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  • अनियमित कर्मचारी  प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को सौपेंगे नियमितीकरण का ज्ञापन
    छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी महासंघ 2 अक्टूबर को पहुंचेंगे राजीव भवन - सौंपेंगे अलग अलग ज्ञापन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के द्वारा दिखाए गए अहिंसात्मक राह में चलकर अपना अधिकार और नियमितीकरण हासिल करेंगे - अनियमित कर्मचारी *सैकड़ो अनियमित कर्मचारी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को सौपेंगे नियमितीकरण का व्यक्तिगत ज्ञापन - अनियमित कर्मचारी महासंघ* 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर, छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के आह्वाहन और 7 चरणों के आंदोलन के तहत चौथे चरण में राजीव भवन चलो और व्यक्तिगत नियमितीकरण का ज्ञापन सौंपने का निर्णय प्रांतीय कार्य समिति द्वारा लिया गया जिसके तहत प्रदेश के 28 जिलों में महासंघ से सम्बद्धता प्राप्त 25 विभागों के सैकड़ो कर्मचारी अपना व्यक्तिगत 15 पृष्ठ का ज्ञापन देंगे। रायपुर कांग्रेस हेड क्वार्टर राजीव भवन शंकर नगर में प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के माध्यम से देने की बात कर्मचारी संघ ने की है । उक्त जानकारी प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़पाले द्वारा दी गई है, उन्होंने यह भी बताया है कि, प्रदेश के 1 लाख 80 हज़ार से अधिक छत्तीसगढ़िया अनियमित कर्मचारी अपने साथ हो रहे भेदभाव और शोषण से आजादी चाहते है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के द्वारा दिखाए गए अहिंसात्मक राह में चलकर अपना अधिकार और नियमितीकरण हासिल करना चाहते है। प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य गोपाल प्रसाद साहू ने कहा कि 15 अगस्त 1947 के पूर्व जिस तरह से भारत देश के नागरिकों के साथ ब्रिटिश राज गुलामी करवाता था और शारीरिक तथा मानसिक दोहन करता था, ठीक उसी प्रकार से आज सरकार तंत्र में कार्यरत लाखो अनियमित कर्मचारियों का मानसिक, सामाजिक एवं शारीरिक दोहन हो रहा है। अनियमित कर्मचारियों को उनका अधिकार नियमितीकरण मिलना ही चाहिए। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सूरज सिंह ठाकुर एवं अजित सदन नाविक ने कहा कि, वर्तमान सरकार के 2018 के चुनावी जन घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से बिंदु क्रमांक 11 और 30 में अनियमित कर्मचारियों को नियमितीकरण किये जाने , छटनी नही करने तथा आउटसोर्सिंग एवं ठेका प्रथा बन्द करने का वादा उल्लेखित है। जो आज सरकार बने 1000 दिन बीतने के बाद भी नहीं किया है। प्रेम प्रकाश गजेंद्र प्रदेश उपाध्यक्ष तथा श्रीकांत लास्कर ने कहा है कि, 10 दिन में नियमितीकरण का वादा विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस के जन प्रतिनिधियों ने किया था, उसी के तहत 2 अक्टूबर को प्रदेश के सैकड़ो अनियमित कर्मचारी रायपुर के कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में व्यक्तिगत रुप से अपना नियमितीकरण किये जाने हेतु ज्ञापन सौपेंगे और एक बार पुनः आवेदन निवेदन करेंगे। महासंघ की महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष भगवती शर्मा तिवारी एवं महासचिव वर्षा मेघानी ने कहा कि, बापू जी ने जिस तरह देश को अपने विचारधारा से आजादी दिलायी, उन्ही के बताए रास्तों पर चलकर अनियमित कर्मचारी अनियमितता से आजादी पाते हुए नियमितीकरण इसी सरकार से हासिल करेगा, इन सबके लिए प्रदेश का एक एक अनियमित कर्मचारी वचनबद्ध हो चुका है। प्रदेश के अनियमित महासंघ को उसके सम्बद्धता प्राप्त 25 संगठनों के संगठन प्रमुखों से उक्त कार्यक्रम की सफल आयोजन हेतु कामना किया गया है और अपने व्यक्तिगत संगठन के सदस्यों को अधिक से अधिक व्यक्तिगत ज्ञापन सौंपने हेतु राजीव भवन चलो हेतु स्वप्रेरित किया गया है।
