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  • मुंगेली : दो पक्षों की लड़ाई में पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज मामला लोरमी के झझपुरी गांव का है।
    मुंगेली जिले के लोरमी थाना क्षेत्र के झझपुरी गांव में दो गुटों के बीच हुए विवाद को सुलझाने गए पुलिस बल पर ग्रामीणों ने किया पथराव - एसडीओपी की गाड़ी में ग्रामीणों में की तोड़फोड़ - विवाद बढ़ने पर पुलिस ने किया बल प्रयोग - भीड़ इतनी बेकाबू हो गई कि पुलिस को अपने बचाव में लाठीचार्ज करना पड़ा - मामला जातीवाद का है जहां रहने वाले साहू समाज के लोगों ने सतनामी समाज के जैतखाम को किसी अन्य जगह ले जाने का प्रयास किया जिसके चलते दोनों गुटों में जमकर विवाद हुआ और धीरे धीरे यह विवाद बढ़ता ही गया - विवाद की जानकारी मिलते ही आला अधिकारी मौके पर पहुंचे - और समझाइश देने लगे लेकिन अधिकारियों की बातो का उनपर कोई असर नहीं हुआ और पथराव करने लगे - वर्तमान में गांव झझपुरी कलाँ मे धारा 144 लागु है स्थिति नियंत्रण में है - पुलिस बल की तैनाती से गांव छावनी में तब्दील हो गया है| CG 24 News के लिए सुखबली खरे की रिपोर्ट
  •  विपक्ष का नेता चुनने के लिये आने वाले भाजपा के पर्यवेक्षक को सुरक्षा मुहैया करायेगी.  भूपेश की सरकार  - धनंजय सिंह ठाकुर कांग्रेस प्रवक्ता

    प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा में नेता प्रतिपक्ष बनने में मची दौड़ पर चुटकी लेते हुये कहा कि पिछली बार तो भाजपाईयों ने विपक्ष का नेता चुनने आये पर्यवेक्षक मोदी का कुर्ता तक फाड़ डाले थे। एक विशेष गुट के समर्थकों के गुंडागर्दी से भयभीत मोदी को टेबल के नीचे छुपकर अपनी जान बचानी पड़ी थी। पुलिस के साये में विपक्ष का नेता का चयन हुआ था। अभी स्थिति पहले से ज्यादा गंभीर है। भाजपा में विपक्ष का नेता बनने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, ननकी राम कंवर, बृजमोहन अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, नारायण चंदेल नेता जोर आजमाइश कर रहे है। एक दूसरे को नीचा दिखाने भाजपा की हार के लिये एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे है - भाजपा में सिर फुटव्वल की स्थिति को देखकर विपक्ष का नेता चुनने भाजपा का कोई केन्द्रीय नेता पर्यवेक्षक बनने तैयार नहीं है।

  • आम जनता को सुदूर इलाकों से मंत्रालय न आना पड़े - मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

    छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों से कहा है कि राजधानी से लेकर गांवों तक सादगी के साथ जनसेवा करना हमारी सरकार का संकल्प है। सभी अधिकारी इसे ध्यानमें रखकर काम करें। मुख्यमंत्री  मंत्रालय (महानदी भवनमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के संभागीय कमिश्नरोंजिला कलेक्टरोंपुलिसमहानिरीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की नवनिर्वाचित सरकार व्हीआईपी कल्चर को बढ़ावा नहीं देगी। हमें व्हीआईपीकल्चर की जरूरत नहीं है। CG 24 News Lavinderpal 

