देश के 75 वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से आज देश को संबोधित किया,
बंद की गई योजनाओं को चालू करने के बारे में कोई चर्चा नहीं की
रेलों के संचालन की स्पेशल कमाई से ही आपने 20 लाख करोड़ से कई गुना ज्यादा वसूली कर ली
नारा - सबका साथ, सबका विकास, सबका साथ और सब का प्रयास
उन्होंने लगभग डेढ़ घंटे तक भाषण दिया, अनेक नई योजनाओं की घोषणा के साथ अगले 25 वर्षों की प्लानिंग का उल्लेख किया, परंतु करोना महामारी के दौरान जो सुविधाएं बंद की गई थी उन्हें चालू करने के बारे में कोई चर्चा नहीं की | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया नारा दिया सबका साथ, सबका विकास, सबका साथ और सब का प्रयास - उन्होंने विदेश नीति पर तो चर्चा की लड़कियों - बेटियों को सैनिक स्कूल में भर्ती करने जैसी अनेक भावी योजनाओं पर चर्चा की , परंतु बंद की गई योजनाओं को चालू करने के बारे में कोई चर्चा नहीं की | हम आपको बता दें कि करोना महामारी के दौरान जब लॉकडाउन किया गया था ट्रेनों का संचालन बंद किया गया यातायात परिवहन आवागमन सब बंद रहा जो उस समय की आवश्यकता थी बीमारी को रोकने के लिए यहां तक तो सब ठीक है परंतु जब अल्लाह किया गया ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तो ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन के नाम से चलाया गया जो आज तक स्पेशल ट्रेनों के नाम से ही पूरे भारत में चल रही हैं |
जो भी ट्रेनें जिस रूट पर चलती थी और जिस समय पर चलती थी आज भारत में रेल विभाग जितनी भी ट्रेनों का संचालन कर रहा है वह सभी पहले के समान अपने गंतव्य स्थानों से नियत तिथियों पुरानी समय सारणी के अनुसार उन्ही अंतिम स्टेशनों तक चल रही हैं , फिर वह स्पेशल ट्रेनें कैसे हुई | अगर स्पेशल ट्रेनें होती तो दो चार दिनों या कुछ समय के लिए आवश्यकता अनुसार किसी समारोह, किसी रैली, किसी प्रदर्शन, किसी धार्मिक स्थान या शादी ब्याह, पर्यटन के लिए चलाई जाती है | परंतु भारत की सभी ट्रेनें पूरे हिंदुस्तान में कहीं भी जा आ रही हैं तो स्पेशल ट्रेन के नाम से और वह भी दुगुने किराए के साथ और सुविधाओं को कम करके | आश्चर्य होता है कि यह मोदी जी का कौन सा स्पेशल प्रोग्राम है ? यह कैसा देश हित का विजन है ?
सीनियर सिटीजन, दिव्यांग, एक्स सर्विसमैन, मिलिट्री मैन, कम उम्र के बच्चे, इलाज के लिए जाने वाले मरीज, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सहित उनके परिजन जैसे लोगों को मिलने वाली छूट भी बंद कर दी गई है क्यों ? मोदी जी आपने देश के सांसदों राज्यसभा सदस्य सहित शासकीय सुविधाओं का लाभ लेने वाले राजनेताओं को मिलने वाली छूट को तो समाप्त नहीं किया, आज भी हवाई जहाज में उन्हें आने-जाने की निशुल्क सुविधा वाले कूपन उपलब्ध हैं, उनके रहने खाने की 5 तारा सुविधाएं सरकार दे रही है | वाह मोदी जी वाह
करोना महामारी आपदा के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा के बाद रेलों के संचालन की स्पेशल कमाई से ही आपने 20 लाख करोड़ से कई गुना ज्यादा वसूली कर ली है |
हम तो सोच रहे थे कि आज भारत के 75 में स्वाधीनता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से आप ट्रेनों को पुरानी दरों पर चलाने और सर्व सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा करेंगे परंतु ऐसा ना कर आपने देश के सभी तबकों को निराश किया है | ट्रेनों में यात्रा करने वाले भारत सरकार के संविधान के अनुसार किराए में छूट पाने वाले सभी पात्र लोग एवं गरीब वर्ग भी आपकी स्पेशल ट्रेनों में स्पेशल किराया देकर आपको कोस रहे हैं |
*बिलासपुर बिलासा बाई केवटीन हवाई अड्डा बना अवैध वसूली का अड्डा*
*हवाई यात्रियों से कोविड टेस्ट हेतु लिया जा रहा अवैध शुक्ल*
बिलासपुर - कोरोना संक्रमण के नाम पर बिलासपुर हवाई अड्डे पर बाहर से आ रहे यात्रियों से जम कर अवैध वसूली की जा रही है|
शासन प्रशासन का डर दिखा लोगो से प्रति व्यक्ति 150 रुपये लिए जा रहे है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर समाप्ति के पश्चात भी अभी संक्रमण का खतरा पूरी तरह से टला नही है, जिसको मद्देनजर रखते हुए केंद्र के हेल्थ मिनिस्ट्री ने सभी यात्रियों के लिए कोरोना टीका के डबल डोज के साथ प्रमाण पत्र होने पर यात्रा में छूट प्रदान की है। और जिन यात्रियों के पास टीका का प्रमाण पत्र नही उन्हें RT पीसीआर की रिपोर्ट साथ रखना अनिवार्य किया है। सुरक्षा के एतिहात में शासन ने बाहर से आ रहे यात्रियों हेतु पुनः रैपिड टेस्ट की व्यवस्था की है लेकिन इस टेस्ट हेतु किसी भी प्रकार का कोई शुल्क यात्रियों हेतु निर्धारित नही किया है।
लेकिन बिलासा बाई केवटिन हवाई अड्डे बिलासपुर में नज़ारा कुछ और नजर आया है यहां प्रति व्यक्ति 150 रुपये का शुल्क यात्रियों से लिया जा रहा है। इस अवैध शुल्क की जानकारी हेतु जब सीजी 24 न्यूज़ संवाददाता ने जिम्मेदार अधिकारियों से जानकारी लेनी चाही तो कोई स्पष्ट जबाब उनकी ओर से नही मिला ,
यात्रियों को जीवन दीप समिति की एक रसीद दी जा रही है को पूरी तरह से अवैध वसूली की श्रेणी में आती है ,
और वहां ड्यूटी में तैनात डॉक्टर इसे शासकीय समिति बता अपना पल्ला झाड़ रहे है , क्योंकि पूरे भारत के किसी भी हवाई अड्डे पर किसी भी यात्री से टेस्ट के नाम पर ₹1 भी नहीं लिया जा रहा है परंतु छत्तीसगढ़ की न्याय धानी कहे जाने वाले बिलासपुर के बिलासा बाई कैंटीन हवाई अड्डे पर करोना टेस्ट के नाम पर अवैध वसूली का यह व्यापार पिछले 1 साल से जारी है,
इस बाबत एयरपोर्ट अथॉरिटी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सही जवाब देने में असमर्थ नजर आ रहे हैं और गोलमाल जवाब दे रहे हैं |
इस अवैध वसूली में एयरपोर्ट अथॉरिटी स्वास्थ्य विभाग बिलासपुर सहित ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर की मिलीभगत स्पष्ट नजर आती है परंतु यहां सवाल यह भी उठता है की इस प्रकार की अवैध वसूली पर शासन प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों ने ध्यान क्यों नहीं दिया जो अनेक संदेशों को जन्म देता है
अब प्रश्न ये उठता है कि यदि ये समिति शासकीय है तो पूर्णतः निशुल्क होनी चाहिए और वसूली की राशि क्या छत्तीसगढ़ शासन तक जा रही या नही ये जांच का विषय बन रहा है । चिरायु के सौरभ शर्मा इस जीवन दीप समिति के प्रभारी बताए जा रहे है और इनके कहने पर ही ये शुल्क यात्रियों से वसूला जा रहा है। इस मामले में बिलासपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं स्वास्थ्य अधिकारी से बात की गई तो उनका साफ तौर पर कहना है कि ये व्यवस्था पूर्णतः निःशुल्क है रेलवे व हवाई अड्डे पर स्वास्थ्य विभाग का अमला तैनात किया गया है । जो कि आंगतुकों का रैपिड टेस्ट निःशुल्क कर रहे है |
CG 24 news की इस खबर के बाद शासन प्रशासन एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं ?देखने वाली बात हैं |
मन्नू मानिकपुरी संवाददाता बिलासपुर
छत्तीसगढ़ धान का कटोरा की जगह अफीम गंजा, शराब और ड्रग्स का कटोरा बन गया है - बृजमोहन अग्रवाल
बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ़ आंदोलन करेगी भारतीय जनता पार्टी |
जिस जनघोषणा के आधार पर कांग्रेस की सरकार बनी , 30 महीनों बाद भी
अभी अभी हमे यह मैसेज आया है कि मुझे माय जिओ ऐप की तरफ से पांच लाख रुपए और 1 पल्सर बाइक का इनाम मिला है |