  • अनियमित कर्मचारी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को सौपेंगे नियमितीकरण का ज्ञापन
    *सैकड़ो अनियमित कर्मचारी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को सौपेंगे नियमितीकरण का व्यक्तिगत ज्ञापन - अनियमित कर्मचारी महासंघ* 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर, छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के आह्वाहन और 7 चरणों के आंदोलन के तहत चौथे और महत्वपूर्ण चरण में राजीव भवन चलो और व्यक्तिगत नियमितीकरण का ज्ञापन सौंपने का निर्णय प्रांतीय कार्य समिति द्वारा लिया गया था, जिसके तहत प्रदेश के 28 जिलों में महासंघ से सम्बद्धता प्राप्त 25 विभागों के सैकड़ो कर्मचारी अपना व्यक्तिगत 15 पृष्ठ का ज्ञापन देंगे। यह ज्ञापन रायपुर कांग्रेस हेड क्वार्टर राजीव भवन शंकर नगर में प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के माध्यम से दिया जाएगा। यह जानकारी प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़पाले ने दिया है, इसी में और जोड़ते हुए उन्होंने यह भी बताया है कि, प्रदेश के 1 लाख 80 हज़ार से अधिक छत्तीसगढ़िया अनियमित कर्मचारी अपने साथ हो रहे भेदभाव और शोषण से आजादी चाहते है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के द्वारा दिखाए गए अहिंसात्मक राह में चलकर अपना अधिकार और नियमितीकरण हासिल करना चाहते है। प्रदेश कार्यसमिति के वरिष्ठ सदस्य एवं पूर्व संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने भी प्रदेश अध्यक्ष की बातों को सही बताते हुए अपना वक्तव्य दिया है, जिसमे उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1947 के पूर्व जिस तरह से भारत देश के नागरिकों के साथ ब्रिटिश राज गुलामी करवाता था और शारीरिक तथा मानसिक दोहन करता था, ठीक उसी प्रकार से आज सरकार तंत्र में कार्यरत लाखो अनियमित कर्मचारियों का मानसिक, सामाजिक एवं शारीरिक दोहन हो रहा है। अनियमित कर्मचारियों को उनका अधिकार नियमितीकरण मिलना ही चाहिए। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सूरज सिंह ठाकुर एवं अजित सदन नाविक ने कहा कि, वर्तमान सरकार के 2018 के चुनावी जन घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से बिंदु क्रमांक 11 और 30 में अनियमित कर्मचारियों को नियमितीकरण किये जाने , छटनी नही करने तथा आउटसोर्सिंग एवं ठेका प्रथा बन्द करने का वादा उल्लेखित है। जो आज सरकार बने 1000 दिन बीतने के बाद भी वहीं के वहीं है। प्रेम प्रकाश गजेंद्र प्रदेश उपाध्यक्ष तथा श्रीकांत लास्कर ने कहा है कि, 10 दिन में नियमितीकरण का वादा विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस के जन प्रतिनिधियों ने किया था, उसी के तहत 2 अक्टूबर को प्रदेश के सैकड़ो अनियमित कर्मचारी रायपुर के कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में व्यक्तिगत रुप से अपना नियमितीकरण किये जाने हेतु ज्ञापन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम को सौपेंगे और एक बार पुनः आवेदन निवेदन करेंगे। महासंघ की महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष भगवती शर्मा तिवारी एवं महासचिव वर्षा मेघानी ने कहा कि, बापू जी ने जिस तरह देश को अपने विचारधारा से आजादी दिलायी, उन्ही के बताए रास्तों पर चलकर अनियमित कर्मचारी अनियमितता से आजादी पाते हुए नियमितीकरण इसी सरकार से हासिल करेगा, इन सबके लिए प्रदेश का एक एक अनियमित कर्मचारी वचनबद्ध हो चुका है। प्रदेश के अनियमित महासंघ को उसके सम्बद्धता प्राप्त 25 संगठनों के संगठन प्रमुखों से उक्त कार्यक्रम की सफल आयोजन हेतु कामना किया गया है और अपने व्यक्तिगत संगठन के सदस्यों को अधिक से अधिक व्यक्तिगत ज्ञापन सौंपने हेतु राजीव भवन चलो हेतु स्वप्रेरित किया गया है।
  • जो जैसा खाता है वो वैसा ही सोचता है-कांग्रेस

