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  • central बजट- 2023

    बजट-

    80 करोड़ लोगों को मुक्त अनाज मिलेगा, मुक्त अनाज पर 2 लाख करोड़ का खर्च.. 

    आदिवासियो के लिए 15 हजार करोड़ का पैकेज, आदिवासियों के लिए विशेष स्कूल खोले जाएंगे.. 

    जेल में बंद गरीबो को सरकार छुड़वायेगी, जमानत का पैसा सरकार देगी... 

    2.40लाख करोड़ रेलवे पर खर्च होगा... 

    पीएम प्रमाण योजना शुरू की जाएगी ऑर्गेनिक खेती के लिए होगी पीएम प्रमाण योजना... 

    50 नए हवाई अड्डे खोले जायेंगे... 

    पीएम आवास योजना पर 79 हजार करोड़ खर्च होगा... 

    कोरोना से प्रभावित कारोबारियों को दी जाएगी राहत...

    पीएम कौशल विकास योजना के तहत युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जाएगी, स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोले जाएंगे 47 लाख युवाओं को ट्रेनिंग मिलेगी... 

    30 लाख छात्रों को स्कॉलरशिप मिलेगी... 

    बॉर्डर से सटे गाँव को टूरिज्म बनाएंगे... 

    कोरोना से प्रभावित कारोबारियों को राहत मिलेगी... 
    MSME सेक्टर को स्पेशल पैकेज मिलेगा..

  • रेलवे अधिकारी ने ट्रेन से कटकर जान दे दी

    मुंबई में एक रेलवे अधिकारी ने ट्रेन से कटकर जान दे दी. ये अधिकारी वेस्टर्न रेलवे में चीफ लोको इंस्पेक्टर थे और इनका नाम आरएस गौर बताया गया है. घटना 28 जनवरी को दोपहर 12 से 1 बजे के बीच की बताई जा रही है. इस घटना का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है.

    न्यूज वेबसाइट इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, इस फुटेज में दिखाया गया है कि पहले ये अधिकारी प्लेटफॉर्म पर खड़े होकर ट्रेन आने का इंतजार करते हैं और जैसे ही ट्रेन आने वाली होती है, वैसे ही वो कूद जाते हैं और पटरियों पर लेट जाते हैं. उनके लेटते ही एक तेज रफ्तार ट्रेन आती है और उनके ऊपर से होकर गुजर जाती है. तो वहीं, प्लेटफ़ॉर्म पर खड़े दूसरे यात्री इस हादसे को देख भौंचक्के रह जाते हैं.

    अधिकारी ने छोड़ा सुसाइड नोट

    वहीं, न्यूज वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, अधिकारी ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है. इस नोट में उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदारी किसी को नहीं बताया है. हालांकि, उन्होंने सुसाइड में उन्होंने अपनी पत्नी और भाई को कुछ निर्देश जरूर दिए हैं. इसके अलावा बताया गया है कि लोको इंस्पेक्टर जीएस गौर अनिद्रा की बीमारी से भी ग्रसित थे.

     

    पुलिस ने दर्ज किया मामला

    इस मामले के संबंध में जीआरपी अधिकार क्षेत्र के तहत विले पार्ले पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है. पश्चिम रेलवे के पीआरओ के मुताबिक, इंस्पेक्टर ने आत्महत्या काम के तनाव की वजह से नहीं की है, उनके सुसाइड के पीछे कुछ और ही वजह है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. उनके परिजनों को इस हादसे की जानकारी दे दी गई है. बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. 