*इस मैसेज में लिखा है माय जिओ में आप जीत चुके हैं ₹500000 1 पल्सर बाइक डेढ़ सौ सीसी तो इस ऑफर का लाभ पाने के लिए अभी तुरंत कॉल करें और मोबाइल नंबर दिया है 96248 52472*
सभी मोबाइल कंपनियों सहित पुलिस विभाग, राज्य शासन, केंद्र शासन की तरफ से जन जागरूकता समाचार के साथ साथ मैसेज लगातार जारी किए जाते हैं कि परंतु इन सब के बावजूद भी देखने सुनने में आ रहा है कि आम नागरिक ऐसे लुभावने ऑफर में फस कर अपनी जमा पूंजी से हाथ धो बैठे हैं और अपने लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं इसलिए सीजी 24 न्यूज़ आप सब से अनुरोध करता है कि किसी भी तरह के लुभावने ऑफर के लालच में ना फंसे ना ही किसी को ओटीपी नंबर या अपने बैंक से संबंधित किसी भी तरह की कोई भी जानकारी ना दें चाहे वह आपका कितना भी नजदीकी हो क्योंकि फोन पर आप धोखा खा सकते हैं की बात करने वाला व्यक्ति आपका भाई रिश्तेदार है भी या नहीं कहीं आवाज बदल कर आप से बात तो नहीं कर रहा इसलिए रकम लेनदेन और इस तरह के ठगी वाले किसी भी तरह के लुभावने जाल में ना फंसे और प्रत्यक्ष ही व्यक्ति को बुलाकर पहचान कर लेन देन करें|
उपरोक्त मैसेज प्राप्त होने के बावजूद भी हम उस नंबर पर वापस कॉल नहीं कर रहे हैं और इस मैसेज को तुरंत लोगों को जागरूक करने के नाते, आम आदमी को आगाह करने के नाते, लुभावने ऑफर ओं के चक्कर में फस कर अपनी जमा पूंजी को बर्बाद करने से बचाने की खातिर आपके सामने ला रहे हैं |
ज रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में छत्तीसगढ़ के प्रथम त्यौहार हरेली का आयोजन किया जा रहा है। संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री निवास को ग्रामीण परिवेश में सजाया गया है। इस कार्यक्रम में पारंपरिक कृषि उपकरणों एवं गाय-बैलों का पूजन किया गया । इसके साथ पारंपरिक नृत्य, गड़वा बाजा के साथ छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों भौंरा चालन, गिल्ली डंडा तथा छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया गया है।
रिपब्लिक टीवी का उद्देश्य सिर्फ कांग्रेस के खिलाफ झूठी खबरें दिखाना और अफवाह फैलाना है
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने अपने इस्तीफे की खबर को सिरे से दिया नकार
चैनल की टीआरपी की भूख इस सत्य को नहीं बदल सकती
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने अपने इस्तीफे की खबर को सिरे से नकार दिया उन्होंने रिपब्लिक टीवी के नाम का उल्लेख करते हुए ट्वीट करते हुए कहा कि *रिपब्लिक टीवी का उद्देश्य सिर्फ कांग्रेस के खिलाफ झूठी खबरें दिखाना और अफवाह फैलाना है मैंने पहले बहुत बार कहा है और फिर कहूंगा कांग्रेस मेरे खून में है अगर मेरे सौ जन्म भी हुए तब भी मैं इस विचारधारा को नहीं छोडूंगा,
आप की टीआरपी की भूख इस सत्य को नहीं बदल सकती*
अब सवाल यह उठता है कि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के लिए एक न्यूज़ चैनल प्रमाणिक खबर क्यों जारी कर रहा है ? रायपुर : छत्तीसगढ़ में उस वक्त हड़कंप मच गया. जब एक नेशनल चैनल ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के इस्तीफा देने की खबर अपने चैनल पर प्रसारित किया. मंत्री ने खुद इस खबर का खंडन किया. इसके लिए टीएस सिंहदेव के कार्यालय की ओर से बयान जारी किया गया. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के अपने पद से इस्तीफा देने की खबर केवल पूर्णतः असत्य और निराधार है. टीएस सिंहदेव के खिलाफ यह अफवाह फैलाई जा रही है. (Chhattisgarh) सभी से निवेदन है कि ऐसी झूठी खबरों पर ध्यान न दें.