    अगर सीटी रवि अगर गोबर खाते है? तो उनके लिए उनकी स्वरूचि अनुसार गोबर से उत्पाद बना दिया जाएगा -

    सीटी रवि का बयान भाजपा की अभद्र और गिरी हुई मानसिकता का जीता जागता प्रमाण - जो जैसा खाता है वो वैसा ही सोचता है - कांग्रेस

     

    रायपुर/30 सितंबर 2021। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सीटी रवि के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को गोबर खाने वाले बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने सीटी रवि के बयान की निंदा करते हुये कहा कि छत्तीसगढ़ में लोग गोबर नहीं खाते है। यदि भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सीटी रवि गोबर खाते होंगे तो छत्तीसगढ़ में हजारों गोठान बने है, जहां प्रचुर मात्रा में गोबर उपलब्ध है।

    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के गोधन न्याय योजना से जुड़कर पशुपालक लाभान्वित हो रहे है। महिला स्व सहायता समूह गोबर से अनेक प्रकार के उत्पाद बना कर आर्थिक लाभ ले रही है। अगर सीटी रवि अगर गोबर खाते है? तो उनके लिए उनकी स्वरूचि अनुसार गोबर से उत्पाद बना दिया जाएगा। दरअसल भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं की मानसिक दशा ठीक नहीं है। 2018 में विधानसभा चुनावों की करारी हार से बौखलायें भाजपा नेता लगातार छत्तीसगढ़ के मान सम्मान स्वाभिमान को चोट पहुंचाने में लगे हैं, छत्तीसगढ़ियो को अपमानित कर रहे हैं। भाजपा छत्तीसगढ़ में घृणा और नफरत की जहर बोकर राजनीति करना चाह रही है। इसके पहले भी मुख्यमंत्री रहते डॉ रमन सिंह ने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष एवं वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छोटा आदमी बोल कर अपमानित किया था। अभी हाल ही में भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने छत्तीसगढ़ के चुनी हुई सरकार पर थूकने और थूकने से सरकार बह जाने की अपमानजनक बात कही। किसान आंदोलन में शामिल किसानों को भी भाजपा के नेताओं ने नक्सली, टुकड़े-टुकड़े गैंग, मवाली, आतंकवादी तक बोल चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के वादाखिलाफी असफलताओं के बाद भाजपा नेताओं के पास उलजुलूल और अपमानित करने वाले बयानबाजी के अलावा कुछ नहीं बचता है। छत्तीसगढ़ में 15 साल तक रमन भाजपा की सरकार रही है उस दौरान 20 लाख फर्जी राशन कार्ड बना कर 36 हजार करोड़ का नान घोटाला किया गया। दिव्यांगों, असहाय एवं गरीबों के थाली से चावल चोरी किया गया। भाजपा नेताओं के गौशाला में गौमाता के नाम पर करोड़ों का अनुदान खाकर, गौमाता के निर्मम हत्या की गयी, उनके हाड़ मांस तक को बेचा गया। बीते 7 साल से केंद्र में बैठी मोदी भाजपा की सरकार देश के सरकारी संपत्ति लाल किला, रेलवे स्टेशन, विमानन कंपनी हवाई अड्डा, पेट्रोलियम कंपनी गेल सेल हेल बीमा कंपनी संचार कंपनी सहित भारत की नवरत्न कंपनियां संपत्तियों को बेचकर खा रही है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं को मनोचिकित्सक से इलाज की आवश्यकता है जिस प्रकार से मोदी सरकार ने देश की दुर्दशा की है। जनता से वादाखिलाफी की है। असर भाजपा नेताओं की मानसिक स्तर पर पड़ा है। मीडिया में बने रहने के लिए इस प्रकार से असभ्य, अमर्यादित आम जनता को अपमानित करने वाली भाषा का उपयोग उनके द्वारा किया जा रहा है।

  • धर्मद्रोही सरकार के घमंड की हवा निकाल देंगे : भाजपा
    8000 से अधिक धर्म सैनिक निकले मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने संविधान की प्रतियां जलाने की बात कहने वाले लोगों के खिलाफ देशद्रोह का अपराध दर्ज करने के बजाय सरकार उन्हें बचा कर उनके अपराध में बराबर की भागीदार बन रही है- बृजमोहन अग्रवाल सरकार खुलेआम धर्मांतरण को संरक्षण देकर, लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रही है - राजेश मूणत हिंदुस्तान ने सभी धर्मों को अपने हृदय में स्थान दिया है लेकिन जो हृदय पर घात करेगा उसका इलाज किया जाएगा - सुनील सोनी जब तक धर्म द्रोही गिरफ्तार नहीं होते और निर्दोष साथी रिहा नहीं हो जाते तब तक आंदोलन जारी रहेगा - श्रीचंद सुन्दरानी धर्मांतरण राजनीति नहीं जन नीति का मुद्दा है , और सरकार को जनता की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए- संजय श्रीवास्तव रायपुर ! आज भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री निवास घेराव के बारे में बताते हुए जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कहा की धर्मांतरण करने वालों की गिरफ्तारी व शिकायत करने वालों की रिहाई की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी के शहर जिला के सभी 16 मंडलों के 16 स्थानों से 16 नेताओं व कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में 8000 से अधिक धर्म सैनिकों ने मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर गिरफ्तारी दी । तत्पर कार्यालय पुरानी बस्ती से कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अभी तो हम हजारों कार्यकर्ता निकले हैं। सरकार का यही रवैया रहा तो लाखों की संख्या में जनता साथ निकल कर इस धर्मद्रोही सरकार के घमंड की हवा निकाल देगी। उन्होंने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि संविधान को जलाने की बात कहने वाले लोगों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज करने के बजाय सरकार उनको बचा रही है । तो कहीं न कहीं सरकार भी उस अपराध में बराबर की भागीदार है। दीनदयाल उपाध्याय मंडल से कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करते निकले पूर्व मंत्री व भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने जोर देकर कहा कि सरकार धर्मांतरण करने वालों को खुलेआम संरक्षण देकर लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रही है । उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत कोई अपना धर्म माने हमें आपत्ति नहीं, परंतु लोभ, प्रलोभन व भय दिखाकर कोई धर्मांतरण करेगा तो हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे । इन देश विरोधी ताकतों के खिलाफ जब तक यह सरकार नहीं जागेगी हम आंदोलन करते रहेंगे । लाखे नगर मंडल से सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री निवास घेरने निकले रायपुर सांसद सुनील सोनी ने कहा कि सभी का सम्मान करना हमारी सनातनी परंपरा है। हम वसुदेव कुटुंबकम को मानने वाले लोग हैं और इसीलिए हिंदुस्तान ने सभी धर्मों को अपने हृदय में स्थान दिया है । लेकिन जो हृदय पर घात करेगा। उसका इलाज किया जाएगा ।
  • प्रदेश के सभी सरपंचों से सवाल - विद्युत कनेक्शन के लिए एनओसी की फीस लगती है क्या ?

    प्रदेश के सभी सरपंचों से सवाल बिजली कनेक्शन का अनापत्ति प्रमाण पत्र - एनओसी देने के क्या है नियम ? 

    सरपंच द्वारा खुलेआम एक लाख पचास हजार रूपए की रिश्वत मांगने की हिम्मत का स्टिंग 

    लघु उद्योग लगाने के लिए बिजली कनेक्शन का अनापत्ति प्रमाण पत्र - एनओसी देने के लिए क्या नियम है ? और उसके लिए कितनी राशि ली जाती है ?* केंद्र एवं राज्य सरकारें बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए उद्योगपतियों को बड़े उद्योग सहित लघु उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में लगाने का आग्रह करती हैं ताकि उस क्षेत्र में वहां के बेरोजगारों को रोजगार मिल सके साथ ही क्षेत्र का सामूहिक विकास हो - परंतु देखने सुनने में आ रहा है कि जो लोग भी ग्रामीण क्षेत्रों में लघु उद्योग लगाकर शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना चाहते हैं और स्थानीय लोगों को रोजगार देकर बेरोजगारी को दूर करना चाहते हैं उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है | जिसमें प्रमुख भूमिका क्षेत्रीय सरपंचों की होती है सरपंच की अनुमति के बगैर उद्योग चाहे बड़ा हो या छोटा नहीं लग सकता| और अगर क्षेत्रीय सरपंच बिजली कनेक्शन के एक छोटे से मामले के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र एनओसी देने के लिए रिश्वत की मांग करें तो कैसे ग्रामीण क्षेत्रों का विकास होगा और यह सब जानकर भी अगर शासन-प्रशासन चुप रहेगा तो यह माना जाएगा कि इस रिश्वतखोरी में नीचे से लेकर पंचायत मंत्री तक सभी का जाने अंजाने हाथ है - सभी की मौन स्वीकृति होती होगी तभी तो बिजली कनेक्शन की अनुमति के लिए कोई सरपंच खुलेआम एक लाख पचास हजार रूपए की रिश्वत मांगने की हिम्मत कर सकता है | अब ऐसे में शासन प्रशासन उद्योगपतियों या छोटे उद्योग लगाने की हिम्मत करने वाले लोगों की हिम्मत तोड़ने की कोशिशों में हिस्सेदार बनता है तो शासकीय योजनाएं बनाने का क्या औचित्य ? इतना सब कुछ कहने के बावजूद अंत में सवाल फिर वही खड़ा है कि क्या आप बता सकते हैं कि विद्युत कनेक्शन लेने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र अर्थात NOC के लिए नियमानुसार क्या नियम है ? और कितनी राशि ग्राम सचिव एवं सरपंच को भेंट चढ़ानी आवश्यक है ? 

  • व्यापक स्तर पर हुआ है वित्तीय घोटाला - विवादित रही भर्ती प्रक्रिया

     विकास उपाध्याय द्वारा भी किया गया था साक्षात्कार को रोकवाने का प्रयास 

    छत्तीसगढ़ के शासकीय आईटीआई में नियमित 723 प्रशिक्षण अधिकारियों की भर्ती होगी शून्य,