  • बिना तिहार के भूपेश बघेल ने की किसानों की कर्ज माफी किसानों के खाते में कांग्रेस सरकार वापस करेगी 11 अरब 63 करोड़ 
    प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस सरकार की कर्जमाफी की फैसले में एक और बड़ी बात हुई। कर्जमाफी तिहार का विज्ञापन नहीं आया है। किसानों को सरकारी खर्च पर ही सही ढो-ढो कर मुख्यमंत्री का संबोधन सुनने को ले जाया नहीं गया और कर्जमाफी हो गयी। लैपटाप का बटन दबाने का स्वांग भी नहीं रचाया गया। कर्जमाफी के आंकड़े जारी करते हुये शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेतृत्व वाली भूपेश बघेल सरकार ने अपने पहले ही आदेश में राज्य के 16 लाख 45 हजार किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा कर दी है, लेकिन अब कांग्रेस सरकार उन किसानों को भी राशि अदा करेगी, जो अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचकर कर्ज की राशि पहले ही अदा कर चुके हैं। प्रदेश में अब तक 27 लाख 54 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान बेच चुके हैं, किसानों को पूर्व सरकार के हिसाब से करीब 1750 रुपए प्रति क्विंटल का रेट मिला है। कांग्रेस ने धान का मूल्य 2500 रुपए देने की बात कही है। जो किसान पुराने मूल्य पर धान बेच चुके हैं, उन्हें अब मूल्य के अंतर की राशि भी दी जाएगी। CG 24 News के लिए लविंदरपाल की रिपोर्ट
  • छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क में मुख्यमंत्री के रूप में भूपेश बघेल की पहली खबर -

    छत्तीसगढ़ के तीसरे नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को राजधानी रायपुर में हुआ। उनके पिता श्री नंदकुमार बघेल दुर्ग जिले के पाटन क्षेत्र के प्रगतिशील कृषक हैं।

             श्री भूपेश बघेल तत्कालीन अविभाजित मध्यप्रदेश की विधानसभा के लिए पहली बार वर्ष 1993 में विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1998, वर्ष 2003 और वर्ष 2013 में भी विधायक के रूप में क्रमशः मध्यप्रदेश और राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ की विधानसभा में पाटन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। श्री बघेल पांचवी बार इस वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के आम चुनाव में पाटन क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए। साहित्य पठन, योग और खेल-कूद की गतिविधियों में उनकी विशेष अभिरूचि है। उन्होंने 19 जुलाई 2000 को रायपुर और 30 अगस्त 2000 को बिलासपुर में विशाल स्वाभिमान रैलियों का सफलतापूर्वक आयोजन किया। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और सेलूद में छत्तीसगढ़ मनवाकुर्मी समाज द्वारा आयोजित वृहद सामूहिक विवाह समारोहों के सफल आयोजन में भी उन्होेंने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
              श्री भूपेश बघेल तत्कालीन अविभाजित मध्यप्रदेश सरकार में वर्ष 1998 में मुख्यमंत्री से सम्बद्ध राज्य मंत्री और जनशिकायत निवारण विभाग के स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री के रूप में, वर्ष 1999 में परिवहन विभाग के मंत्री के रूप में और वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व, पुनर्वास, राहत कार्य और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभागों के मंत्री के रूप में जनता को अपनी उल्लेखनीय सेवाएं दी। श्री भूपेश बघेल वर्ष 2013 में छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति और वर्ष 2014-15 में लोकलेखा समिति के सदस्य रह चुके हैं।   --  CG 24 News 

  • ब्रेकिंग न्यूज़ 1984 सिख दंगों के आरोपी सज्जन कुमार को हाई कोर्ट ने दोषी माना है हाई कोर्ट ने निचली अदालत के सज्जन कुमार को बरी करने के फैसले को पलट दिया है सीजी 24 न्यूज़
    कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट ने 1984 सिख दंगों में आरोपी माना और निचली अदालत द्वारा बरी किए गए फैसले को खारिज कर दिया 34 सालों से लंबित सिख दंगों के इस मामले में अनेक उतार-चढ़ाव के बाद भी आरोपियों को किसी भी प्रकार की कोई सजा नहीं हुई है | पीड़ित परिवार लगातार कोर्ट कचहरी सहित राजनेताओं, मंत्रियों से गुहार लगाकर न्याय की मांग करते चले आ रहे हैं| परंतु देर ही सही दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 सिख दंगों के एक आरोपी सज्जन कुमार को आरोपी निर्धारित किया है | ज्ञात हो कि 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों में देशभर में घोषित आंकड़ों के अनुसार 5000 से ज्यादा लोगों की हत्याएं हुई थी | परंतु अघोषित आंकड़ों में इन हत्याओं का आंकड़ा 25 हजार से ऊपर हैं | पीड़ित परिवारों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, परंतु न्याय की उम्मीद नहीं छोड़ी| CG 24 News
  • इंतजार की घड़ियां खत्म - ’छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाने का जिम्मा मिला भूपेश बघेल को -