  • गुरुवाणी का प्रकाश नई पीढ़ी तक ले जाना ही कीर्तन समागम का मुख्य उद्देश्य : अलौकिक कीर्तन समागम
    राजधानी रायपुर के गुरुनानक नगर (श्यामनगर ) गुरूद्वारे में अलौकिक कीर्तन समागम सोसायटी और गुरुद्वारा श्री गुरुसिंघ सभा द्वारा इस वर्ष भी 23 से 26 जनवरी तक अलौकिक कीर्तन समागम का आयोजन किया जा रहा है। तीन दिवसीय अलौकिक कीर्तन समागम में देशभर के रागी जत्थे शामिल होकर संगत को निहाल कर रहे है | अलौकिक कीर्तन समागम का संचालन कर रहे ज्ञानी हरइक़बाल सिंह बाली ने कहा कि इस समागम में ओड़िसा महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से सिक्ख समाज के अलावा अन्य समाज के लोग भी पहुंच रहे हैं और रागी जत्थे कीर्तन और कथा से सबको निहाल कर रहे हैं | इस बार जालन्धर से मेहबराणा सिंह, चंडीगढ़ से लवनीत सिंह, पटियाला से जसकरण सिंह, दरबार साहिब अमृतसर से करनैल सिंह, सतनाम सिंह जैसे जाने माने कीर्तनकार, रागी जत्थे कथाकार शामिल हुए है | आलौकिक कीर्तन समागम में विशेष रूप से ज्ञानी पिंदर पाल सिंघ आध्यात्मिक ज्ञान से साधसंगत को निहाल कर रहे हैं। ज्ञानी हर इकबाल सिंघ बाली ने कहा कि गुरुवाणी का प्रकाश नई पीढ़ी तक ले जाना ही कीर्तन समागम का मुख्य उद्देश्य है। गुरुग्रंथ साहिब में लिखी विभिन्न संतों की वाणी सुनने सिख समाज के लोग उमड़ रहे हैं। गुरुनानक नगर में सजाए गए विशेष दीवान में छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा कीर्तन समागम चल रहा है। कीर्तन समागम के दूसरे दिन भी जत्थों को सुनने काफी श्रद्धालु पहुंचे। गुरुग्रंथ साहिब में सभी वर्गो को जोड़ने का ज्ञान है | अरदास अर्थात प्रार्थना में सरबत के भले अर्थात सभी के अच्छे के लिए हाथ जोड़ कर वाहेगुरु के आगे सीस झुकाया जाता है| CG 24 News-Singhotra
  • राज्यपाल नाराज - CG 24 News की खबर की हुई पुष्टि
    *CG 24 News की खबर की हुई पुष्टि* *राजभवन से बीसीसीआई एवं छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ को जाएगा नाराजगी भरा पत्र* राजधानी के शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में 21 जनवरी को भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए वनडे मैच में प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उइके को निमंत्रण नहीं मिला - बीसीसीआई ने राज्यपाल को नहीं दिया था निमंत्रण - राजभवन द्वारा भारत सरकार और बीसीसीआई को राजवन द्वारा भेजा जाएगा पत्र | गौरतलब है कि रायपुर में पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच का 21 जनवरी को आयोजन हुआ इसमें भारत ने शानदार जीत दर्ज की हालांकि रायपुर में पहली बार वनडे मैच का आयोजन था स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने मंत्रियों के साथ स्टेडियम पहुंचे और मैच का आनंद लिया तालियां बजाईं, भांगड़ा भी किया | बिलासपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस समेत तमाम वरिष्ठ प्रशासनिक अफसर भी मैच देखने पहुंचे थे, केवल राजभवन की इस आयोजन में अनदेखी हुई जिसे लेकर राज्यपाल ने नाराजगी व्यक्त की | *CG 24 News की 22 जन. की खबर* *अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में राज्यपाल की अनुपस्थिति चर्चा का विषय* https://cg24news.in/article-view.php?pathid=49717&article=7 अब देखने वाली बात यह है कि राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके की नाराजगी के बाद प्रदेश में बीसीसीआई और छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ की क्या प्रतिक्रिया सामने आती है ? cg24news.in *CG 24 News-Singhotra*
  • छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का अधिकार सभी कलेक्टरों को
    राज्य में प्रदेश के सभी कलेक्टरों को रासुका लगाने का अधिकार देना राज्य सरकार की तानाशाही का प्रयास है - भाजपा राज्य सरकार के खिलाफ प्रदेश में उठ रही आवाजों, धरना - प्रदर्शन को दबाने इस अधिसूचना का भाजपा द्वारा विरोध - पत्रकार वार्ता में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष dr. रमन सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव व पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने किया | यह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून नही कांग्रेस सुरक्षा कानून है - रमन सिंह
