजिए.