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  • कॉप 27  - 27वां पार्टियों का सम्मेलन - भूपेंद्र यादव

    कई चुनौतियों तथा विचारों में भिन्नता के बावजूद, सदस्य देशों ने जटिल मुद्दों के समाधान के प्रयास किए

    भारत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान देता है और उम्मीद करता है कि वैश्विक समुदाय, विशेष रूप से विकसित देश भी अपने वादे को पूरा करेंगे।

    27वां पार्टियों का सम्मेलन (कॉप27) पिछले सप्ताह समाप्त हुआ और कई चुनौतियों तथा विचारों में भिन्नता के बावजूद, सदस्य देशों ने जटिल मुद्दों के समाधान के प्रयास किए।
    कॉप27 को कार्यान्वयन के लिए कॉप का ब्रांड नाम दिए जाने के साथ, प्रमुख मुद्दों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनमें प्रमुख हैं- हानि और क्षति वित्त पोषण पर समझौता;
    अनुकूलन और शमन कार्यक्रम को प्रोत्साहित करना, जो उत्सर्जन में कमी का मुकाबला करता है और प्रभावी कार्यान्वयन को गति प्रदान करता है तथा जो वैश्विक तापमान वृद्धि को पूर्व
    औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर रखने के अधिक महत्वाकांक्षी पेरिस समझौते के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने के लिए वैश्विक समुदाय को प्रेरित करता है।
    भारत की दृष्टि से कॉप27 के परिणाम महत्वपूर्ण रहे हैं, क्योंकि एक देश के रूप भारत के या विकासशील देशों की सामूहिक आवाज के रूप में भारत द्वारा प्रस्तावित चिंताओं, विचारों और सुझावों को उचित महत्व दिया गया है। शर्म अल-शेख कार्यान्वयन योजना मानती है कि ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए 2019 के स्तर की तुलना में 2030 तक वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 43 प्रतिशत की तेज और निरंतर कमी किए जाने की आवश्यकता है। योजना यह भी स्वीकार करती है कि "विभिन्न राष्ट्रीय परिस्थितियों के आलोक में एवं सतत विकास और गरीबी उन्मूलन के प्रयासों के संदर्भ में सामान्य लेकिन पृथक जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं [सीबीडीआर-आरसी] को दर्शाते हुए, न्यायपूर्ण और सर्वोत्तम उपलब्ध वैज्ञानिक ज्ञान के आधार पर, इस महत्वपूर्ण दशक में त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है। भारत, राष्ट्रों के लिए जलवायु कार्रवाई लक्ष्यों को निर्धारित करने और इन्हें पूरा करने में सीबीडीआर-आरसी दृष्टिकोण अपनाने का मुखर समर्थक रहा है, ताकि जलवायु परिवर्तन की अनिश्चितताओं से पृथ्वी को बचाने की इस संयुक्त लड़ाई में हम ऐतिहासिक प्रदूषण फैलाने वाले देशों और तकनीकी व वित्तीय अंतर के प्रति सचेत रहें तथा हरित विश्व निर्माण के लिए विकासशील देशों को शामिल किए जाने की आवश्यकता सुनिश्चित की जा सके। कार्यान्वयन योजना ने पार्टियों से आग्रह किया, "जिन्होंने अभी तक नए या अद्यतन राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदानों की जानकारी नहीं दी है, वे जल्द से जल्द इसे पूरा करें।“ भारत न केवल उन 29 देशों में शामिल है, जिन्होंने सीओपी26 के बाद अपने बढ़े हुए एनडीसी प्रस्तुत किए हैं, बल्कि उन 60 से कम देशों की उस सूची में भी मौजूद है, जिन्होंने ग्लासगो में अपनी शुद्ध शून्य घोषणा के एक वर्ष के भीतर अपनी दीर्घकालिक कम उत्सर्जन विकास रणनीतियां प्रस्तुत की हैं। ये कदम, जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के प्रयास का हिस्सा बनने के सन्दर्भ में नरेन्द्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। देशों को निम्न-कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करते हुए, कॉप27 कार्यान्वयन योजना "राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप सबसे गरीब और सबसे कमजोर देशों को लक्ष्य-आधारित समर्थन देने और एक न्यायपूर्ण परिवर्तन की दिशा में समर्थन की आवश्यकता की पहचान करने" का आह्वान करती है। इसने मान्यता दी कि "विकासशील देशों को दिया गया अधिक समर्थन, उनकी कार्रवाई संबंधी उच्च महत्वाकांक्षा को अनुमति प्रदान करेगा। भारत ने इस बात को रेखांकित किया कि अधिकांश विकासशील देशों के लिए न्यायपूर्ण बदलाव की तुलना सिर्फ कार्बनीकरण को कम करने से नहीं की जा सकती है, लेकिन कम- कार्बन उत्सर्जन के साथ; विकासशील देशों को, अपनी पसंद के ऊर्जा मिश्रण तथा एसडीजी हासिल करने में, स्वतंत्रता की आवश्यकता है। कॉप27 ने सभी जलवायु कार्रवाईयों- न कि केवल शमन, बल्कि शमन, अनुकूलन, वित्त, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण- पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व को रेखांकित किया। कॉप27 योजना ने "गंभीर चिंता के साथ, जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव से मुकाबले के लिए अनुकूलन के मौजूदा स्तरों और उन स्तरों, जिनकी आवश्यकता है, के बीच मौजूदा अंतर को; जलवायु परिवर्तन छठी आकलन रिपोर्ट पर अंतर-सरकारी पैनल के सन्दर्भ में कार्य समूह II के योगदान के निष्कर्षों के अनुरूप” बताया। इसने पार्टियों से क्षमता बढ़ाने, सहनीयता को मजबूत करने और जलवायु परिवर्तन के प्रति खतरे को कम करने के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया। इसने विकासशील देशों से "जलवायु वित्त, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और अनुकूलन के लिए क्षमता निर्माण संबंधी अपने प्रावधान को तत्काल और महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने का आग्रह किया, ताकि विकासशील देशों की जरूरतों का समाधान किया जा सके।“ भारत ने लंबे समय से अनुकूलन को उचित महत्व देने और विकासशील देशों की जरूरतों के पैमाने के अनुरूप संसाधनों के पैमाने पर चर्चा करने की तत्काल आवश्यकता पर अपनी लड़ाई को जारी रखा है। कॉप27 कार्यान्वयन योजना इस बात पर जोर देती है कि उचित और न्यायसंगत बदलाव के उपायों में ऊर्जा, सामाजिक आर्थिक, कार्यबल और अन्य आयाम शामिल हैं, जिनमें से सामाजिक सुरक्षा समेत सभी को राष्ट्रीय स्तर पर परिभाषित विकास प्राथमिकताओं पर आधारित होना चाहिए, ताकि परिवर्तन से जुड़े संभावित प्रभावों को कम किया जा सके। इस योजना में, सामाजिक एकजुटता तथा लागू उपायों के प्रभावों को कम करने से संबंधित उपकरणों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया है।  योजना दस्तावेज़ ने "सार्थक शमन कार्रवाई और कार्यान्वयन पर पारदर्शिता के संदर्भ में विकसित देशों का 2020 तक प्रति वर्ष संयुक्त रूप से 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाने का लक्ष्य अभी तक पूरा नहीं होने ..." पर गंभीर चिंता व्यक्त की। भारत के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण आयाम, शर्म अल-शेख कार्यान्वयन योजना के प्रस्तावना निर्णय में '“जलवायु परिवर्तन के समाधान के प्रयासों में सतत जीवनशैली अपनाना तथा उपभोग और उत्पादन के स्थायी प्रारूप की दिशा में बदलाव” को शामिल किया जाना है। यह कदम ‘मिशन लाइफ’ के अनुरूप है, जो संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 20 अक्टूबर को शुरू की गई ‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली’ को बढ़ावा देता है। कॉप27, पेरिस समझौते के तहत जलवायु वित्त पर नए सामूहिक मात्रात्मक लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने के लिए भी मंच तैयार करता है। इसने जलवायु वित्त पर नए सामूहिक मात्रात्मक लक्ष्य (एनसीक्यूजी) पर विचार-विमर्श में ठोस प्रगति की आवश्यकता को स्वीकार किया, जो मात्रा, गुणवत्ता, पहुंच और धन के स्रोतों समेत विकासशील देशों की जरूरतों और प्राथमिकताओं जैसे विषयों पर भी विचार करेगा। कार्यान्वयन योजना दस्तावेज़, जलवायु न्याय पर केंद्रित है, जो विकासशील देशों द्वारा सामना की जा रही चिंताओं और मुद्दों का समाधान करता है। भारत के सुझावों को कॉप27 के निर्णयों में शामिल किया गया। प्रधानमंत्री मोदी, जिनके नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना गठबंधन जैसी कई अंतर्राष्ट्रीय पहल हुई हैं, ने बार-बार दोहराया है कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में कोई भी देश पीछे नहीं छूटना चाहिए। भारत ने जलवायु परिवर्तन की अनियमितताओं के प्रति सबसे संवेदनशील देशों के लिए एक विशेष कार्ययोजना तैयार की है और जलवायु वार्ताओं में जलवायु न्याय की मांग की है। कॉप27 ने वित्त से लेकर अनुकूलन तक सभी क्षेत्रों में तत्काल कार्रवाई और वादों के कार्यान्वयन के लिए आवाज बुलंद की है। भारत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान देता है और उम्मीद करता है कि वैश्विक समुदाय, विशेष रूप से विकसित देश भी अपने वादे को पूरा करेंगे।

  •   जुटेंगे देश के कई नामचीन लेखक और साहित्यकार - रायपुर में मुक्तिबोध प्रसंग
    29 व 30 नवंबर को रायपुर में मुक्तिबोध प्रसंग जुटेंगे देश के कई नामचीन लेखक और साहित्यकार रायपुर. छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी पंड़ित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की अध्ययनशाला के साथ विश्वविद्यालय के कला भवन में दो दिवसीय मुक्तिबोध प्रसंग का आयोजन कर रही है. इसी महीने 29-30 नवंबर को होने वाले इस आयोजन में देश के कई जाने-माने लेखक और साहित्यकार शामिल होंगे. अलग-अलग सत्रों व विभिन्न विषयों पर केन्द्रित इस आयोजन के उद्घाटन सत्र को प्रसिद्ध कवि लाल्टू व वरिष्ठ आलोचक जयप्रकाश संबोधित करेंगे. उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता विश्विवद्यालय के कुलपति केशरीलाल वर्मा करेंगे. इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण सत्र हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार गजानन माधव मुक्तिबोध और उनके छोटे भाई व मराठी के प्रसिद्ध साहित्यकार शरच्चंद्र माधव मुक्तिबोध के आपसी पारिवारिक, साहित्यिक और वैचारिक संबंधों पर आधारित है. मुक्तिबोध और मुक्तिबोध गजानन माधव और शरच्चंद्र माधव शीर्षक से आयोजित इस सत्र में वरिष्ठ साहित्यकार श्रीपाद भालचंद्र जोशी, साहित्यकार व पर्यावरणविद् प्रदीप मुक्तिबोध और कवि व आलोचक प्रफुल्ल शिलेदार अपनी बात रखेंगे. इस सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध करेंगे. कार्यक्रम में मुक्तिबोध की कविताओं पर विमर्श सत्र आवेग-त्वरित-काल-यात्री और उनके रचनात्मक व आलोचनात्मक अवदान पर केंद्रित सत्र अंधेरे में रोशनी मुक्तिबोध आयोजित किया जाएगा. इन सत्रों में शामिल वक्ताओं में कवि-कहानीकार बसंत त्रिपाठी, कवि व आलोचक मृत्युंजय, आलोचक अमिताभ राय, कवि मिथलेश शरण चौबे, दर्शनशास्त्री पंकज श्रीवास्तव, युवा आलोचक कामिनी और युवा आलोचक भुवाल सिंह ठाकुर शामिल हैं. इन सत्रों की अध्यक्षता साहित्य व भाषा अध्ययनशाला की प्राध्यापक शैल शर्मा और मधुलता बारा करेंगी. कार्यक्रम के दौरान एक कवि गोष्ठी का आयोजन भी रखा गया है जिसमें लाल्टू, नवल शुक्ल, विजय सिंह, प्रफुल्ल शिलेदार, पथिक तारक, भास्कर चौधुरी, बसंत त्रिपाठी, मिथलेश शरण चौबे और मृत्युंजय कविता पाठ करेंगे. मुक्तिबोध प्रसंग के अंतर्गत 29 नवंबर की शाम साढ़े छह बजे संस्कृति भवन के सभागार में नागपुर के मेराकी परफार्मिंग आर्ट द्वारा तैयार और सराहे गए नाटक ब्रम्हराक्षस का मंचन भी होगा. इसका निर्देशन ख्यात रंगकर्मी मंगला सानप ने किया है.यह जानकारी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष ईश्वर सिंह दोस्त ने दी है.
  • हिंदू महिलाएं सुरक्षित नहीं:भाजपा - क्या कुछ हो रहा है हिंदू महिलाओं के साथ
    *हिंदू महिलाओ के षड्यंत्रपूर्ण उत्पीड़न पर भूपेश सरकार मौन क्यों?:भाजपा* *कांग्रेस राज में हिंदू महिलाएं सुरक्षित नहीं:भाजपा* *कांग्रेस के नेता रूहाब मेनन ने छत्तीसगढ़ की बेटी के साथ अनाचार किया ,प्रियंका गांधी अब तक चुप क्यों है? छत्तीसगढ़ कब आएंगी? :भाजपा* भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, रायपुर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे, भाजपा नेत्री विश्वदिनी पांडेय ने संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसा हमेशा से होता है कि जहां जहां कांग्रेस की सरकार होती है, वहां खासकर हिंदू महिलाओं के साथ षड्यंत्र के तहत उत्पीड़न और शोषण बढ़ जाता है। ऐसे कई मामले हमेशा संज्ञान में आते रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भी लगातार ऐसे मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। ऐसे विषयों पर कांग्रेस नेता बोलने से बच रहे हैं, या मुंह छुपा रहे हैं यह शर्मनाक है। अभी भानुप्रतापपुर में उपचुनाव है। जहां कांग्रेस से महिला प्रत्याशी हैं लेकिन महिला की आबरु लूटने वाले को उसी चुनाव का सह प्रभारी बनाया गया है। *हिंदू युवतियों के साथ बलात्कार* कांग्रेस के महासचिव रुहाब मेनन ने मदद देने के बहाने युवती को बुलाकर उसके साथ बलात्कार किया इससे बड़ा विश्वासघात क्या हो सकता है? आखिर सरकार इस मामले पर मौन क्यों है? क्या अब कोई महिला कांग्रेस नेता के पास काम लेकर न जाएं? अप्रैल 2022 की ही घटना है छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के पंडरिया थाना क्षेत्र में अलीसान खान ने कवर्धा की युवती के साथ बलात्कार किया। *हिंदू युवतियों की हत्या* अक्टूबर 2022 पिछले महीने की ही बात है एक युवती वाहिद नामक व्यक्ति के साथ नया रायपुर जाती है लेकिन वह वापिस जिंदा नहीं पहुंचती वहां से उसकी लाश बरामद होती है। *हिंदू लड़कियों को बेचना* 2020 में डोंगरगढ़ की एक युवती ने बदमाशों के चंगुल से बच कर जो खुलासा किया चौकाने वाला था जिसमें महिला और पुरुषों के एक गिरोह की जानकारी सामने आई जिसमें छत्तीसगढ़ की हिंदू महिलाओं को अपहरण कर एक लाख रु बेचा जाता था एवं इसके मुख्य आरोपी के रूप में सलमान खान, जुनेद खान और साजिदा सय्यद गिरफ्तारी हुई। हैवानियत की हद तब हुई जब यह कहानी बताने वाली महिला ने बताया कि मेरे बेटे के गले पर चाकू रखकर मेरे साथ दुष्कर्म किया गया फिर मुझे बेच दिया गया। 2020 में ऐसी घटनाएं होने के बाद 2022 में भी उत्पीड़न का यह षड्यंत्र जारी है सरकार क्यों सो रही है? *उत्पीड़न के बाद हिंदू युवती द्वारा आत्महत्या* पिछली दिनों दल्लीराजहरा की युवती ने आदिल खान नामक व्यक्ति से शादी कर उत्पीड़न के बाद आत्महत्या कर ली। *शादी का झांसा और वर्षो तक हिंदू लड़कियों से बलात्कार* 2020 में ही छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में लव जिहाद का एक और मामला सामने आया जिसमें शादी का झांसा देकर निसार अहमद सिद्दीकी नामक व्यक्ति ने एक हिंदू महिला के साथ तीन साल तक बलात्कार किया साथ ही उसके साथ बर्बरता से मारपीट भी की। आज भी जब हम प्रेस को संबोधित कर रहे हैं तो कवर्धा इस बात को लेकर बंद है क्योंकि वहां हिंदू महिलाओं के साथ विशेष समाज के कुछ लोगों ने सामूहिक रूप से मारपीट की है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस राज में हिंदू महिलाओं को बेचा जाना, उनके साथ बलात्कार करना, उनकी हत्या करना, उन्हें झांसा देकर फंसाना, हर प्रकार के मामले सामने आ चुके हैं। ये घटनाएं सामान्य नहीं हैं, इसमें निश्चित तौर पर कोई बड़ा षड्यंत्र नजर आता है। आखिरकार इतने गंभीर मामलों पर कांग्रेस की सरकार और कांग्रेस के नेता क्यों चुप हैं? आज हम महिलाएं कांग्रेस से यह सवाल पूछने आई है कि हिंदू महिलाओं के उत्पीड़न की पराकाष्ठा के बावजूद उन्होंने चुप्पी क्यों साध रखी है? क्या उनकी चुप्पी अपराधियों को उनका संरक्षण है? ऐसे षड्यंत्र के बारे में तुष्टीकरण के तहत कांग्रेस हमेशा की तरह मौन ही रहना चाहती है अपने ही दल के नेता के द्वारा एक महिला के बलात्कार पर प्रियंका गांधी अब तक क्यों नहीं बोली छत्तीसगढ़ी क्यों नहीं आई।
  • हिंदू महिलाएं सुरक्षित नहीं:भाजपा - क्या कुछ हो रहा है हिंदू महिलाओं के साथ
    *हिंदू महिलाओ के षड्यंत्रपूर्ण उत्पीड़न पर भूपेश सरकार मौन क्यों?:भाजपा* *कांग्रेस राज में हिंदू महिलाएं सुरक्षित नहीं:भाजपा* *कांग्रेस के नेता रूहाब मेनन ने छत्तीसगढ़ की बेटी के साथ अनाचार किया ,प्रियंका गांधी अब तक चुप क्यों है? छत्तीसगढ़ कब आएंगी? :भाजपा* भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, रायपुर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे, भाजपा नेत्री विश्वदिनी पांडेय ने संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसा हमेशा से होता है कि जहां जहां कांग्रेस की सरकार होती है, वहां खासकर हिंदू महिलाओं के साथ षड्यंत्र के तहत उत्पीड़न और शोषण बढ़ जाता है। ऐसे कई मामले हमेशा संज्ञान में आते रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भी लगातार ऐसे मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। ऐसे विषयों पर कांग्रेस नेता बोलने से बच रहे हैं, या मुंह छुपा रहे हैं यह शर्मनाक है। अभी भानुप्रतापपुर में उपचुनाव है। जहां कांग्रेस से महिला प्रत्याशी हैं लेकिन महिला की आबरु लूटने वाले को उसी चुनाव का सह प्रभारी बनाया गया है। *हिंदू युवतियों के साथ बलात्कार* कांग्रेस के महासचिव रुहाब मेनन ने मदद देने के बहाने युवती को बुलाकर उसके साथ बलात्कार