Pubjee की तरह के और गेम आ गए हैं Winzo और MPL जैसे कई - शासन प्रशासन लापरवाह क्यों ?
*माता पिता ऐसे गेम डाउनलोड करने से बच्चों को रोकें"
*अपने बैंक स्टेटमेंट और मैसेज को समय समय पर चेक करें , खाते की पूरी निगरानी रखे*
कुछ समय पहले तक भारत के बच्चे पब्जी नामक गेम की जकड़ में फंसकर, उसकी लत में पड़कर परिवार को आर्थिक क्षति पहुंचा रहे थे साथ ही गेम का टारगेट पूरा करने के चक्कर में अपनी जान तक गंवा रहे थे , लगातार हो रही घटनाओं को संज्ञान में लेकर केंद्र सरकार ने पब्जी गेम पर प्रतिबंध लगाकर इस भयंकर नशे वाली, आदत में पड़कर जुए के रूप में घरवालों के पैसों को लुटाने और उसके बावजूद भी गेम पुरा ना होने या हारने के गम में अपनी जान देने वाले इस पब्जी गेम से बच्चों सहित माता-पिता को छुटकारा दिलवाया|
देश की जनता खासकर के माता-पिता अपने बच्चों की दुर्दशा और गलत आदतों से छुटकारा पाने से भारी खुश थे | परंतु पैसा कमाने वालों को यह कहां मंजूर था कि बच्चे गलत आदतों को छोड़कर घर में संस्कारी बन जाए | बस फिर क्या था अनेक कंपनियों ने पब्जी की तर्ज पर खुलेआम दूसरे नाम से गेम लाकर टीवी में विज्ञापन देना शुरू कर दिया और इन टीवी विज्ञापनों में स्पष्ट कहा जाता है कि इस गेम में वित्तीय जोखिम शामिल है और इसकी आदत लग सकती है | कृपया जिम्मेदारी और अपने जोखिम पर खेलें |
*शर्तें लागू
इन दिनों winzo और MPL नामक कंपनी टीवी सहित अखबारों में दो दो पेज के फुल विज्ञापन देकर बच्चों सहित बड़ों को आकर्षित कर रही है, उसके विज्ञापनों में स्पष्ट तौर अखबारों में लिखा एवं टीवी में घोषणा कर बताया जाता है कि इस गेम में वित्तीय जोखिम शामिल है और इसकी आदत लग सकती है | कृपया जिम्मेदारी और अपने जोखिम पर खेलें | *शर्तें लागू
इस प्रकार अखबारों एवं टीवी चैनलों पर खुलेआम जुआ खेलने की इनके मोका प्रचार प्रसार कर लोगों को आमंत्रित कर आदत डाल कर बर्बाद करने का विज्ञापन संबंधित विभागों सहित केंद्र की सरकार व राज्य की सरकारों को दिखाई क्यों नहीं देता क्यों नहीं ऐसे विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाया जाता और क्यों नहीं इस आदत डालने वाले और आर्थिक नुकसान के साथ साथ जान का नुकसान पहुंचाने वाले गेम्स की कंपनियों पर जुर्म दर्ज कर कार्यवाही की जाती |
लगता है कि संबंधित विभाग के अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों को कुछ ना कुछ कमीशन मिलता होगा ! क्योंकि कोई भी इनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई करने सामने नहीं आया |
राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके के कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण
*मीडिया के जरिए प्राप्त समस्याओं पर स्वतः संज्ञान लेकर सक्रिय रहने वाली प्रदेश की पहली राज्यपाल*
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बतौर कल 29 जुलाई को दो वर्ष पूरे हो रहे हैं। इन दो वर्षों के दौरान छत्तीसगढ़ की जनता को यह महसूस हुआ कि राजधानी रायपुर में स्थित राजभवन हम सब आम जन के लिए खुला है।
राज्य की संवैधानिक मुखिया की संवेदनशीलता एवं सहजता की चर्चा बस्तर के आदिवासियों से लेकर बलरामपुर जिले के गांव करकली के रहवासियों में भी होती है।
एक ओर जहां सुश्री उइके आदिवासियों के अधिकारों के संरक्षण की बात करती हैं, वहीं दूसरी ओर स्वतः संज्ञान लेकर मीडिया के जरिए प्राप्त समाचार से गांव करकली के एक दिव्यांग बेटी शशिप्रभा का इलाज कराने के लिए भी तत्पर रहती हैं। उनकी सहजता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है, जब उन्होंने एक युवा कलाकार को उसके आग्रह पर मोबाईल फोन से ‘सेल्फी’ भी लेने दी।