    रोस्टर का पालन नही हुआ - व्यापक स्तर पर हुआ है वित्तीय घोटाला

    छत्तीसगढ़ के विभिन्न शासकीय आईटीआई में वर्ष 2010 सितम्बर में 723 पदों पर विभिन्न व्यवसाय हेतु नियमित प्रशिक्षण अधिकारियों की सीधी भर्ती निकाली गई थी। उक्त भर्ती डॉ रोहित यादव आईएएस तत्कालीन विभागीय संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण (जन शक्ति नियोजन) द्वारा 1 सितम्बर 2010 को जारी किया गया था।
    यह भर्ती प्रक्रिया शुरू से ही विवादित रही, क्योंकि इस भर्ती प्रक्रिया की अधिसूचना जारी होने के पूर्व विभागीय सेवा भर्ती नियम 2005 को विभागीय अमलो द्वारा अपने निकट संबंधियों को लाभ पहुंचाने के लिए संशोधित किया गया और 3 वर्ष अनुभव के अनिवार्य बिंदु को शून्य कर दिया गया था। जबकि जून 2007 - सितम्बर 2009 एवं फरवरी 2010 में आईटीआई में संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों की भर्ती 3 वर्ष के अनिवार्य अनुभव होने के आधार पर किया गया था।
    उस समय भी जब भर्ती प्रकाशित हुई थी, तो विभाग में भर्ती प्रक्रिया , तत्कालीन विभागीय मंत्री स्व हेमचन्द यादव को भी इस मामले के बारे में अवगत करवाया गया था, परन्तु विभागीय अधिकारियों की और जन प्रतिनिधियों के हठधर्मिता के कारण पूरा मामला यह कहते हुए वही दबा दिया गया कि छत्तीसगढ़ में इस विभाग में आईटीआई में  कार्य करने के लिए अनुभवधारी अभ्यर्थी नही मिलेंगे।
    इस दोषपूर्ण भर्ती का फॉर्म भरने का आखिरी तिथि 30 सितम्बर 2010 थी, अंतिम तिथि उपरांत भी सैकड़ो फॉर्म बैकडोर से विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अभ्यर्थियों से सांठगांठ करके लिया गया।
    इसके बाद भर्ती से संबंधित आंतरिक खबरे विभाग द्वारा समय समय पर दी जाने लगी। संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संगठन से मदद की गुहार लगाई और कई बार संचालनालय रोजगार एवं प्रशिक्षण बैरन बाजार कार्यालय का घेराव इत्यादि किया। निष्कर्ष कुछ भी नही निकला, कई आईएएस अधिकारी संचालक के रुप में सितम्बर 2010 से जनवरी 2013 पदस्थ हुए। प्रत्येक संचालक को संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों और तृतीय वर्ग कर्मचारी संगठन के प्रांतीय नेतृत्व कर्ताओं के माध्यम से ज्ञापन निवेदन किया गया, यहां तक कि भर्ती हेतु गठित विभागीय समिति में बार बार हो रहे बदलाव और अंदरूनी सांठगांठ के बारे में  भी अवगत करवाया गया, परन्तु किसी संचालक ने ध्यान नही दिया।
    फलस्वरूप भर्ती प्रक्रिया 2 वर्ष तक विलंबित रही। अगस्त 2012 को विभाग ने संयुक्त संचालक स्थापना के पद पर ऐ के सोनी को नियुक्त किया, जो कि संविदा कर्मियों के सबसे बड़े विरोधी थे। नियमित भर्ती किये जाने की कमान उन्हें सौंपी गई जिस तारतम्य में भर्ती का साक्षात्कार नवंबर 2012 में 10 से 12 दिनों तक चला। इसका पुरजोर विरोध कर रहे संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों का साथ आकाश शर्मा एनएसयूआई और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस युवा मोर्चा के तत्कालीन अध्यक्ष विकास उपाध्याय द्वारा दिया गया था और साक्षात्कार को रोकवाने का प्रयास किया गया था, अभ्यर्थियों को व्यापक फर्जीवाड़ा सम्बन्धी बाते बताई गई थी, परन्तु नियामित शासकीय नौकरी जब किसी को मिलने वाली हो तो कौन गलत सही देखता है।अंततः साक्षात्कार उपरांत जनवरी 2013 को नियमित पदस्थापना एवं नियुक्ति आदेश विभाग द्वारा कर दिया गया था, जिसके कारण संविदा कर्मचारियों के कार्यरत पदो के विरुद्ध जानबूझ कर विभागीय अधिकारियों ने आर्थिक भ्रष्टाचार कर पदस्थापना दे दिया गया और विभाग में कार्यरत 176 संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों की सेवाएं समाप्त हो गयी।
    यहां से विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों का खेल तृतीय वर्ग कर्मचारी संगठन और संविदा कर्मियों को समझ मे आ गया।