किया इससे बड़ा विश्वासघात क्या हो सकता है? आखिर सरकार इस मामले पर मौन क्यों है? क्या अब कोई महिला कांग्रेस नेता के पास काम लेकर न जाएं? अप्रैल 2022 की ही घटना है छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के पंडरिया थाना क्षेत्र में अलीसान खान ने कवर्धा की युवती के साथ बलात्कार किया। *हिंदू युवतियों की हत्या* अक्टूबर 2022 पिछले महीने की ही बात है एक युवती वाहिद नामक व्यक्ति के साथ नया रायपुर जाती है लेकिन वह वापिस जिंदा नहीं पहुंचती वहां से उसकी लाश बरामद होती है। *हिंदू लड़कियों को बेचना* 2020 में डोंगरगढ़ की एक युवती ने बदमाशों के चंगुल से बच कर जो खुलासा किया चौकाने वाला था जिसमें महिला और पुरुषों के एक गिरोह की जानकारी सामने आई जिसमें छत्तीसगढ़ की हिंदू महिलाओं को अपहरण कर एक लाख रु बेचा जाता था एवं इसके मुख्य आरोपी के रूप में सलमान खान, जुनेद खान और साजिदा सय्यद गिरफ्तारी हुई। हैवानियत की हद तब हुई जब यह कहानी बताने वाली महिला ने बताया कि मेरे बेटे के गले पर चाकू रखकर मेरे साथ दुष्कर्म किया गया फिर मुझे बेच दिया गया। 2020 में ऐसी घटनाएं होने के बाद 2022 में भी उत्पीड़न का यह षड्यंत्र जारी है सरकार क्यों सो रही है? *उत्पीड़न के बाद हिंदू युवती द्वारा आत्महत्या* पिछली दिनों दल्लीराजहरा की युवती ने आदिल खान नामक व्यक्ति से शादी कर उत्पीड़न के बाद आत्महत्या कर ली। *शादी का झांसा और वर्षो तक हिंदू लड़कियों से बलात्कार* 2020 में ही छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में लव जिहाद का एक और मामला सामने आया जिसमें शादी का झांसा देकर निसार अहमद सिद्दीकी नामक व्यक्ति ने एक हिंदू महिला के साथ तीन साल तक बलात्कार किया साथ ही उसके साथ बर्बरता से मारपीट भी की। आज भी जब हम प्रेस को संबोधित कर रहे हैं तो कवर्धा इस बात को लेकर बंद है क्योंकि वहां हिंदू महिलाओं के साथ विशेष समाज के कुछ लोगों ने सामूहिक रूप से मारपीट की है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस राज में हिंदू महिलाओं को बेचा जाना, उनके साथ बलात्कार करना, उनकी हत्या करना, उन्हें झांसा देकर फंसाना, हर प्रकार के मामले सामने आ चुके हैं। ये घटनाएं सामान्य नहीं हैं, इसमें निश्चित तौर पर कोई बड़ा षड्यंत्र नजर आता है। आखिरकार इतने गंभीर मामलों पर कांग्रेस की सरकार और कांग्रेस के नेता क्यों चुप हैं? आज हम महिलाएं कांग्रेस से यह सवाल पूछने आई है कि हिंदू महिलाओं के उत्पीड़न की पराकाष्ठा के बावजूद उन्होंने चुप्पी क्यों साध रखी है? क्या उनकी चुप्पी अपराधियों को उनका संरक्षण है? ऐसे षड्यंत्र के बारे में तुष्टीकरण के तहत कांग्रेस हमेशा की तरह मौन ही रहना चाहती है अपने ही दल के नेता के द्वारा एक महिला के बलात्कार पर प्रियंका गांधी अब तक क्यों नहीं बोली छत्तीसगढ़ी क्यों नहीं आई।
  • डॉ रमन सिंह मुख्यमंत्री की तुलना मुसवा बघवा से करेंगे तो दुर्भाग्य - मंत्री रविंद्र चौबे
    कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का बयान डॉ रमन सिंह को इतनी हल्की बात नहीं करनी चाहिए मुख्यमंत्री की तुलना मुसवा बघावा से करेंगे तो दुर्भाग्य है। शब्दों का दिवालियापन है भारतीय जनता पार्टी के पास शब्दों की मर्यादा उनके पास नहीं है ऐसी मानसिकता का मैं निंदा करता हूं *मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने पर कहा* डॉ रमन सिंह ने स्वीकार कर लिया कि कोई छत्तीसगढ़ में सक्षम नेतृत्व वाला नेता नहीं है 2023 में आने वाले परिणाम को भी डॉक्टर रमन सिंह देख रहे हैं इसलिए चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं *राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हमेशा भारतीय जनता पार्टी के साथ रहा* आरएसएस और बीजेपी के नेता जोड़कर बीजेपी का कैंपेनिंग करते हैं लगातार मोहन भागवत का दौरा जो हो रहा है इसको भी उसी नजरिए से देखना चाहिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में 75 सीटों में जीतकर सरकार बनाएंगे *अलग-अलग विधायकों की ड्यूटी लगाने पर मंत्री ने कहा* अपनी पूरी तैयारी के साथ पार्टी लड़ने के लिए उतरती है खैरागढ़ में भी ड्यूटी लगाया गया था उसी तरीके से यहां भी लगाया गया है कांग्रेस के पक्ष में माहौल है भानुप्रतापपुर में राहुल गांधी को धमकी भरा पत्र वायरल होने पर कहा नफरत के खिलाफ सारे हिंदुस्तान को एक करना है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए बड़ी चुनौती है राहुल गांधी सारी सुरक्षा का इंतजाम किया जाना चाहिए धमकी भरा पत्र जो वायरल हो रहा है उसका जांच पड़ताल कर कार्यवाही करना चाहिए *विधानसभा के विशेष सत्र पर कहा कि* बीजेपी के पास बोलने के लिए कुछ रखा नहीं न्यायालय में क्या क्या दस्तावेज बीजेपी के द्वारा पेश किए गए सदन में सबके सामने आ जाएगा आरक्षण के लिए सीधे दोषी बीजेपी की वर्तमान सरकार है *कैबिनेट की बैठक पर मंत्री चौबे ने कहा कि* 1 और 2 दिसंबर को होने वाले विशेष सत्र की तैयारियों को लेकर कैबिनेट की बैठक बुलाई जा रही एसटी एससी ओबीसी के आरक्षण को लेकर प्रस्ताव आना है कैबिनेट की मंजूरी के बाद सदन में पेश किया जाता है आवश्यकता होगी तो सप्लीमेंट्री बजट पेश किया जाएगा शासकीय कार्य भी होने की संभावनाएं है। *अनियमित कर्मचारियों के पद यात्रा पर कहा कि* अलग-अलग विभागों से जानकारियां मंगाई गई है अनियमित कर्मचारियों को भी सरकार पर भरोसा हो चला है चीफ सेक्रेटरी के अध्यक्षता में कमेटी बनाई अलग-अलग विभागों से जानकारी मंगाई जा रही है
  • राज्य शासन की पोल का खुलासा : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भूख लगी तो हल्बा आदिवासी किसान के घर भोजन के लिए पहुँचे, सच्चाई क्या है ?
    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का हाल बा आदिवासी किसान के घर भोजन करने का समाचार जनसंपर्क विभाग से जारी हुआ है जिसमें बताया गया है कि भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भूख लगी तो वे एक किसान के घर भोजन करने पहुंच गए जहां आदमी स्वागत के साथ उन्हें भोजन कराया गया | यहां तक तो ठीक है कि मुख्यमंत्री किसी के भी घर भोजन करने जा सकते हैं और जाना भी चाहिए क्योंकि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं इसी बहाने लोगों के दुख दर्द को वह समझ पाएंगे परंतु मुख्यमंत्री के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं विधायक दलेश्वर साहू, विधायक खैरागढ़ श्रीमती यशोदा वर्मा, ज़िला सहकारी केंद्रीय बैंक राजनांदगाँव के अध्यक्ष नवाज़ खान, स्थानीय सरपंच श्रीमती द्रौपती साहू, कलेक्टर राजनांदगाँव डोमन सिंह का आदिवासी किसान के घर भोजन करने से हुए जो फोटो जारी की गई है उसमें हर बर्तन एक जैसा और नया नजर आ रहा है जबकि किसी भी परिवार में इस तरह एकदम नए बर्तन नहीं होते और इस तरह सफेद नए कपड़े कपड़ा भी नहीं होता यहां सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री जी अगर आप तामझाम के साथ दिखावा करने भोजन करने जा रहे तो आप उस परिवार में कोई फंक्शन का बहाना करके अपने जाने की बात करते परंतु अचानक किसी किसान परिवार के यहां मुख्यमंत्री पहुंचे और उस किसान द्वारा इस तरह तामझाम से व्यवस्था करके भोजन कराया जाए यह समझ से परे है यह तो अनपढ़ व्यक्ति भी समझ सकता है कि पूरी तरह प्रायोजित कार्यक्रम है और शासन द्वारा या किसी जनप्रतिनिधि द्वारा करवाया गया है | इस तरह के आयोजनों के बारे में विपक्ष में रहते हुए कांग्रेश स्वयं तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पर आरोप लगाती रही है फिर वही सब कुछ सत्ता में आने के बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्री करें तो जनता के लिए किसी तरह का बदलाव तो नहीं हुआ |

    रायपुर : मुख्यमंत्री ने चौसेला, गुलगुला भजिया के साथ लाखड़ी भाजी और मुनगा का लिया आनंद

    मुख्यमंत्री अर्जुनी में किसान के घर आत्मीय भाव से भोजन के लिए पहुँचे

    रायपुर, 12 नवंबर 2022

    मुख्यमंत्रीमुख्यमंत्री भूपेश बघेल

    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपने भेंट-मुलाकात अभियान की कड़ी में राजनांदगाँव ज़िले के डोंगरगाँव विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर हैं। इस दौरान आमजनों से भेंट-मुलाकात के लिए मुख्यमंत्री अर्जुनी पहुँचे। उन्हें दोपहर जब भूख लगी तो आत्मीय भाव से हल्बा आदिवासी किसान दिलीप धनपाल के घर पर भोजन के लिए पहुँचे। जहाँ मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों को किसान परिवार की ओर से सबसे पहले ग्रामीण परम्परा अनुसार हाथ-पैर धुलवाकर परघानी किया गया। फिर तिलक लगाकर सस्नेह भोजन के लिए आमंत्रित किया गया। 

    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

    भोजन में छत्तीसगढ़ी पकवान चौसेला, ढेढरी, खुरमी, गुलगुला भजिया के साथ व्यंजन में लाखड़ी भाजी, टमाटर चटनी, सिलबट्टा पर पिसी चटनी, जिमीकंद, मुनगा, मिक्स वेज (नवल गोल, गोभी, सेम), करेला, रोटी, चावल और दाल परोसा गया। मुख्यमंत्री ने बड़े चाव से ज़मीन पर बैठकर भोजन कर रहे हैं। 

    मुख्यमंत्री के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं विधायक दलेश्वर साहू, विधायक खैरागढ़ श्रीमती यशोदा वर्मा, ज़िला सहकारी केंद्रीय बैंक राजनांदगाँव के अध्यक्ष नवाज़ खान, स्थानीय सरपंच श्रीमती द्रौपती साहू, कलेक्टर राजनांदगाँव डोमन सिंह ने भी भोजन किया।

    ग्राम अर्जुनी के हल्बा आदिवासी किसान दिलीप धनपाल के घर अब अगर कोई भी मीडिया जाएगा तो वहां गरीबी का आलम नजर आएगा और जितना तामझाम और बर्तन था सब किराया भंडार वाला ले जा चुका होगा !
  • भोलेनाथ को दिल से मनाओगे तभी होगा आपका का काम पूरा - पंडित प्रदीप मिश्रा
    शिव महापुराण पंडाल में भक्तों के मुख से गुंजा श्री शिवाय नमस्तुभ्यं.. भोलेनाथ को दिल से मनाओगे तभी होगा आपका का काम पूरा... महाराज श्री छत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया का नारा मन से महाराज श्री ने दिया.... भोलेनाथ के दरबार में सभी का कार्य होता है पूरा... महाराज जी शिव महापुराण की कथा सुनने से हमारा जीवन धन्य होगा.. राज्यपाल प्रेस विज्ञप्ति भोलेनाथ को आप दिल से और मन से रिझाओगे तो निश्चित ही भगवान भोलेनाथ आप पर कृपा करेंगे और बड़ी सी बड़ी विपत्ति आपके ऊपर आया हुआ तकलीफ और बड़े से बड़ा कष्ट भी भगवान भोलेनाथ दूर करेंगे।। यह बातें शिव महापुराण कथा के पहले दिन अंतर्राष्ट्रीय कथाकार सीहोर वाले महाराज पंडित प्रदीप मिश्रा ने भक्तों से कही उन्होंने कहा कि शिव भक्ति में बड़ी शक्ति है जो देवों में देव महादेव है जो विश्व पति हैं ऐसे भगवान की पूजा और आराधना करना अपने आप में श्रेष्ठ है।। उन्होंने कहा कि बेलपत्र का पेड़ और शमी का वृक्ष दोनों ही महत्वपूर्ण है हमारे तकलीफों को हरने के लिए इसलिए हो सके तो हर रोज बेल पत्री के वृक्ष पर दीपक जरूर लगाएं वही शमी के वृक्ष का पूजन करें।। छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया का नारा दिया... कथावाचक आचार्य पंडित प्रदीप मिश्रा ने मंच पर ओरिजिनल छत्तीसगढ़ीयो की पहचान बताते हुए उन्होंने कहा कि जो छत्तीसगढ़ की माटी से जुड़ा हुआ है छत्तीसगढ़ को अपना सब कुछ समझता है छत्तीसगढ़ के लिए जो समर्पित है उनके मन में किसी और को तकलीफ पहुंचाने का कोई विचार नहीं आएगा इसलिए कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के लोग बड़े ही प्रेम और व्यवहार वाले होते हैं इसलिए उन्हें छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया कहां जाता है क्योंकि उनका दिल और मन पूरी तरह साफ होता है।। महाराज श्री ने आज की कथा में छत्तीसगढ़ में चैंपेश्वर महादेव की उत्पत्ति कैसे हुई उस कथा पर प्रकाश डाला और महाराज श्री ने छत्तीसगढ़ में जन्मे महाप्रभु वल्लभाचार्य जीके जन्म कथा को बताते हुए उनकी मां इल्लमा गारू और पिता लक्ष्मण भट्ट की कथा की शुरुआत की।। कथा की शुरुआत के साथ ही भक्तों के द्वारा श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के जयकारे लगाए गए भोलेनाथ के जयकारे लगाए गए इसके साथ ही महाराज जी ने कथा के दौरान कई उपाय भी बताएं।। महाराज श्री ने यह भी बताया कि वह साक्षात शिव है और शिव के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं जाता भले थोड़ी देर लगे पर जो कामना मन में है वह जरूर पूरी होती है इस व्यासपीठ से भी महाराष्ट् ने कहा कि जितने भक्त जमीन पर बैठकर जिनको जहां जगह मिली वहां बैठकर सुन रहे हैं वह आज के समय में जो भावना उनके मन में होगी भगवान भोलेनाथ 3 महीने के अंदर उनकी भावनाओं को पूरा करेंगे।। कथा सुनने का रिजल्ट भक्तों को 3 महीने में खुद ही देखने को मिल जाएगा।। आयोजक परिवार को दी बधाई.... कथा की शुरुआत के साथ ही अंतरराष्ट्रीय कथाकार आचार्य पंडित प्रदीप मिश्रा ने आयोजक परिवार चंदन बसंत अग्रवाल को बहुत-बहुत बधाई दी कि उनकी वजह से आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की पावन धरा पर यह शिव महापुराण की कथा हो पा रही है और यह कथा लाखों भक्तों के दिल में शिव की भक्ति जगाने वाली है लाखों भक्तों की कामना पूरी करने वाली है इनका पूरा श्रेय जो है आयोजक परिवार के साथ उनकी टीम को जाता है आयोजक परिवार के साथ उनकी टीम जो व्यवस्था में लगे हैं उन सभी को उन्होंने बधाई भी दी।। शिव महापुराण कथा के पहले दिन दही हांडी मैदान में भक्तों की भारी भीड़ लगी रही पूरा मैदान लाखों भक्तों से भरा रहा कथा के दौरान संगीत में शिव गीत से भक्त झूमते गाते नजर आए भक्तों को जहां जगह मिला वहां बैठकर कथा का रसपान किया।। कथा के दौरान प्रमुख रूप से आयोजक परिवार में चंदन बसंत अग्रवाल और उनके परिवार के साथ धरसीवा विधायक अनीता शर्मा संसदीय सचिव विकास उपाध्याय गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत रामसुंदर दास, पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी मदन जैन जी स्वामी, आयोजक मंडल के दीनानाथ शर्मा पूर्व पार्षद, पुष्पेंद्र उपाध्याय महेश शर्मा रतन गोयल ट्रस्टी हनुमान मंदिर ओंकार बैस, के साथ लाखों की संख्या में भक्त जनों की उपस्थिति रही।।
  • शिव महापुराण कथा, छत्तीसगढ़ का पहला सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन -
    छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अतरराष्ट्रीय कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा (सीहोर वाले) द्वारा श्री चम्पेश्वर शिवमहापुराण कथा का भव्य आयोजन दही हांडी मैदान, हनुमान मंदिर, श्रीनगर रोड, गुढ़ियारी, रायपुर में होने जा रहा है | जिसमें छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु देश भर के कोने कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु शिव भक्तों की एकत्रित होने की सम्भावना है। पं. प्रदीप मिश्रा का 8 नवम्बर 2022 को माना विमानतल पर आगमन पश्चात् भव्य स्वागत सत्कार कर अभिनंदन किया जाएगा। तत्पश्चात संध्या 5 बजे से गुढ़ियारी स्थित भारत माता चौक से भव्य शोभायात्रा निकाली जायेगी जो शुक्रवारी बाजार से गुढ़ियारी पड़ाव होते हुए कथा स्थल में समापन होगा । CG 24 News यह आयोजन रायपुर ही नहीं अपितु पुरे छत्तीसगढ़ के आज तक के धार्मिक आयोजनों में सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होने जा रहा है। श्री चम्पेश्वर शिवमहापुराण कथा के मुख्य आयोजक श्रीमती माधुरी लख्खीप्रसाद अग्रवाल, श्रीमती अनीता चंदन अग्रवाल, श्रीमती रीतू बसंत अग्रवाल एवं समस्त बेरलिया परिवार, थानखम्हरिया वाले हैं। जिन्होने पुरे तन-मन-धन से हजारों की संख्या में समिति का गठन कर इस कार्य को सम्पादित करने का बीड़ा उठाया है। अतिविशिष्ट अतिथि, बुजुर्गों व महिलाओं के बैठने की समुचित व्यवस्था की गई है। इस आयोजन को सभी जाति, धर्म संगठन, समुदाय का व्यापक समर्थन मिल रहा है। खास कर महिला वर्गों का विशेष रूप से योगदान मिल रहा है। ऐसे अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पं. प्रदीप मिश्रा के द्वारा जो घर घर में पूजा करने की पद्धति व किसी भी प्रकार से गंभीर से गंभीर बीमारियों का भी ईलाज का उपाय बेल पत्र व एक लोटा जल से करने की विधि उनके द्वारा बताई जाती है। हर समस्या का हल एक लोटा जल से कारगर एवं फलीभूत सिद्ध हो रहा है। जिनके सफल प्रयोग से वे भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय व श्रद्धेव व्यक्तित्व के रुप में चहुंओर पूजित है। CG 24 News पं. प्रदीप मिश्रा की कथा का रसपान करने के बाद पुरे देश एवं विदेश के सभी शिवालयों में सुबह से शाम तक शिव भक्तों का मेला सा लगा रहता है। ऐसे अद्भूत धार्मिक आयोजनों से सम्पूर्ण देश एवं विदेश में हिन्दु सनातन धर्म के प्रति लोगों की आस्था और आकर्षण दिन ब दिन बढ़ने लगा है | गुढ़ियारी में होने वाले इस आयोजन के मुख्य यजमान बसंत अग्रवाल एवं उनकी पुरी टीम जो की इस आयोजन के लिए लगातार दो महिने से मैदानी तैयारीयों में लगे हुए हैं। इस आयोजन में नागपुर के कर्मा डेकोरेशन जिनके प्रोपराईटर नरेन्द्र साहू है के द्वारा लगभग 5 लाख वर्ग फीट में विशाल पंडाल एवं 10 हजार वर्ग फीट में कंट्रोल रूम व कार्यालय एवं कथा स्थल में प्रवेश के लिए 18 मुख्य द्वार का निर्माण किया गया है। मंच पर विश्व प्रसिद्ध डोंगरगढ़ स्थित माँ बमलेश्वरी की मंदिर की आकृति का निर्माण किया जा रहा है। तथा पंडाल के बाहरी दिवारों को लोक शिल्प से एवं लोक ग्राम के थीम पर सजाया गया है। आयोजन समिति के द्वारा महिला एवं पुरुषों की अलग अलग समितियों का गठन कर सबको अलग-अलग जिम्मेदारी बांट की गई। बाहर से आने वाले श्रद्धालु भक्तों की हर प्रकार की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए डॉक्टरों की टीम के साथ में 50 मेडीकल स्टॉफ व स्वयं सेवकों की पूरी टीम भी लगी हुई है व अलग-अलग जगहों पर जैसे डब्ल्यू. आर. एस. रावण मैदान, 40 एकड़ कोटा विद्यापीठ के सामने एवं अन्य कई छोटे बड़े जगहों पर दो पहिया वाहन एवं चार पहिया वाहन जीप, कार, बस के लिए निःशुल्क पार्किंग व्यवस्था 60-70 एकड़ों में एवं पार्किंग स्थल से कथा स्थल आने व जाने के लिए निःशुल्क ई-रिक्शा (बैटरी चलित वाहन) की व्यवस्था की गई है। पुरे कथा स्थल को सुरक्षा की दृष्टि से सी.सी.टी.वी. कैमरा की निगरानी में रखा गया है। महिला- पुरुष शौचालय, स्नानागार एवं बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की आवास व भोजन की निःशुल्क व्यवस्था मुख्य यजमान बसंत अग्रवाल व आयोजन समिति के द्वारा की गई है। इस सम्पूर्ण आयोजन को भव्यता प्रदान करने के लिए आयोजन में मच्छी तालाब गुढ़ियारी स्थित हनुमान मंदिर का एवं सभी राजनीतिक दल, सभी सामाजिक संगठन, शासन, प्रशासन, रेलवे विभाग, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, अग्नि शमन विभाग, विद्युत विभाग व क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, सांसद, मंत्रीगण, विधायक, महापौर एवं स्थानीय पार्षदों का सहयोग व समर्थन मिल रहा है। आयोजन समिति आप सभी श्रद्धालु शिवभक्तों को श्रद्धा पूर्वक सादर आमंत्रित करते हैं इस श्री चम्पेश्वर शिवमहापुराण कथा का श्रवण लाभ लेने व इस ज्ञान गंगा का रसपान कर पुण्य के भागी बन जीवन को सफल बनावें । CG 24 News-Singhotra