    ’इंतजार की घड़ियां खत्म - ’छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाने का जिम्मा मिला भूपेश बघेल को -
     
     यहां यह बताना जरूरी है कि 11 दिसंबर से लेकर अब तक असमंजस की स्थिति बनी हुई थी कि छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री कौन होगा - लगातार 5 दिनों की रस्साकशी, खींचतान - रायपुर से दिल्ली तक कई चक्कर लगाने के बाद आखिर आज यह तय हो गया और  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के लिए भूपेश बघेल के नाम की घोषणा विधायक दल की बैठक के बाद कर दी गई -  भूपेश बघेल के नाम की घोषणा के बाद दिल्ली दरबार और छत्तीसगढ़ के बीच चल रही जोर आजमाइश खत्म हुई - 
    अब सब कांग्रेसी मिलकर छत्तीसगढ़ के 15 साल के भ्रष्टाचार और अधिकारियों की मनमानी पर अंकुश लगाने की रणनीति तैयार करेंगे साथ ही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में हुए गलत निर्णयों की भी समीक्षा करेंगे द्य

    ’ब्ळ 24 छमूे के लिए लविंदरपाल की रिपोर्ट’

  • छत्तीसगढ़ की जनता के हितों पर वर्षो से डाका डालने में लगे लोग कितनी भी कोशिश कर लें, कानून के दायरे से बच नहीं पायेंगे - कांग्रेस

     सरकार बदलते ही दस्तावेजों को जलाने की इतनी हड़बड़ी क्यो मच गयी है?  इन दस्तावेजो में जरूर कुछ न कुछ ऐसा था जिसके सबूत नष्ट करने में मंत्री और अधिकारी जुटे हुये है? - 

    गृहमंत्री रामसेवक पैकरा आज खुद खड़े होकर फाईले जलवाते हुये राष्ट्रीय मीडिया के द्वारा रंगे हाथ पकड़ाये। लगातार बड़े ही पैमाने पर फाईले जलाने की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि नयी सरकार के कार्यभार सम्हालने के पहले शासकीय दस्तावेजों को जलाया जाना बड़ी एवं गंभीर गड़बडियों को छिपाने की साजिश है। यदि ये फाइले अनावश्यक थी तो इन फाइलो को नष्ट करने का फैसले लेने के लिये आने वाली सरकार का इंतजार करना था।   
     
    प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जिस हड़बड़ी में अनुपयोगी कह कर महत्वपूर्ण दस्तावेजो को जलाया जा रहा है, उससे स्पष्ट हो रहा है कि दाल में कुछ न कुछ काला है। सरकार बदलते ही दस्तावेजों को जलाने की इतनी हड़बड़ी क्यो मच गयी है? इन दस्तावेजो में जरूर कुछ न कुछ ऐसा था जिसके सबूत नष्ट करने में मंत्री और अधिकारी जुटे हुये है?
    CG 24 News के लिए लविंदरपाल कि रिपोर्ट 
  •  साहू समाज के लोगों ने किया चक्काजाम - ताम्रध्वज साहू को मुख्यमंत्री बनाने की की मांग

    रायपुर- कौंन बनेगा छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री में अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। 3 दिन से कोई भी निर्णय नही हो पा रहा है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। ताम्रध्वज साहू का नाम मुख्यमंत्री की दौड़ से हटाए जाने की सूचना पर साहू समाज के लोगों ने चक्का जाम किया और नाराजगी जताई और कहा कि ताम्रध्वज साहू को ही छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनना चाहिए। साहू समाज के लोगों का कहना था कि ताम्रध्वज साहू की वजह से समाज के लोगों ने दिल खोलकर कांग्रेस को स्पोर्ट किया, लोगों ने कहा कि मुख्यमंत्री की उम्मीद में ही साहू समाज के लोगों ने  इतनी बड़ी संख्या में कांग्रेस के प्रत्याशियों को जीत दिलायी , ताकि कांग्रेस की सरकार बन सके और ताम्रध्वज साहू मुख्यमंत्री बन सकें। Cg24 News से लविंदर पाल की रिपोर्ट