    इस बीच जिनकी नौकरी गयी थी उन्होंने अंदरूनी जानकारी एकत्रीत करना चालू कर दिया गया, जिससे धीरे धीरे भर्ती में हुए विभिन्न स्तर पर अनियमितता के राज खुलते चले गए।
    इन अनियमितताओं की शिकायतें भी की गई, तत्कालीन विभागीय मंत्री रामविचार नेताम ने 2013 अगस्त में विभागीय जांच करवाने का आश्वासन भी दिया था और आगामी सीधी भर्ती तत्काल निकालने हेतु विभागिय अधिकारियों को निर्देशित भी किया था जिसमे संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों को उनके कार्यानुभव का लाभ देते हुए भर्ती किये जाने हेतु नस्ती भी चलाई गई थी, 2013 चुनावी वर्ष होने के कारण ना जांच हुई ना भर्ती प्रक्रिया जारी हुई।
    2013 के अंत मे विभाग के एक संविदा कर्मचारी ने  छग लोक आयोग में 2010 की भर्ती में हुए व्यापक धांधलियों में से एक विषय व्यवसाय डीजल मेकैनिक और ड्राइवर कम मेकेनिक के लिए अनिवार्य वैध ड्राइविंग लाइसेंस के सम्बन्ध में शिकायत दर्ज करवायी। जांच आयोग ने एसआईटी का गठन कर सूक्ष्मता से जांच की तो करीब दो दर्जन से अधिक मामले पाए गए, जिनमे से कइयों का पास निर्धारित फॉर्म भरने की तिथि 30 सितम्बर 2010 तक वैध ड्राइवर लाइसेंस नही थे और कुछ के पास लर्निंग लाइसेंस था, जो कि प्रथमतः गठित समिति द्वारा अमान्य किया गया था, बाद में भर्ती समिति का पुनर्गठन हुआ, जिसने पूरी प्लानिंग के साथ पहले तो एक दैनिक समाचार पत्र में शुद्धि पत्र छपवाया जिसका विभागीय प्रकाशनार्थ आदेश तक जारी नही किया गया। इस शुद्धि पत्र के कारण तत्कालीन विभागीय भर्ती समिति ने अपात्र अभ्यर्थियों को बैक डोर से पात्र बना कर साक्षात्कार की सूची में सूचीबद्ध तक करवा दिया गया का पता चला ।

    और उसके बाद सूत्रों के अनुसार साक्षात्कार के बाद इन्हीं में से ही कई व्यक्ति से 5 से 8 लाख रुपये लेकर उन्हें नियमित प्रशिक्षण अधिकारी के पद पर नियुक्तियां प्रदान तक करवा दिया गया। इन्हीं सूत्रों ने बताया है कि  ए के सोनी और उनकी तथाकथित भर्ती समिति ने विभाग के स्थापना के दो बाबू जायसवाल और हरखराम क साथ मिलकर करोड़ो रूपये की हेरा फेरी करते हुए बंदरबांट कर लिया गया। साक्षात्कार के बहाने अभ्यर्थियों के प्रदाय अंकों में व्यापक स्तर पर कांट छांट किया गया जिसमें 1 अंक को 9 बनाया गया 3 और 5 को 8 बनाया 7 और 4 को 9 बनाया गया इत्यादि की बाते भी बाहर निकल कर आई, जिसकी प्रमाणित प्रतिलिपि भी शिकायतकर्ता द्वारा निकाली जा चुकी है। 2010 के 723 नियमित पदों के भर्ती के सम्बंध में लोक आयोग में प्रस्तुत दूसरे मामले में 100 बिंदु रोस्टर का अनुपालन नही किया गया कि शिकायत हुई, जिसमे एसआईटी के गठन एवं जांच उपरांत यह सबसे बड़ी त्रुटि के रूप में उभर कर सामने आया, जिसके कारण आज वह भर्ती प्रक्रिया छग शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा शुन्यीकरण योग्य पाया गया। परन्तु इसी भर्ती में अन्य मामलों में चल रहे माननीय उच्च न्यायलय में प्रकरण के तहत विभाग एवं शासन कार्यवाही करने से बच रहा है, जबकि शासन इसमे त्वरित निर्णय लेकर उक्त भर्ती को शून्य कर सकता है और 22 आरोपी अधिकारी कर्मचारियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो सकती है।वर्तमान सरकार के मंत्री उमेश पटेल, अवर सचिव आलोक शुक्ला जहां इस भर्ती को बचाने में लगे है, वही संचालक अवनीश शरण आरोपित 500 लोगो की डीपीसी करवा कर प्रोमशन करने की तैयारी में जुटे हुए है।

  • रमन सिंह और संबित पात्रा को जनता को बताएं कि कांग्रेस पर आरोप लगाने के लिए झूठे पेपर ट्वीट किये थे की नहीं?

     सुप्रीम कोर्ट का आदेश रमन सिंह और संबित पात्रा को क्लीनचिट नहीं है

    भाजपा या तो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का वह अंश सार्वजनिक करें जिसमें रमन सिंह और संबित पात्रा को क्लीन चिट दी गई है

    कोर्ट का हवाला देकर भाजपा की मीडिया में गलत बयानबाजी कोर्ट की अवमानना - भाजपा या तो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का वह अंश सार्वजनिक करें जिसमें रमन सिंह और संबित पात्रा को क्लीन चिट दी गई है या फिर अदालत का नाम लेकर झूठ बोलने और गुमराह करने के लिए मीडिया से और जनता से क्षमा याचना करें | सुप्रीम कोर्ट का आदेश रमन सिंह और संबित पात्रा को क्लीनचिट नहीं है ! 