  • श्री गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर विशाल नगर कीर्तन शोभायात्रा आज
    *कल तारण गुरु नानक आया* *सुणी पुकार दातार प्रभ, गुरुनानक जग माहि पठाया* 8 नवंबर को सिक्खों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी का जन्म दिवस है जिसे प्रकाश पर्व के रूप में पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जाता है | श्री गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर पूरे भारत में राष्ट्रीय अवकाश रहता है | सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर पूरे भारत में नगर कीर्तन शोभायात्रा निकालने की परंपरा रही है | शोभायात्रा नगर कीर्तन सुविधा अनुसार हर शहर में अलग-अलग दिन क्या जाता है | छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में श्री गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर 5 नवंबर को दोपहर 3:00 से गुरुद्वारा स्टेशन रोड रायपुर से विशाल नगर कीर्तन फूलों से सुसज्जित भव्य पालकी में श्री गुरुग्रंथ साहिब जी की सवारी को पंज प्यारों की अगुवाई में निकाला जाएगा | श्री गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर आयोजित विशाल नगर कीर्तन शोभायात्रा गुरुद्वारा स्टेशन रोड से श्री गुरु गोविंद सिंह चौक जेल रोड अंबेडकर अस्पताल, खालसा स्कूल होते हुए गुरुद्वारा गुरु गोविंद नगर पंडरी पहुंचेगी, जहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का भव्य स्वागत किया जाएगा | सिख समाज के बुजुर्गों, स्त्री - पुरुषों, युवक-युवतियों, बच्चों सहित गुरु नानक नाम लेवा संगत को उसका इंतजार रहता है सभी बड़े उत्साह के साथ श्रद्धा पूर्वक नगर कीर्तन में शामिल होकर गुरु की खुशियां प्राप्त करते हैं | इस विशाल नगर कीर्तन शोभायात्रा के मार्ग को स्वागत दार 2 रनों से सजाया गया है | पूरे मार्ग में अलग-अलग संस्थाओं व्यक्तियों गुरु प्रेमी व्यापारियों द्वारा जगह जगह चाय पानी नाश्ते की व्यवस्था की जाती है | श्री गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर आयोजित विशाल नगर कीर्तन शोभायात्रा का हर धर्म हर समाज के लोग जगह-जगह फूलों की मालाओं और फूलों की वर्षा कर स्वागत करते हैं | जो आपसी भाईचारा और प्रेम की मिसाल व उदाहरण होता है | श्री गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर आयोजित इस शोभायात्रा के मार्ग में शासन प्रशासन पुलिस एवं यातायात विभाग द्वारा पूर्ण सहयोग किया जाता है | गुरुद्वारा स्टेशन रोड से गुरुद्वारा गोविंद नगर पंडरी तक इस दौरान पूरा मार्ग शब्द कीर्तन, गतका प्रदर्शन भक्ति के माहौल में पूरी तरह रंग जाता है | सिख समाज के द्वारा श्री गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर आयोजित इस विशाल नगर कीर्तन शोभा यात्रा के दर्शन करने सभी समाज के लोग पहुंचते हैं | CG 24 News-Singhotra
  • महिला क्रिकेटरों के पक्ष में बीसीसीआई का महत्वपूर्ण फैसला - पुरुष क्रिकेटरों के समान मिलेगी फीस
    CG 24 News भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है बोर्ड ने नई पालिसी लागू करते हुए मैच की फीस के तौर पर महिला और पुरुष क्रिकेटरों के बीच के भेदभाव को समाप्त कर दिया है बीसीसीआई ने कहा कि अब से महिला और पुरुष को मैच की फीस बराबर मिलेगी | इस बात की जानकारी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव जय शाह ने दी | भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव जय शाह ने बताया कि अनुबंधित महिला क्रिकेटर्स के लिए वेतन इक्विटी पॉलिसी हम लागू कर रहे हैं | उन्होंने कहा कि महिला और पुरुष के बीच के अंतर को समाप्त करते हुए महिला और पुरुष क्रिकेटर्स को एक समान मैच फीस का भुगतान किया जाएगा | बीसीसीआई के इस नए फैसले के बाद महिला क्रिकेटरों को जहां पहले टेस्ट मैच के लिए 4 लाख रुपए फीस मिलती थी अब 15 लाख रुपए मिलेंगे - वनडे के लिए पहले 1लाख रुपए मिलते थे अब 6 लाख रुपए मिला करेंगे | इसी प्रकार टी-20 मैचों के लिए जहां पहले 1 लाख रुपए दिए जाते थे उसे बढ़ाकर अब 3 लाख रुपए कर दिया गया है | परंतु बीसीसीआई ने सालाना कॉन्ट्रैक्ट मामले में कोई बदलाव नहीं किया है | BCCI से अनुबंधित पुरुष क्रिकेट खिलाड़ियों को तीन श्रेणियों में 7 करोड़, 6 करोड और 3 करोड रुपए मिलते हैं , जबकि अनुबंधित महिला क्रिकेट खिलाड़ियों को तीन श्रेणियों के हिसाब से 50 लाख, 30 लाख और 10 लाख रुपए मिलते हैं | जिनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है | भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी हरभजन सिंह ने बीसीसीआई के फैसले पर कहा की महिलाओं को खेल में भागीदारी की प्रेरणा मिलेगी | भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भारत में महिलाओं और पुरुषों के लिए मैच फीस में समानता की घोषणा वास्तव में सराहनीय है | cg 24news यहां यह बताना भी जरूरी है कि पुरुष क्रिकेटरों में ए प्लस कैटेगरी है जो महिला क्रिकेटरों में नहीं है अर्थात महिला क्रिकेटर ए प्लस कैटेगरी में नहीं आते | भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के इस महत्वपूर्ण फैसले पर सभी पूर्व क्रिकेटरों ने खुशी जाहिर करते हुए अपने अपने विचार व्यक्त किए हैं | CG 24 News
  • नकली खोवा, मावा, मिठाइयों के कारोबार में संबंधित अधिकारियों का वरद हस्त - भागीदारी!