विश्व की सबसे भयावह महामारी कोरोना के संक्रमण के दौरान उन्होंने आम जनता की सहायता के लिए भरसक प्रयास किए और समय-समय पर जनप्रतिनिधियों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश भी दिए। कोरोना योद्धाओं की हमेशा हौसला अफजाई की और उस दौरान अन्यत्र जगहों पर फंसे हुए विद्यार्थियों, श्रमिकों को उनके घर वापस भेजने के लिए प्रयास किए। कुलाधिपति के नाते उन्होंने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कोरोना के संबंध में, विद्यार्थियों के जरिए जनता में जागरूकता लाने के लिए भी निर्देश दिए। विद्यार्थियों को इस दौरान भी शिक्षा मिलती रहे इसके भी उपाय करने के निर्देश दिए। वे युवाओं को भी सकारात्मक रहने और लक्ष्य हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान करती हैं। उनका मानना है कि मंजिल पाने के लिए पहले लक्ष्य निर्धारित करना आवश्यक है।
दंतेवाड़ा बस्तर प्रवास के दौरान उन्होंने आत्मसमर्पित नक्सलियों से मिलकर उनके पुनर्वास हेतु विशेष प्रयास करने का भरोसा दिलाया था। साथ ही दंतेश्वरी महिला कमांडो से भी भेंटकर नक्सली उन्मूलन में उनकी भूमिका की सराहना की। दंतेवाड़ा के जावंगा स्थित सक्षम परिसर में दिव्यांग बच्चों से काफी सहजता से मिली।
सुश्री उइके स्वयं काफी संघर्षों से इस मुकाम तक पहुंची हैं। एक महिला होने के नाते उन्होंने यह महसूस किया है कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं का स्वसहायता समूह के जरिए आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण हो रहा है। वनवासी क्षेत्रों के रहवासियों को उनके वनोपजों एवं उत्पादों की मार्केटिंग सही तरीके से हो इस दिशा में भी उनका प्रयास रहता है। वे महिला सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों को और मजबूत करने की पक्षधर रही हैं, ताकि सभी महिलाओं को न्याय मिल सके।
सुश्री उइके को इतने कम समय में ही छत्तीसगढ़ के लोगों से विशेष लगाव हो गया है। वे यहां के लोगों की सहजता और सरलता की कायल हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ी बोली में भी खास मिठास लगती है। जनजातियों की संस्कृति, बोली-भाषा एवं नृत्य-संगीत को संरक्षित करने की भी आवश्यकता पर जोर देती रही हैं। अति पिछड़ी जनजाति के युवाओं की शासकीय सेवाओं में भर्ती के संबंध में उनके निर्देश पर कार्यवाही हुई। उन्होंने बचपन से ही देखा है कि आदिवासी समाज प्रकृति प्रेमी होते हैं और प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर ही हर कार्य करते हैं। वे आदिवासी युवाओं को समझाईश देती हैं कि उन्हें अपने समाज की संस्कृति, परंपराओं के गौरवशाली इतिहास पर गर्व करना चाहिए। आदिवासियों के हित की बात वे बस्तर से लेकर नई दिल्ली तक भी करती रही हैं। राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित राज्यपालों के सम्मेलन में उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क और बिजली की सुविधाओं के लिए अलग बजट का प्रावधान करने एवं सरगुजा और बस्तर में आदिवासी विश्वविद्यालय खोलने का आग्रह किया। उनकी पहल से ट्राईफेड द्वारा जगदलपुर में दो नए ट्राईब्स इंडिया बिक्री केन्द्र शुरू हुए। उन्होंने तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के बच्चों की लंबित छात्रवृत्ति जारी करने के संबंध में निर्देश दिए थे, जिस पर वन विभाग ने त्वरित कार्यवाही की। राज्यपाल सुश्री उइके पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के प्रति भी विशेष जागरूक रहती हैं। उनके अनुसार एक दिन पर्यावरण दिवस मनाने की औपचारिकता के बदले हर समय पर्यावरण हित में कार्य करना चाहिए।