     

    रायपुर/24 सितंबर 2021। प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भाजपा को चुनौती दी है कि वे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को सार्वजनिक करें जिसमे रमन सिंह और संबित पात्रा को टूलकिट मामले में क्लीन चिट दी गई है या फिर अदालत का नाम लेकर झूठ बोलने और गुमराह करने के लिए मीडिया और जनता से भाजपा क्षमा याचना करें। सर्वोच्च न्यायालय का आदेश अब पब्लिक डोमेन में आ चुका है। सब ने सर्वोच्च न्यायालय का आदेश पढ़ लिया है और उसमें कहीं भी रमन सिंह और संबित पात्रा को कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को तोड़मरोड़ कर भाजपा ने मीडिया में गलत और तथ्यहीन जानकारियां दी। राजनैतिक उद्देश्यों से न्यायपालिका के आदेश का गलत आशय मीडिया के आगे प्रस्तुत करना अदालत की अवमानना की श्रेणी में आता है। भाजपा ने झूठ बोलने में सारी सीमाएं पार कर दी है। अदालत के आदेश को तोड़मरोड़ कर और अपनी राजनैतिक जीत के रूप में प्रस्तुत कर भाजपा ने सारी मर्यादा को ताक पर रख दिया। सर्वोच्च न्यायालय के मूल आदेश और उसका हिंदी अनुवाद सामने आने से भाजपा की कलई खुल गई है। प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि टूलकिट मामले में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और भाजपा नेता खुद को पाक साफ और निर्दोष बताने के लिए माननीय न्यायालय के आदेश को भी तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत कर रहे हैं। भाजपा का झूठ अंतहीन है। भाजपा की अफ़वाहों का कोई स्तर नहीं है। भाजपा के पाखंड की भी कोई सीमा नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय के रमन सिंह और संबित पात्रा के मामले में आदेश से भाजपा के प्रपंच, झूठ और जुमले की कलई खुल गयी। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को लेकर की गई गलत बयानबाजी से भाजपा के चाल, चेहरा और चरित्र उजागर हुआ। इसके पहले भी ट्विटर ने जब रमन सिंह और संबित पात्रा के ट्वीट को “मैनिपुलेटेड मीडिया“ कहा था तो पूरी भाजपा और उनकी केंद्र सरकार ट्विटर पर मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग हटाने के लिए दबाव डालते रहे थे। अभी भी समय है कि रमन सिंह और संबित पात्रा को जनता को बताएं कि कांग्रेस पर आरोप लगाने के लिए झूठे पेपर ट्वीट किये थे की नहीं?

     

     

  • रिक्शा चलाने वाला बना मुख्यमंत्री
    पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शपथ ग्रहण के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा की यह सरकार कांग्रेस की सरकार पंजाब में आम आदमी की चिंता करेगी गरीबों की चिंता करेगी किसानों की चिंता करेगी | किसानों को निशुल्क बिजली के साथ-साथ आम गरीब परिवारों की भी बिजली माफ की जाएगी उनकी बकाया रकम माफ कर उन्हें पुनः कनेक्शन दिया जाएगा | पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मीडिया के सामने भावुक हो गए उन्होंने अपने गरीबी के दिनों का उल्लेख किया और बताया कि वह रिक्शा चलाते थे और रिक्शा चलाने वाला यह व्यक्ति आज प्रदेश का मुख्यमंत्री बना है और यह सब कांग्रेस की मेहरबानी है मैं सोनिया गांधी राहुल गांधी सहित सभी वरिष्ठ कांग्रेसियों का आभारी हूं |
  • पंजाब में बदला सरदार - चरणजीत सिंह चन्नी बने असरदार

    पंजाब में बदला सरदार - चरणजीत सिंह चन्नी बने नए मुख्यमंत्री -

    राजनीति और क्रिकेट में कभी भी कुछ भी हो सकता है ,

    पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद कल से सियासी उठापटक पर विराम लगाते हुए कांग्रेश की दिल्ली हाईकमान ने बहुत विचार विमर्श के बाद पंजाब में अगले विधानसभा चुनाव जीतने के लिए रणनीति के तहत दलित मुख्यमंत्री बनाया है | विश्वस्त सूत्रों पर मीडिया खबरों के अनुसार दोपहर बाद गुरदासपुर के सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम मुख्यमंत्री के लिए चल रहा था उनके द्वारा राजभवन में मुलाकात के लिए खबर भी भेजी जा चुकी थी , लेकिन शायद एक गलती से वे मुख्यमंत्री बनते बनते रह गए | मीडिया के सामने उनका बयान मुख्यमंत्री की कुर्सी से दूर ले गया ! और फिर अचानक चरणजीत सिंह चन्नी का नाम पंजाब केमुख्यमंत्री के लिए घोषित कर दिया गया |

