State News
  • चरित्र शंका के चलते प्रेमिका की गला घोंटकर हत्या, आरोपी गिरफ्तार

    बिलासपुर। बिलासपुर में महिला की अंधे कत्ल की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। आरोपी प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है।

    बताया जा रहा है कि पति की मौत के बाद पांच बच्चों की मां एक अधेड़ को दिल दे बैठी। इसके बाद से दोनों साथ रहने लगे। लेकिन, बीते दो साल से वह अधेड़ को छोड़कर अपने बच्चों के पास आ गई। ऐसे में अधेड़ प्रेमी ने उसके चरित्र पर शंका करने लगा। इसी के चलते उनके बीच झगड़ा हुआ और उसने स्कार्फ से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।

    गीतांजलि सिटी के पीछे सड़क किनारे झाड़ियों के बीच महिला की लाश

    पुलिस को शनिवार की सुबह जानकारी मिली कि बहतराई रोड स्थित गीतांजलि सिटी के पीछे सड़क किनारे झाड़ियों के बीच महिला की लाश पड़ी है। खबर मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। इस दौरान आसपास के लोगों से पूछताछ कर महिला की पहचान करने का प्रयास किया गया। लेकिन, उसकी शिनाख्ति नहीं हो पाई। दोपहर में कुछ लोगों ने महिला की पहचान मुन्नी बाई केंवट के रूप में की।

    सख्ती से पूछताछ में हत्या करना स्वीकार

    सब इंस्पेक्टर बीआर सिन्हा ने बताया कि संदेही युवक अजय का नाम सामने आने के बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की, तब पहले वह गुमराह करने लगा। सख्ती से पूछताछ में वह टूट गया। उसने महिला की हत्या करना स्वीकार करते हुए बताया कि वह दूसरे युवक से बात करती थी। पुलिस ने आरोपी अजय से महिला का मोबाइल बरामद किया है और उसे गिरफ्तार कर लिया है।

  •  दो बसों में लगी भीषण आग, मौके पर पंहुचा दमकल विभाग

    रायगढ़। जिले के जूट मिल क्षेत्र में अचानक बस में आग लग गई, आग लगने से इलाके में हड़कंप मच गया, घटना की सूचना फायर ब्रिगेड को दी गई जिसके बाद फायर ब्रिगेड तत्काल घटनास्थल परपहुंची और आग पर काबू पाया।

    बताया जा रहा है कि जिन दो बसों में आग लगी थी वह बसे कई वर्षों से एक ही स्थान पर खड़ी थी, और आज दोपहर अचानक बसों में आग लग गई। आग लगने की सूचना तत्काल जुटमिल पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी गई जिसके बाद से काफी मशक्कत करने के बाद आग पर काबू पा लिया गया है, फिलहाल अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। पुलिस मामले की जाँच कर रही है।

  • BREAKING NEWS : 30 साल लिव-इन रिलेशनशिप में रहा प्रेमी जोड़ा, फिर 67 की उम्र में रचाई शादी, 4 गाँवों के लोग हुए शामिल

    जशपुर। छत्तीसगढ़ में प्यार और भरोसे की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली है कि लिव-इन रिलेशनशिप में 30 साल तक रहने के बाद प्रेमी जोड़े ने शादी रचाई. इस बीच उनका एक बच्चा भी हुआ.

    लोग कहते है कि प्यार- मोहब्बत किसी बंधन का मोहताज नहीं होता, प्यार में कोई शर्त नहीं होता. एक तरफ लिव-इन में रहते हुए आफताब-श्रद्धा की मर्डर मिस्ट्री की कहानी से देशभर में सनसनी है. वहीं छत्तीसगढ़ के आदिवासी जिला जशपुर के एक छोटे से गांव में विगत 30 सालों से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे आदिवासी दंपति की शादी ग्राम पंचायत के सहयोग से कराई गई और माता-पिता की शादी में उनके बच्चे भी शामिल हुए।

    सरडीह पंचायत में शादी

    ग्राम पंचायत की ओर से शादी समारोह का आयोजन किया गया था और बीडीसी शब्बीर अंसारी ने वर-वधु को आशीर्वाद देकर कन्यादान किया. यह शादी मनोरा विकासखंड के सरडीह गांव में हुई. यहां मंगलवार को मंडप सजाया गया. जहां 30 साल और एक 4 साल से लिव-इन में रहे आदिवासी जोड़े को परिणय सूत्र में बांध गए. इन्हे 4 गांव के ग्रामीण आशीर्वाद देने पहुंचे।

    वर-वधु अत्यंत गरीब

    बीडीसी शब्बीर अंसारी और सरपंच अनिता बाई ने बताया कि दोनों जोड़ी के परिवार अत्यंत गरीब हैं. दिन-रात मेहनत करते है और परिवार का पालन पोषण करते है. दोनों जोड़ों के पास इतना पैसा नहीं है, जो अपनी शादी करा सकें. तब बीडीसी और सरपंच के पास प्रस्ताव रखा गया. फिर दोनों जोड़ी की रीति-रिवाज के साथ शादी कराई गई. इस वैवाहिक कार्यक्रम में पूरे पंचायत के लोग शामिल हुए और वर-वधू को आशीर्वाद दिया. दोनों वर-वधू की जोड़ी की बीडीसी शब्बीर अंसारी और सरपंच अनिता बाई ने विवाह कराया. बीडीसी अंसारी ने बताया कि गांव में चौकीदार और महतो के द्वारा सूचना दी गई थी.  दोनों वर-वधू की रीति-रिवाज के साथ शादी कराई गई.

    30 साल से लिव-इन में रहे

    मोतीलाल और केशमईत दोनों में प्रेम संबंध था. इसके बाद दोनों एक साथ रहने लगे. करीब 30 साल बिना शादी के साथ रहे. इस बीच एक बेटी भी हो गई. वह अब 12 साल की है और छठवीं कक्षा में पढ़ती है. बताया जा रहा है कि मोतीलाल की उम्र 67 साल और केशमईत की उम्र 52 साल है.

  • भानुप्रतापदेव कालेज में जिला स्तरीय अंर्तमहाविद्यालयीन भाषण एवं इलेक्शन क्विज प्रतियोगिता का आयोजन

    राज्य निर्वाचन आयोग रायपुर, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कांकेर के निर्देशानुसार तथा भानुप्रतापदेव शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांकेर (छ.ग.) के प्राचार्य डॉ. सरला आत्राम के मार्गदर्शन में जिला स्तरीय अंर्तमहाविद्यालयीन भाषण एवं इलेक्शन क्विज प्रतियोगिता का आयोजन हुआ ।कार्यक्रम के शुरूआत मॉं शारदा के सम्मुख दीप प्रजवलन कर किया गया तत्पश्चात पुष्पगुच्छ भेट कर अतिथियों का स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री रामप्रकाश मिरे, जिला नोडल अधिकारी (स्वीप) विशिष्ठ अतिथि डॉ. एस.आर.बंजारे एवं लक्ष्मण कावड़े सहायक संचालन शिक्षा विभाग और कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ.आर.के.एस.ठाकुर ने की। चार स्तरीय प्रतियोगिता, महाविद्यालयीन स्तरीय, जिला स्तरीय, संभाग स्तरीय, एवं राज्य स्तरीय में से यह दूसरे स्तर का प्रतियोगिता था। महाविद्यालयीन स्तरीय प्रतियोगिता पश्चात प्रथम विजेता ही जिला स्तरीय अंर्तमहाविद्यालयीन भाषण एवं इलेक्शन क्विज प्रतियोगिता में शामिल हुए। इस प्रतियोगिता में भानुप्रतापदेव शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांकेर (छ.ग.) को मिला कर नौ अधिनस्थ महाविद्यालय जिसमें पंखाजूर, भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, दुर्गूकोंदल, सरोना, चारामा, शासकीय एवं आशासकीय महाविद्यालय नरहरपुर एवं इन्दरू केवट कन्या महाविद्यालय कांकेर के भाषण के दस एवं इलेक्शन क्विज के दस प्रतिभागी सम्मिलित हुए। पहले भाषण प्रतियोगिता तत्पश्चात इलेक्शन क्विज प्रतियोगिता कराया गया। इस प्रतियोगिता के लिए तीन सदस्यीय निर्णायक मण्डल जिसमें महाविद्यालय के डॉ. अंर्चना सिंह, अंतागढ़ महाविद्यालय की स्वीप प्रभारी सुजीत यादव एवं नरहरपुर महाविद्यालय से स्वीप प्रभारी बीरबल केमर्रो उपस्थित रहें। अतिथियों द्वारा प्रतिभागागियों को सम्बोधित भी किया गया एवं भविष्य में प्रतियोगिता के लिए मार्गदर्शन एवं सुझाव भी दिए गए, उनके द्वारा कहा हर कोई विजेता नही हो सकता लेकिन प्रतियोगिता में भाग लेना ही बहुत बड़ी बात होती है इससे व्यक्तित्व का विकास होता है। तत्पश्चात निर्णायक मंडल के डॉ. अर्चना सिंह द्वारा परिणाम की घोषणा की गई। भाषण प्रतियोगिता में हर्षिता साहू भानुप्रतापदेव शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांकेर (छ.ग.) प्रथम स्थान पर रहीं, जिन्हें चार हजार रू. नगद राशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। दिलेश्वरी मरकाम, शासकीय नवीन महाविद्यालय नरहरपुर दूसरे स्थान पर रहीं जिन्हें तीन हजार रू. नगद राशि के साथ प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इलेक्शन  क्विज प्रतियोगिता में रैनसिंह कागें, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्याल भानुप्रतापपुर एवं रूपेश कोर्राम, शासकीय महाविद्यालय सरोना ने बाजी मारी, जिन्हें चार-चार हजार रू. नगद राशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। अन्य सभी प्रतिभागियों को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। सभी अतिथियों द्वारा विजेताओं एवं प्रतिभागियों को बधाई एवं शुभकामनाए प्रेषित की गई। इस प्रकार भाषण के प्रथम विजेता एवं इलेक्शन क्विज के दोनो विजेता संभाग स्तरीय प्रतियोगिता जो 25 नवम्बर, 2022 को जगदलपुर में आयोजित है में शामिल होगें । कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी एवं स्वीप आयोजन प्रभारी अलका केरकेट्टा द्वारा किया गया । इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. लक्ष्मी लेकाम, प्रो. एन.आर.साव, प्रो.सिकन्दर कुजूर, डॉ. कमला ठाकुर, डॉ. बसंत नाग, डॉ. नेलसन खेस्स, ऋचा सगने, प्रो. आशीष नेताम, प्रो.विजय साहू, प्रो. अशोक भारती, डॉ.सीमा परिहार, डॉ.प्रीति वैष्णव, लुब्धेशवरी साहू, शहाना शेख, देवेन्द्र कुमार, चित्रसेन राय सहित भारी संख्या में महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहें ।  