  • *online ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने पुलिस तत्पर - रहें सावधान*
    *सतर्कता जरूरी - रहें सावधान* *सायबर - ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने पुलिस की तत्परता* *साइबर क्राइम हेल्पलाईन नंबर 1930 सें मिल रही है सफलता* साइबर क्राइम हेल्पलाईन नंबर 1930 के माध्यम से पीड़ितो को दी जाने वाली सहायता को और बेहतर बनाने की दृष्टि से पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा के मार्गदर्शन पर इस व्यवस्था को डायल 112 कंट्रोल रूम में शिफ्ट कर दिया गया है। इस व्यवस्था का बेहतर परिणाम सामने आ रहा है। जानकारी के अनुसार 1930 हेल्पलाईन टीम द्वारा 10 दिनो में लगभग 4 लाख रूपये बचाये गये है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ( तकनीकी सेवा) कवि गुप्ता ने बताया कि विगत डेढ़ वर्षों में इस व्यवस्था के माध्यम से 4 करोड़ से ज्यादा राशि होल्ड करवायी जा चुकी है। *कैसे काम करती है सिटीजन फाइनैंशल फ्रॉड रिर्पोटिंग सिस्टम* पीड़ितों हेतु साइबर क्राइम पोर्टल पर सिटीजन फाइनेंसियल फ्रॉड रिर्पोटिंग सिस्टम नामक प्लेटफार्म उपलब्ध है जिसमें पुलिस के साथ-साथ सभी बैंक मर्चेंट एवं वॉलेट कंपनियों के नोडल अधिकारी भी जुड़े रहते हैं। जैसे ही कोई साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड की शिकायत पोर्टल पर दर्ज की जाती है, इसकी सूचना सबसे पहले उस बैंक के नोडल अधिकारी के पास पहुंचती है जिस बैंक का खाता धारक प्रार्थी है। नोडल अधिकारी पोर्टल के माध्यम से जिस बैंक के खाताधारक को राशि क्रेडिट हुई है उसे सूचित करता है। यदि सूचित किए गए दूसरे बैंक के आरोपी खाताधारक के खाते में धनराशि उपलब्ध है तो वह होल्ड हो जाती है, और यदि दूसरे बैंक से भी धनराशि किसी तीसरे बैंक को ट्रांसफर हो गई है तो इस संबंध में दूसरे बैंक के नोडल अधिकारी द्वारा तीसरे बैंक के नोडल अधिकारी को सूचित कर दिया जाता है। यह सिलसिला तब तक चलता है जब तक ऐसा खाताधारक नहीं प्राप्त हो जाता है जिसके खाते में धनराशि विद्यमान हो। यदि आरोपी द्वारा एटीएम से पैसे का आहरण कर लिया जाता है, तो पैसा होल्ड नहीं हो पाता है और इस संबंध में बैंक द्वारा पुलिस को सूचित कर दिया जाता है। *अतः यह आवश्यक है कि साइबर ठगी के शिकार व्यक्ति द्वारा जल्द से जल्द शिकायत दर्ज करवाई जाए।* साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड का शिकार व्यक्ति स्वयं, साइबर क्राईम हेल्पलाईन नंबर 1930 या नजदीकी थाना के माध्यम से साइबर क्राईम पोर्टल में सिटिजन फाइनेंसियल फ्रॉड रिपोर्टिंग सिस्टम के तहत शिकायत दर्ज कर सकता है। बढ़ते हुए साइबर अपराध संबंधित शिकायतों को देखते हुए साइबर क्राईम हेल्पलाईन नंबर की सेवा चौबीसों घंटे सातों दिन प्रदान की जा रही है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवा) प्रदीप गुप्ता ने 1930 टीम को उनके मेहनत एवं लगन की प्रशंसा करते हुए कहा कि भविष्य में इस नई प्रणाली का और विस्तार किया जायेगा ताकि साइबर अपराध से पीड़ित लोगो की त्वरित एवं प्रभावी सहायता प्रदान की जा सके। प्रदीप गुप्ता ने साइबर फायनेंसियल क्राईम के मामलों में लोगों से तुरंत शिकायत दर्ज करने हेतु अपील करते हुए कहा कि इससे समय रहते पीड़ित को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकें। CG 24 News-Singhotra
  • जोशीमठ संकट - घरों में दरार मामला - मुआवजा देने में पीछे क्यों हट रही है सरकार?*