  • आखिरकार पंजाब के मुख्यमंत्री ने दिया इस्तीफा ,
    मेरा फैसला सुबह हो गया था मैंने कांग्रेस प्रेसिडेंट से बात की थी सुबह | बात यह है के यह तीसरी बार यह हो रहा है पिछले कुछ महीनों में जिस तरीके से बात हुई है , 2 महीने में 3 बार आपने मेंबर्स आफ सेक्रेटरी की मीटिंग हुई, मैंने फैसला किया है कि चीफ मिनिस्टर का पद छोड़ दूंगा जिन पर उनका भरोसा होगा उन्हें बनाएं और मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है | कांग्रेस प्रेसिडेंट में फैसला किया वह ठीक है | मैं बताना चाहता हूं आपको कि चीफ मिनिस्टर के पद से मैंने स्टीफा दे दिया है जिसको बनाना चाहे वह बनाएं पॉलिटिक्स में 52 साल हो गए मुझे मेरे साथ जो लोग हैं मैं उनसे सलाह करके अगला कदम तय करूंगा और निर्णय लूंगा
  • पूर्व सीएम रमन सिंह और पन्नालाल के बीच रिश्ता क्या कहलाता है? - कांग्रेस ने जारी की फोटो

    पूर्व सीएम रमन सिंह और पन्नालाल के बीच रिश्ता क्या कहलाता है? - कांग्रेस ने जारी की फोटो 

    भाजपा बतायें रमन सिंह और पन्नालाल की तस्वीर सही है या पन्नालाल के खिलाफ शिकायत सही है? - धनंजय सिंह ठाकुर

     

    रायपुर/17 सितम्बर 2021। सोशल मीडिया में वायरल हो रही पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और अरूण पन्नालाल की फोटो पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किये है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि यू-ट्यूब देखकर जोर जबरदस्ती धर्मांतरण के आरोप लगाने वाली भाजपा की पोल सोशल मीडिया में वायरल हो रही रमन सिंह और पन्नालाल की तस्वीर ने खोल दी है। भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और पन्नालाल के बीच क्या रिश्ता है? भाजपा बतायें रमन सिंह और पन्नालाल की तस्वीर सही है या पन्नालाल के खिलाफ शिकायत सही है? भाजपा धर्मांतरण के आड़ में छिपकर राजनीतिक पाखंड कर रही है। भाजपा नेताओं ने कुछ दिन पहले प्रेसवार्ता कर 200 एफआईआर का दावा किया लेकिन अब तक उन एफआईआर की कॉपी को सार्वजनिक भी नहीं कर पाई है। भाजपा धर्मांतरण की आड़ में अपना राजनीतिक मकड़जाल बुन रही थी और उसी जाल में फंस गई है। रमन सिंह और पन्नालाल की साझा तस्वीर रमन सरकार के जंगलराज की पोल खोल रही है उस दौरान रमन सरकार के संरक्षण पर धर्मांतरण का गंदा खेल खेला गया। भाजपा की धर्म से धर्म को लड़ाने की और नफरत फैलाने की राजनीति का पटाक्षेप हो गया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार एवं उसके पूरे कैबिनेट को थूंककर बहाने की जो अमर्यादित अपमानित, छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान को चोट पहुंचाने, किसान, मजदूर, युवा, महिलाएं, व्यापारी को अपमानित करने वाला बयान दी। जिसका पूरे प्रदेश में निंदा हो रही है, भाजपा की थू-थू हो रही है। भाजपा अब धर्मांतरण की राजनीतिक पाखंड कर डी पुरंदेश्वरी के थूकने वाले बयान से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार किसान, मजदूर, युवा, व्यापारी, छत्तीसगढ़ के कला, संस्कृति, परंपरा, तीज-त्यौहार आदिवासी वर्ग, जनजाति वर्ग, पिछड़ा वर्ग के हित में काम कर रही है। भाजपा छत्तीसगढ़ में मुद्दाविहीन हो चुकी है। जनसमर्थन खो चुकी है। अब भाजपा छत्तीसगढ़ के शांत धरा को अशांत करने धर्म से धर्म को लड़ाकर नफरत फैलाने में लगी हुई है। छत्तीसगढ़ सरकार शिकायतों की गम्भीरता से जांच करेगी और कड़ी कार्यवाही करेगी।

  • पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते भाजपा में हुए शामिल

    पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते सरदार इंदरजीत सिंह भाजपा में शामिल हो गए हैं | भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी सहित अन्य राष्ट्रीय नेताओं के सामने उन्हें भाजपा की सदस्यता प्रदान की गई और उनका अभिनंदन किया गया |