  • 90 लीटर हाथ भट्टी महुआ शराब जप्त

    कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला के निर्देशानुसार जिला आबकारी अधिकारी संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में आबकारी वृत्त कांकेर के अमले द्वारा आरोपी लीलेश जैन, पिता शिवलाल जैन ग्राम सरंगपाल के मकान की तलाशी लेने पर 50 लीटर एवं 40 लीटर के जरकीन में 90 लीटर हाथ भट्टी महुआ शराब जब्त कर आरोपी लीलेश जैन के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की धारा-34(2), 59(क) के तहत प्रकरण दर्ज कर रिमांड पर जेल दाखिल किया गया। उक्त कार्यवाही में आबकारी उपनिरीक्षक श्रीमती प्रद्युमन नेताम, मुख्य आरक्षक उत्तम नाग, आरक्षक दुर्गा प्रसाद पटेल एवं नारायण कुलदीप का योगदान रहा।

  • किसानों को बिना ब्याज के लाख की खेती के लिए मिलेगा ऋण

    मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के निर्देश के अनुरूप छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार द्वारा किसानों को लाख की खेती के लिए प्रोत्साहित करने और उनकी आय में वृद्धि हेतु विशेष पहल की जा रही है। इसके परिपालन में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा बीहन लाख आपूर्ति तथा बीहन लाख विक्रय और लाख फसल ऋण की उपलब्धता के लिए मदद सहित आवश्यक व्यवस्था की गई है। राज्य में वर्तमान में 4 हजार टन लाख का उत्पादन होता है, जिसका अनुमानित मूल्य राशि 100 करोड़ रूपए है। राज्य में लाख उत्पादन को 10 हजार टन तक बढ़ाते हुए 250 करोड़ रूपए की आय कृषकों को देने का लक्ष्य है।

    राज्य में बीहन लाख की कमी को दूर करने हेतु कृषकों के पास उपलब्ध बीहन लाख को उचित मूल्य पर क्रय करने के लिए क्रय दर का निर्धारण किया गया है। इसके तहत कुसुमी बीहन लाख (बेर वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषकों को देय क्रय दर 550 रूपए प्रति किलो ग्राम तथा रंगीनी बीहन लाख (पलाश वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषकों को देय क्रय दर 275 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। इसी तरह कृषकों को बीहन लाख उपलब्ध कराने हेतु विक्रय दर का भी निर्धारण किया गया है। इसके तहत कुसुमी बीहन लाख (बेर वृक्ष से प्राप्त ) के लिए कृषकों को देय विक्रय दर 640 रूपए प्रति किलोग्राम और रंगीनी बीहन लाख (पलाश वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषकों को देय विक्रय दर 375 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है।