राज्यपाल का पद संभालने के बाद उन्होंने राजभवन में अनेक नवाचार किए। राजभवन के दरवाजे पर कोई भी व्यक्ति/प्रतिनिधिमण्डल यदि न्याय की आस लेकर आता है उसे वे अंदर बुलाकर उनकी बातें सुनती हैं और समाधान का प्रयास भी करती हैं। फॉर्मेसी कॉलेज के विद्यार्थी हों या सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी या चन्दूलाल चन्द्राकर मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी हों, सभी की समस्याओं को अभिभावक बतौर सुनती हैं और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी तत्काल देती हैं, जिससे आगंतुक को भी आशा बंधती है। उन्होंने आम जनता द्वारा राज्यपाल को भेजे गए पत्रों पर कार्यवाही के लिए ई-समाधान वेबसाईट भी तैयार कराई, जिससे आवेदनों पत्रों की ट्रेकिंग और अद्यतन स्थिति की मॉनिटरिंग होती है। राजभवन में पहली बार यहां कार्य करने वाली महिलाओं को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए महिला दिवस पर सम्मानित भी किया गया। यहां कार्यरत कर्मचारियों को विशेष अवसर पर दी जाने वाली अनुदान राशि उन्होंने पुनः प्रारंभ की और कर्मचारियों के पदोन्नति के लिए भी पहल की।
वे इन दो सालों के कार्यकाल को संतुष्टि भरा मानती हैं और उसी सहजता और सरलता से छत्तीसगढ़ की जनता की भलाई के लिए हमेशा कार्य करना चाहती हैं।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत कितने सक्रिय हैं, उनका विभाग कितना सक्रिय
जनसंपर्क की डीपीआर के नापतौल नियंत्रण विभाग द्वारा आज तक 29 जुलाई 2020 के बाद कोई अपग्रेड नहीं
इस खबर के माध्यम से हम आपको एक विशेष जानकारी देना चाहते हैं, हम आप को जागरूक करना चाहते हैं, हम आपको बताना चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार के खाद्य मंत्री कितने सक्रिय हैं, उनका विभाग कितना सक्रिय है, और किस तरह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में लापरवाही बरत रहे हैं, प्रदेश का जनसंपर्क विभाग कितना सक्रिय है, प्रदेश का नाप तोल नियंत्रण विभाग कितना सक्रिय है हम आपको बता दें की छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य विभाग के मंत्री अमरजीत भगत ने आज से 1 साल पहले जुलाई 2020 को राज्य के सभी दुकानों व्यवसायिक संस्थानों की तराजू बाट एवं इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीनों का सत्यापन करने के निर्देश नापतौल विभाग के अधिकारियों को दिए थे | तब से अब तक अर्थात पूरा एक साल व्यतीत हो चुका है खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के जुलाई 2020 के निर्देश के बाद 25 जुलाई से 31 जुलाई के बीच सिर्फ कोंडागांव के पलारी गाँव में जांच अभियान चलाया गया था और इस छोटे से एक गांव में 4 किराना एवं पान दुकानों में जांच कर 2 पर कार्रवाई करके पूरे प्रदेश में अभियान की इतिश्री मान ली गई | यह बात हम अपने मन से नहीं कह रहे जनसंपर्क विभाग के समाचार वाली DPR में खबर जारी कर जानकारी दी गई है | यहां यह भी बताना अति आवश्यक है की जनसंपर्क की डीपीआर के नापतौल नियंत्रण विभाग द्वारा आज तक 29 जुलाई 2020 के बाद कोई अपग्रेड नहीं हुआ है, अंतिम 29 जुलाई 2020 वाली खबर इस बात का प्रमाण है कि नापतोल नियंत्रण विभाग प्रदेश के नागरिकों के साथ कितना बड़ा धोखा कर रहा है और अपनी जिम्मेदारी के प्रति कितना लापरवाह है |