    *जोशीमठ संकट - घरों में दरार मामला* *मुआवजा देने में पीछे क्यों हट रही है सरकार?* *यह प्राकृतिक आपदा नहीं - शासकीय, सरकारी आपदा है* *विदेशों को सहायता करने वाला हिंदुस्तान अपने नागरिकों को पर्याप्त मुआवजा देने से पीछे क्यों हट रहा - बड़ा सवाल?* यहां यह उल्लेख करना अति आवश्यक है कि भारत सरकार द्वारा करीना काल में 48 देशों को निशुल्क कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराई गई थी, परंतु जब भारत में आपदा आती है तो भारत के नागरिकों के लिए सरकारी खजाने में कमी क्यों हो जाती है ?* जोशीमठ में लगभग अधिकांश घरों दुकानों में दरार आने के बाद मकान और दुकान गिरने के संकट से जोशीमठ दहशत में है वहां के नागरिक अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं क्योंकि उनके ऊपर जो विपदा आपदा आई है वह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है वह सरकार चाहे व केंद्र सरकार हो जाए राज्य सरकार या पर्यटन विभाग पर्यटन की दृष्टि से विकास के लिए किए जा रहे विकास में अधिकारियों ठेकेदारों और संबंधित विकास एजेंसियों की नाकारा हरकतों और भ्रष्टाचार का भुगतान जोशीमठ वासियों को करना पड़ रहा है मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एनटीपीसी द्वारा टनल और अन्य विकास कार्यों के दौरान किए जा रहे बारूदी विस्फोट के कारण पूरा जोशीमठ हिल गया मकान दुकान होटल सब गिरने की कगार पर हैं और इन सब के लिए अगर जिम्मेदार माना जाए तो केंद्र एवं राज्य सरकार ही हैं | अरबों खरबों के प्रोजेक्ट में इंजीनियर और आर्किटेक्ट की लापरवाही और कमाई में बंदरबांट का भुगतान जोशीमठ के नागरिकों को करना पड़ रहा है इन सब के बावजूद केंद्र एवं राज्य सरकार जोशीमठ के पीड़ित नागरिकों को पर्याप्त मुआवजा देने में आनाकानी कर रही है देखा जाए तो राज्य एवं केंद्र सरकार को पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हुए पीड़ितों को विकास के लिए भू अर्जन करने के नियमों के तहत 4 गुना मुआवजा देकर उन्हें किसी अन्य जगह व्यवस्था पित्त करना चाहिए परंतु देखने में आ रहा है कि वहां का शासन प्रशासन और केंद्र सरकार उन्हें अस्थाई आवासों में जगह उपलब्ध करा रही है उनके रहने खाने और व्यवसाय की चिंता सरकार नहीं कर रही है उनके लाखों करोड़ों के मकान को ध्वस्त करने के एवज में राशि उपलब्ध कराने कोई लिखित आश्वासन भी नहीं दे रही है | राज्य एवं केंद्र सरकार के रवैए से नाराज वहां के पीड़ित नागरिक बच्चे महिलाएं युवा बुजुर्ग सड़कों पर आंदोलन करने बाध्य हो गए हैं | पीड़ितों की एक ही मांग है कि उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए वह भी लिखित में और उन्हें कहीं उचित जगह पर व्यवस्थापन उपलब्ध कराया जाए | अब देखने वाली बात यह है कि शासन प्रशासन और केंद्र का व्यवहार परिवर्तित होता भी है या नहीं या उन्हें अपने हाल पर जीने मरने के लिए छोड़ दिया जाता है | *सुखबीर सिंघोत्रा - जर्नलिस्ट* 9301094242
  • छत्तीसगढ़ का पहल कलर डॉप्लर रडार स्टेशन - - आँधी, तूफान, सूखा की तुरंत देगा जानकारी
    छत्तीसगढ़ में आँधी, तूफान, सूखा ये बारिश की पहले से ज्यादा सटीक भविष्यवाणी सच होगी | इंदिरागाँधी कृषि विश्वविद्यालय में छत्तीसगढ़ का पहल कलर डॉप्लर रडार स्टेशन लगने जा रहा है |इसकी घोषणा पहले ही हो चुकी थी, आज केंद्रीय मौसम विज्ञान के अधिकारी और इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यलय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर संपन्न हो गए. इसी के साथ आईजीकेवी के मौसम विज्ञान केंद्र परिसर में ही रडार टॉवर लगने का काम शुरू हो जाएगा. 31 मार्च 2023 से पहले टॉवर लगाने का काम पूरा हो जाएगा. केंद्रीय मौसम विज्ञान विभाग के मौसम वैज्ञानिक एम एल साहू ने बताया कि टॉवर 500 किलोमीटर के क्षेत्र में मौसम की भविष्यवाणी हो सकेगी. जिसमें से 250 किलोमीटर की परिधि के भीतर ब्लॉक स्तर तक की भविष्यवाणी काफी सटीक होगी. यानि, फिर किसानों को पहले से बता दिया जाएगा कि किस किस ब्लॉक में कब बारिश होगी, कब आंधी तूफान आएगा, या कब बिजली गिरने का खतरा है. अब तक प्रदेश में मौसम की भविष्यवाणी भुवनेश्वर और नागपुर में लगे रडार से होता था, इसलिए भविष्यवाणी भी जिला स्तर पर होती थी, और सटीकता भी उतनी नहीं होती थी. राजधानी में कलर डॉप्लर रडार लगाने की कोशिश 10 सालों से की जा रही थी. पहले ये माना में लगना था, लेकिन एयरपोर्ट होने के चलते टॉवर की उंचाई बाधा बन गई. फाइनली, इसे आईजीकेवी में लगाया गया है. CG 24 News-Singhotra
  • *सरदारों के 12 बज गए क्यों कहा जाता है ? हर किसी के लिए यह जानना जरूरी है*