    छत्तीसगढ़ में खासकर राजधानी में नकली खोवा, मावा और नकली मिठाइयों की सप्लाई का कारोबार धड़ल्ले से जारी है | संबंधित अधिकारी जिन पर इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी है, स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है, लोगों की सेहत की जिम्मेदारी है वह सब अधिकारी कहीं कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं | सूचना देने पर भी कार्रवाई नहीं कर रहे, जो इस बात का प्रमाण है कि नकली मिठाइयों के कारोबार में स्वास्थ्य, फूड, खाद्य सहित संबंधित सभी अधिकारियों की मिलीभगत है | जो आम आदमी को नजर आती है कि कहां नकली खोवा, नकली मिठाइयों का कारोबार चल रहा है वहां तक उन अधिकारियों की नजर क्यों नहीं पहुंचती ? जो सिर्फ इसी बात की तनखा लेते हैं ? संबंधित अधिकारियों सहित जिला कलेक्टर, कलेक्टर के पिए सहित सभी लोगों तक इस नकली खोवा, मावा, मिठाइयों के गोदाम की जानकारी देने के बावजूद 12 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही का ना होना शासन प्रशासन के अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारियों पर उंगली उठाने के लिए काफी है | शहर सहित पूरे प्रदेश के नागरिकों से अपील है कि वह मिठाइयों को खरीदने से पहले संबंधित मिठाई दुकान से बिल अवश्य लें, ताकि किसी तरह की नकली मिठाई होने पर,या स्वास्थ्य खराब होने पर मिठाई विक्रेताओं पर कार्रवाई करने का अधिकार आपके पास सुरक्षित हो | बिल के आधार पर उन पर दावा ठोका जा सके और उन पर हर्जाने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई की जा सके | वक्त है बदलाव का के साथ सरकार तो बदल गई परंतु सिस्टम में कोई बदलाव नजर नहीं आता | अधिकारी सत्ता के साथ रहता है और उसकी सत्ता के जनप्रतिनिधियों के साथ सांठगांठ मिलीभगत रहती है, क्योंकि जनप्रतिनिधियों को कमीशन पहुंचाने का काम भी अधिकारियों के जुम्मे रहता है | इस बात से साबित होता है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री की सचिव सौम्या चौरसिया सहित अनेक अधिकारियों पर इनकम टैक्स, इ डी की कार्यवाही के बाद अवैध संपत्ति नगदी का मिलना मिलीभगत का परिचायक है | CG 24 News-Singhotra
  • कोयले की दलाली में ₹25 टन का खुलासा : ईडी की प्रेस विज्ञप्ति
    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़े घोटाले से संबंधित धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत तलाशी अभियान चलाया और गिरफ्तारियां कीं, जिसमें राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली की जा रही है। वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों को शामिल करते हुए एक कार्टेल द्वारा छत्तीसगढ़। इस घोटाले के मुख्य सरगना श्री सूर्यकांत तिवारी और उनके सहयोगियों ने कोयले पर अवैध लेवी की जबरन वसूली की एक समानांतर प्रणाली चलाने के लिए एक आपराधिक साजिश में प्रवेश किया और अवैध और बेहिसाब नकदी की आवाजाही कर रहे थे। अपराध की आय का इस्तेमाल बेनामी संपत्तियों में निवेश करने, वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए अधिकारियों को रिश्वत देने और राज्य के राजनीतिक अधिकारियों द्वारा या उनकी ओर से इस्तेमाल किया जा रहा था। ईडी ने इस अवैध उगाही और सबूतों को नष्ट करने के लिए इस साजिश के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की। ईडी मुख्य सरगना सहित इस साजिश के पूरे पहलू की जांच कर रहा है, वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका जिन्होंने इस घोटाले को दंड से मुक्त किया और अपराध की अवैध आय के लाभार्थियों की भूमिका निभाई। 11.10.2022 को, ईडी ने छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर एक साथ तलाशी ली और विभिन्न संदिग्धों से आपत्तिजनक सबूत और बेहिसाब नकदी और आभूषण जब्त किए। सूर्यकांत तिवारी फरार हो गया है। श्रीमती रानू साहू आईएएस (कलेक्टर रायगढ़) भी अपने सरकारी आवास से गायब पाई गईं। ईडी ने करीब 4.5 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी, सोने के आभूषण, सराफा और करीब दो करोड़ रुपये मूल्य के अन्य कीमती सामान जब्त किए हैं। ईडी की जांच से पता चला है कि अवैध कोयला लेवी की जबरन वसूली तब तेज हो गई जब निदेशक, भूविज्ञान और खनन विभाग ने दिनांक 15.07.2020 को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कोयले को खदानों से उपयोगकर्ताओं तक मैनुअल जारी करने के लिए ई-परमिट की पूर्व ऑनलाइन प्रक्रिया को संशोधित किया गया था। अनापत्ति प्रमाण पत्र इस संबंध में कोई एसओपी या प्रक्रिया परिचालित नहीं की गई थी। खनन कंपनी द्वारा खरीदार के पक्ष में कोयला वितरण आदेश (सीडीओ) जारी किया जाता है और खरीदारों को रुपये की ईएमडी जमा करने की आवश्यकता होती है। खनन कंपनी के साथ 500 प्रति मीट्रिक टन और 45 दिनों के भीतर कोयला उठाना भी आवश्यक है। नई अधिसूचना ने खनन कंपनियों को ई-परमिट जारी करने के लिए एनओसी के लिए खनन अधिकारी / डीडीएम के पास आवेदन करने के लिए मजबूर किया। एनओसी के बिना, खनन अधिकारी द्वारा कोयले के परिवहन के लिए ई-परमिट जारी नहीं किया जा सकता है, जिसके कारण सीडीओ (नीलामी के बाद खनन कंपनी द्वारा जारी कोयला वितरण आदेश) का निष्पादन नहीं होता है। यदि सीडीओ को 45 दिनों के भीतर निष्पादित नहीं किया जाता है, तो यह व्यपगत हो जाता है और खरीदार द्वारा 500/- रुपये प्रति टन की दर से भुगतान की गई ईएमडी खनन कंपनी द्वारा जब्त कर ली जाती है। इस प्रकार, यह कोयले का खरीदार है {सामान्य रूप से स्टील प्लांट्स / कैप्टिव पावर प्लांट ओनर्स} जिसकी कोयले की आपूर्ति बाधित होती है और एनओसी में देरी या इनकार होने पर उसकी ईएमडी जब्त कर ली जाती है। ईडी के सर्वेक्षण से पता चला कि खाली छोड़े गए इन खनन विभाग में कोई विवेकपूर्ण दस्तावेजीकरण प्रणाली नहीं थी। कई जगहों पर हस्ताक्षर गायब थे। नोट शीट गायब हैं। इसी नाम से पूछताछ की जाती है और कलेक्टर/डीएमओ की मर्जी से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। 15.7.22 से बिना किसी एसओपी के 30,000 से अधिक एनओसी जारी किए गए हैं। आवक और जावक रजिस्टरों का रखरखाव नहीं किया गया था। अधिकारियों की भूमिका पर कोई स्पष्टता नहीं है। ट्रांसपोर्टर का नाम, कंपनी का नाम आदि जैसे कई विवरण खाली छोड़ दिए गए हैं। सूर्यकांत तिवारी के नेतृत्व में बहुत वरिष्ठ अधिकारियों की सहायता से कार्टेल ने जबरन वसूली का एक नेटवर्क बनाया, जिसके द्वारा कोयले के प्रत्येक खरीदार / ट्रांसपोर्टर को पहले डीएम कार्यालय से एनओसी प्राप्त करने से पहले 25 रुपये प्रति टन का भुगतान करना पड़ता था। उन्होंने ऐसे पुरुषों को रखा जो धन इकट्ठा करते और स्थानांतरित करते और सरगनाओं, कार्यकर्ताओं, वरिष्ठ आईएएस-आईपीएस अधिकारियों और राजनेताओं के बीच कारनामों को साझा करते थे। ऐसा अनुमान है कि प्रतिदिन लगभग 2-3 करोड़ रुपये उत्पन्न होते थे। तलाशी एवं जांच के दौरान लक्ष्मीकांत तिवारी के पास से 1.5 करोड़ रुपये नकद बरामद किया गया। उसने स्वीकार किया है कि वह रोजाना 1-2 करोड़ की जबरन वसूली करता था। इंद्रमणि समूह के सुनील कुमार अग्रवाल, एक बड़ा कोयला व्यवसायी, इस रैकेट में शामिल पाया गया और सूर्यकांत तिवारी का एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार पाया गया। 2009 बैच के आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और उनकी पत्नी के पास से 47 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 4 किलो के सोने के आभूषण पाए गए। सभी 3 व्यक्तियों को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया गया और रायपुर पीएमएलए विशेष न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जिसने 21.10.2022 तक 8 दिनों की ईडी हिरासत प्रदान की है। आगे की जांच जारी है।