यह खबर किस बात का भी प्रमाण है कि प्रदेश के नापतोल नियंत्रण विभाग ने इस पूरे 1 साल के दौरान पूरे प्रदेश में कहीं भी किसी भी दुकान संस्थान व्यवसायिक प्रतिष्ठान के तराजू बाट एवं इलेक्ट्रॉनिक तोल मशीनों का सत्यापन करने के संबंध में कोई जांच या अभियान नहीं चलाया है क्योंकि अगर चलाया गया होता तो उस अभियान की खबर जनसंपर्क विभाग के डीपीआर में नापतोल नियंत्रण विभाग के द्वारा अवश्य प्रसारित की जाती |
सभी विभाग शायद यही सोचते होंगे कि जब हम कोई जानकारी प्रसारित या जारी करेंगे उसे ही मीडिया खबर के रूप में स्थान देगा इन विभागों को शायद यह नहीं मालूम कि आप के एक-एक पल की जानकारी पर भी मीडिया की नजर रहती है |
अब देखने वाली बात यह है कि इस खबर के बाद मंत्री अमरजीत भगत या उनके विभाग के वरिष्ठ अधिकारी संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करते हैं और प्रदेश में पुनः अभियान चालू करते भी हैं या नहीं -
हम आपको डीपीआर के नापतोल नियंत्रण विभाग के समाचारों के अंतिम खबर का स्क्रीनशॉट एवं पूरी खबर संलग्न करके प्रमाण के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं -
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रायपुर : एमआरपी से अधिक मूल्य पर वस्तुएं बेचने वालों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज
तराजू-बाट एवं इलेक्ट्रानिक तौल मशीनों का सत्यापन करने के निर्देश
रायपुर 29 जुलाई 2020
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने राज्य के सभी दुकानों, व्यावसायिक संस्थानों की तराजू-बाट एवं इलेक्ट्रानिक तौल मशीनों का सत्यापन करने के निर्देश नाप तौल विभाग के अिधकारियों को दिए हैं । कोण्डागांव जिले में व्यवसायियों द्वारा निर्धारित मूल्य से ज्यादा कीमत पर सामान बेचने की शिकायत मिलने पर नापतौल विभाग द्वारा 25 से 31 जुलाई तक जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान जिले में वस्तुओं को न्यूनतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक कीमत पर विक्रय करने वाले व्यवसायियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई। विधिक माप विज्ञान विभाग की टीम ने जिला मुख्यालय के निकटतम ग्राम पलारी में किराना एवं पान दुकानों में जांच की । टीम द्वारा साधारण ग्राहक बन दुकानों में गुड़ाखु एवं पान मसाला की खरीदी की गई। चार दुकानों में किये गए निरीक्षण में दो दुकानों में विक्रय के दौरान अनियमितता पाई गई। इन दुकानों से क्रय की गई वस्तुओं को जब्त कर दुकानदारों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया । क्रमांक: /2901/सी.एल
आधुनिक मोबाईल वैन से आंखों और दांतों की जांच, निःशुल्क दवाएं भी दी
छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स एसोसियेशन, जेसीआई मेडिको सिटी का संयुक्त आयोजन
अमलीडीह के निःशुल्क चिकित्सा शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने 190 मरीजों की जांच की,3 पोस्ट कोविड के मरीज भी आए
रायपुर 18 जुलाई 2021/ छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स एसोसियेशन और जेसीआई मेडिको सिटी के संयुक्त आयोजन में आज शासकीय कन्या शाला अमलीडीह में आयोजित निःशुल्क चिकित्सा शिविर में 190 मरीजों ने विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श कर दवा ली। शिविर में आखों और दांतों की जांच के लिए दो आधुनिक मोबाईल वैन में मरीजों का परीक्षण भी किया गया। शिविर में एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, फिजियोथैरेपी और एक्युप्रेशर के चिकित्सकों ने मरीजों को परामर्श,ईलाज व दवाएं दी।
छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स एसोसियेशन के संयोजक सरदार जी.एस. भामरा और सचिव सरदार दीप सिंह जब्बल ने बताया कि लगभग डेढ़ साल बाद इस आयोजन में लोगों को विशेषज्ञ डॉक्टरों से मिल कर काफी संतोष हुआ। शिविर में कोविड नियमों का पालन करते हुए मरीजों की जांच की गई।
शिविर में कमजोरी, सिरदर्द, बैचेनी, कमर व घुटनों के हड्डी दर्द, बुखार, दांतों व आखों के रोगों की जांच की गई। शिविर में दो मोबाइल वैन भी आई थी। इसमें एक आखों के अस्पताल अरविंदो हॉस्पिटल रायपुर के डॉक्टर आनंद सक्सेना की - दूसरी दांतों के डॉक्टर डॉ. जितेन्द्र सराफ के सीता मेमोरियल मल्टीस्पेश्लटी डेन्टल क्लीनिक की आधुनिक मोबाईल लैब थी। मरीजों की इस मोबाईल वैन में जांच की गई। इस निःशुल्क चिकित्सा शिविर में कोविड से उबरे तीन मरीज भी आए, जिन्हें विशेषज्ञ डॉक्टरों व्दारा आवश्यक सलाह व दवा दी गई।
चिकित्सा शिविर में मेकाहारा के ह्रदृय रोग सर्जन डॉ. के.के. साहू, छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. केदार देवांगन, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप सिंह छाबड़ा, डॉ. अभिषेक सचदेव, डॉ. दीपक अग्रवाल, डॉ. जगदीश ऊराया, दन्त रोग विशेषज्ञ डॉ.जीतेन्द्र सराफ, डॉ.मनीष गुप्ता, हिमेटोऑनकोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल, आयुर्वेद की डॉ. लतिका देवांगन, होमियोपैथी की डॉ. संध्या साहू, डॉ. नीलिमा शर्मा, फिजियोथेरेपी की डॉ. प्रियदर्शिनी, डॉ. संतोष भारव्दाज, एक्युप्रेशर थेरपिस्ट गुरदीप सिंह राजपाल, बालाजी हॉस्पिटल के डॉ. देवेन्द्र नायक के दो ड़ॉक्टर और पैरामेडिकल टीम, विनायक नेत्रालय के डॉ. चारुदत कलमकर के डॉक्टरो ने अपनी सेवाएं दी। आराधना पैथालाजी के डॉ. ज्ञानप्रकाश धरावे की टीम ने शिविर में 52 ब्लड सैम्पलों में ब्लड शुगर तथा ब्लड ग्रुप की जांच की। शिविर में मरीजों को दवाएं भी निःशुल्क वितरित की गई।
शिविर के संचालन में छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स एसोसियेशन के सरदार जी.एस. भामरा और सचिव सरदार दीप सिंह जब्बल , जगदीश सिंह जब्बल, अवतार सिंह प्लाहा, आर.एस. आजमानी, डॉ. कुलदीप सिंह छाबड़ा डॉ. भजन सिंह छाबड़ा, अमोलक सिंह, कुलदीप सिंह छाबड़ा, जे.एस. खोखर, टी.एस. भाटिया, जगपाल सिंह, सुखबीर सिंह सिंघोत्रा, भूपेन्द्र सिंह, वार्ड पार्षद प्रतिनिधी नानू ठाकुर उपस्थित थे।
राज्य सभा सांसद रामविचार नेताम का मुख्यमंत्री को अनुरोध व चेतावनी पत्र
प्रदेश में हो रहे मतांतरण पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामविचार नेताम ने आज मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर प्रदेश में हो रहे मतांतरण पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है |
राज्य सभा सांसद रामविचार नेताम ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अनुरोध किया है कि राजनीतिक लाभ हानि की चिंता किए बगैर प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े इस बड़े षड्यंत्र पर बिना देर किए रोक लगाने की कार्रवाई करें,
ऐसा नहीं करने पर प्रदेश का आदिवासी समाज अपनी रक्षा के लिए एकजुट होकर करारा जवाब देने से बाज नहीं आएगा |
प्रेषित पत्र में राज्य सभा सांसद रामविचार नेताम ने अनुरोध के साथ-साथ एक प्रकार से धमकी चेतावनी भी दे दी है |
प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल इस पत्र की अंतिम पंक्ति को किस रूप में लेते हैं और क्या जवाब देते हैं ?
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