    *हर किसी को यह जानना जरूरी है* *सिखों को अर्थात सरदारों के 12 बज गए क्यों कहा जाता है ?* *सिक्ख सेवा की ऐसी मिसाल जिसे पूरा विश्व देता है सम्मान* *जब रात के 12 बजते थे तब मुगलों से हिंदुस्तान की बहू-बेटियों की आबरू की रक्षा करते थे सरदार* अत्याचारी मुगल शासक अहमद शाह अब्दाली हिंदू लड़कियों और महिलाओं को घरों से उठाकर बेचने के लिए गजनी के बाजार में ले जाता था। अब्दाली के आतंक से बचने के लिए महिलाओं ने सिक्खों के समक्ष गुहार लगाई। इसके बाद सिक्ख जरनैल बाबा जस्सा सिंह अहलूवालिया ने रात को 12 बजे एक विशेष अभियान के तहत अटैक किया और 2200 लड़कियों और महिलाओं को जालिमों के अत्याचार से बचाया। न सिर्फ उनकी इज्जत और आबरू बचाई वरन उनके घरों तक छोड़ कर आए थे। इसके बाद सिक्ख जरनैल हर रात 12 बजे ही अत्याचार के खिलाफ अभियान चलाते थे। इसी अभियान का मुगलों में डर पैदा हो गया था। कहते थे कि 12 बज गए हैं, सावधान हो जाओ, सरदार आ जाएंगे | जब सिक्खों के 12 बजते थे तब हिंदुस्तान की बहू-बेटियों की रक्षा होती थी। सरदारों ने हमेशा चढदीकलां और पंथ की भलाई के लिए काम किया है। सिक्खों का धर्म की रक्षा और शहीदियों का लंबा इतिहास रहा है। सिक्खों की सेवा करने के जज्बे की आज पूरा विश्व प्रशंसा करता है। हिंदू बहू बेटियों की आबरू और जान की रक्षा करने वाले सिक्ख - सरदारों के साथ 12 बज गए, 12 बजने वाले हैं, सरदारों के 12 बजते हैं, 12 बजे सरदारों का दिमाग खराब हो जाता है कहने वालों - 12 बजे के समय को लेकर सरदारों के विरुद्ध चुटकुले बनाने वालों को सिक्ख इतिहास पढ़ लेना चाहिए | उन्हें अपने पूर्वजों के इतिहास और समस्याओं के बारे में भी पता करना चाहिए | ताकि वे कभी भी सरदारों के खिलाफ अपशब्द,अभद्र, धर्म विरुद्ध कोई टिप्पणी ना करें साथ ही देश के सभी हिंदू जान सकें की सिक्ख गुरुओं ने किस तरह बलिदान देकर हिंदू धर्म की रक्षा की है| ( सुखबीर सिंह सिंघोत्रा )
  • विधानसभा में सिख समाज के संबंध में की गई विवादित टिप्पणी एवं उच्चारण : समाज आक्रोशित
    विधानसभा में अजय चंद्राकर एवं मंत्री शिव डहरिया द्वारा सिख समाज के संबंध में की गई विवादित टिप्पणी एवं विवादित उच्चारण से नाराज सिख समाज ने विरोध स्वरूप विधायक अजय चंद्राकर एवं मंत्री शिव डहरिया के बंगले का घेराव करते हुए नारेबाजी की | सिख समाज की भावनाओं का आदर करते हुए पूर्व मंत्री एवं विधायक अजय चंद्राकर सहित मंत्री शिव डहरिया ने बंगले से बाहर आकर अपने शब्दों के लिए खेद प्रकट करते हुए लिखित माफी मांगी |cg 24news पूर्व मंत्री एवं विधायक अजय चंद्राकर ने सिख समाज के लोगों से प्रत्यक्ष मिलकर उनके विरोध को जायज बताते हुए अपनी गलती स्वीकार की | अजय चंद्राकर के बंगले से सिख समाज के आक्रोशित लोगों ने मंत्री शिव डहरिया के बंगले का रुख किया, भारी मात्रा में एकत्रित सिख युवाओं ने मंत्री बंगले के गेट के सामने जमीन पर बैठकर नारेबाजी करते हुए कहा कि मंत्री शिव डहरिया बंगले से बाहर आए और समाज से माफी मांगे | सूचना मिलते ही सिविल लाइन एवं तेलीबांधा पुलिस मंत्री बंगले पहुंच गई | पुलिस टीम ने सुरक्षा की दृष्टि से मोर्चा संभाला और सिख समाज के प्रदर्शनकारियों से चर्चा कर शांति व्यवस्था बनाए रखने का निवेदन किया | सिख समाज द्वारा प्रदर्शन किए जाने की सूचना प्राप्त होते ही विधायक कुलदीप जुनेजा भी मंत्री शिव डहरिया के बंगले पहुंचे और उन्होंने सिख समाज के आक्रोशित युवाओं से चर्चा की तथा सिख समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए वे स्वयं मंत्री शिव डहरिया को बंगले से बाहर लेकर आए | मंत्री शिव डहरिया ने बंगले से बाहर आकर समाज के आक्रोशित लोगों से चर्चा की | समाज के आक्रोश को देखते हुए उन्होंने विधानसभा में अपने द्वारा कहे गए शब्दों पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि मैंने विधायक अजय चंद्राकर के द्वारा असम्मानित उच्चारण के विरोध में अपनी बात रखी थी, परंतु फिर भी यदि समाज को किसी तरह की कोई ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं और अपने कहे गए शब्दों के लिए माफी मांगता हूं | समाज की मांग पर उन्होंने लिखित पत्र भी दिया |
  •  'वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह' का नारा दिया था.