  • सांसद रमेश बैस ने किया राम मंदिर का भूमि पूजन, विवाद खत्म
    रायपुर । सांसद रमेश बैस ने चंदखुरी स्थित राम मंदिर का भूमि पूजन किया है । अब तक खबर यह थी कि बस परिवार ने इस मंदिर पर कब्जा कर रखा है मगर अब खुद बेस परिवार आगे आया है और मंदिर का भूमि पूजन करते हुए भव्य मंदिर बनाने की तैयारी है, जिसमें आम लोग भी दर्शन कर सकेंगे शनिवार को तमाम हिंदू संगठनों की मौजूदगी में यह भूमि पूजन किया गया । सांसद रमेश बैस के परिवार के अलावा विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के पदाधिकारी भी यहां मौजूद नजर आए । यह है विवाद सोशल मीडिया के बाद न्यूज़ चैनलों, वेबसाइट और अखबार के पन्नों में खबरें छपी कि बैस परिवार ने चंदखुरी के पुराने राम मंदिर पर कब्जा कर रखा है इस मामले की तह तक जाने पर पता चला कि बैस परिवार के पास इस मंदिर का मालिकाना हक है।
  • 15 वर्षों के बाद मुक्ति मिलेगी इस नेम प्लेट को - इंतजार है नई नेम प्लेट बनने का - पर अभी तक नाम तय नहीं है
    जरा इस नाम पट्टिका पर गौर फरमाएं पिछले 15 वर्षों से यह यहां पर चिपकी हुई है और लगातार पिछले 15 वर्षों से एक ही जगह पर एक ही स्टाइल से लगे लगे यह भी बोर हो गई है - इसलिए लगता है कि अब इसके भी दिन बदले हैं - पर बड़ा सवाल यह है कि अभी तक यह नहीं मालूम लगा कि इस पट्टीका की जगह किसके नाम की नई पट्टिका लगेगी - यह तो जरूर तय है कि यहां पर पट्टिका बदली होगी परंतु यह स्थान इंतजार कर रहा है किसी नए नाम का - 11 तारीख के बाद से यह पट्टीका यहां से जाने का इंतजार कर रही है शायद यह भी अब यहां से निकल कर कहीं किसी अंधेरे कोने में आराम फरमाएगी और इतिहास बन जाएगी - CG 24 News के लिए लविंदरपाल की रिपोर्ट
  • भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित बसंत अग्रवाल ने दो मंत्रियों को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
    भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित साजा विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी रहे बसंत अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि मुझ जैसे कर्मठ, निष्ठावान, सक्रिय कार्यकर्ता को पार्टी से निकाल कर भारतीय जनता पार्टी को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा - रायपुर पश्चिम विधानसभा में मेरी अनुपस्थिति से मंत्री राजेश मूणत को हार का सामना करना पड़ा - वहीं दूसरी तरफ साजा विधानसभा से मेरे द्वारा निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण संसदीय सचिव लाभचंद बाफना को भी अपनी विधानसभा सीट गवानी पड़ी - बसंत अग्रवाल के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने अपने पुराने सक्रिय, निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करके प्रदेश में अपनी हार का रास्ता स्वयं ही तैयार किया है - अब आने वाले लोकसभा चुनाव में यदि भारतीय जनता पार्टी ने इस हार से सबक लेकर कर कार्यकर्ताओं की पूछ परख नहीं की तो लोकसभा चुनाव से भी भारतीय जनता पार्टी निपट जाएगी - *सीजी 24 न्यूज़ के लिए लविंदरपाल की रिपोर्ट*