    स्वर्ण मंदिर पहुंचे श्रद्धालु

    गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में पवित्र डुबकी लगाकर अरदास की. काफी श्रद्धालु स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकते हुए दिखाई दिए. नानकशाही कैलेंडर के अनुसार, हर साल पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह की जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है.

    गुरु गोबिंद सिंह का जन्म अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, 22 दिसंबर 1666 को हुआ था. 7 अक्टूबर 1708 को मुगलों से युद्ध के दौरान उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था. श्री हजूर साहिब गुरु गोबिंद सिंह का शहीद स्थल है. जो महाराष्ट्र के नांदेड़ में है. 

    खालसा पंथ की स्थापना

    गुरु गोबिंद सिंह ने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी. इसके बाद सिख धर्म में पांच ककार यानी केश, कंगन, कृपाण, कंघा और कच्छा अनिवार्य कर दिया गया था. गुरु गोबिंद सिंह ने अपने बाद गुरु परंपरा को समाप्त कर दिया था. उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को स्थायी गुरु घोषित किया था. गुरु गोबिंद सिंह ने 'वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह' का नारा दिया था. 

  • टी एस सिंहदेव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच का कुर्सी विवाद एक बार फिर आया सामने
    छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच का कुर्सी विवाद एक बार फिर सामने आ गया है स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि वे अपने भविष्य के प्रति चुनाव से पहले निर्णय लेंगे यह बयान एक प्रकार से उनकी पीड़ा व्यक्त करता है, मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए अढ़ाई अढ़ाई साल के फार्मूले की अवहेलना होने से पहले ही व्यथित एवं नाराज हैं अब प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं हो सकता है कि वह अपने आप को मुख्यमंत्री कैंडिडेट घोषित करवाने का प्रयास करें |