    राज्य सरकार द्वारा किसानों को लाख की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिला सहकारी बैंक के माध्यम से लाख फसल ऋण निःशुल्क ब्याज के साथ प्रदाय करने हेतु व्यवस्था की गई है। इसके तहत लाख पालन करने हेतु पोषक वृक्ष कुसुम पर 5 हजार रूपए, बेर पर 900 रूपए तथा पलाश पर 500 रूपए प्रति वृक्ष ऋण सीमा निर्धारित है। लाख पालन को वैज्ञानिक पद्धति से करने हेतु राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा कांकेर में प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया है। इस केन्द्र में 03 दिवसीय संस्थागत प्रशिक्षण के साथ लाख उत्पादन क्लस्टर में ऑनफार्म प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

    राज्य में योजना के सफल क्रियान्वयन और लाख उत्पादन में वृद्धि करने के लिए 20 जिला यूनियनों में 03 से 05 प्राथमिक समिति क्षेत्र को जोड़ते हुए लाख उत्पादन क्लस्टर का गठन भी किया गया है। इसके तहत प्रत्येक लाख उत्पादन क्लस्टर में सर्वेक्षण कर कृषकवार बीहन लाख की मांग की जानकारी ली जा रही है। इनमें कृषकों को संघ द्वारा निर्धारित मूल्य पर बीहन लाख प्रदाय करने हेतु आवश्यक कुल राशि को अग्रिम रूप से जिला यूनियन खाते में जमा कराना होगा। इसके तहत कुसुमी बीहन लाख के लिए कृषकों से प्राप्त मांग के अनुरूप राशि जमा किए जाने हेतु 15 दिसंबर तक समय-सीमा निर्धारित है।

  • मनेंद्रगढ़: किराना की खरीददारी के सवाल से परखा बच्चों का गणितीय ज्ञान

    शालाओं में  अध्ययन-अध्यापन, शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षकों की उपस्थिति का जायजा लेने 18 नवम्बर शुक्रवार को आकस्मिक दौरे पर निकले मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के कलेक्टर  पी.एस. ध्रुव ने मनेन्द्रगढ़ तहसील के ग्राम सिरोली की प्राथमिक शाला की कक्षा चौथी क्लास के बच्चों से किराना सामानों की खरीदी और राशि भुगतान के संबंध में सवाल पूछकर उनके गणितीय ज्ञान को परखा। सिरोली गांव के माध्यमिक शाला में आत्म रक्षा के लिए कराटे का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही बालिकाओं से मिले और उनका हौसला बढ़ाया। हायर सेकेण्डरी स्कूल कोथारी में कक्षा 11वीं के बच्चों की क्लास लेकर उन्हें विज्ञान के चमत्कार का पाठ भी पढ़ाया।

    कलेक्टर श्री ध्रुव प्राथमिक शाला सिरोली में कक्षा चौथी के बच्चों के गणितीय ज्ञान का आंकलन के लिए तेल, चावल, धनिया, मसाला और टमाटर की अलग-अलग मात्रा और मूल्य बताते हुए क्रय  उपरांत राशि के लेन-देन के बारे में उत्तर देने को कहा, जिसे बच्चों ने कुछ समय में अपनी कॉपी में हल कर उन्हें दिखाया। इसके पश्चात कक्षा पांचवीं के बच्चों का भाषा ज्ञान परखने के लिए ‘मेहनत का फल मीठा होता है‘ का निहतार्थ पूछा। माध्यमिक शाला सिरोली के निरीक्षण के दौरान प्रशिक्षक द्वारा स्कूली बच्चियों को आत्म रक्षा के लिए दी जा कराटे ट्रेनिंग का मुआयना किया। कलेक्टर ने सभी बच्चियों की हौसला अफजाई की और कहा कि इससे उनमें साहस और आत्मविश्वास पैदा होगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा स्कूली बालिकाओं को आत्म रक्षा के लिए जिले के चुनिंदा स्कूलों में दुर्गावती पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से कराटे की ट्रेनिंग दी जा रही है।  

    कलेक्टर श्री ध्रुव ने इसके पश्चात उप स्वास्थ्य केन्द्र हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर सिरोली का मुआयना कर वहां मरीजों को मिल रहे उपचार एवं दवाओं की उपलब्धता की भी जानकारी ली। कलेक्टर ने सेंटर में आने वाले सभी मरीजों का डाटा संधारित करने के साथ ही हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में साफ-सफाई का विशेष रूप में ध्यान रखे जाने के निर्देश दिए। हायर सेकेण्डरी स्कूल कोथारी में उन्होंने बच्चों को विज्ञान के चमत्कार का पाठ पढ़ाते हुए प्राचीन काल से आज तक की स्थिति में विभिन्न क्षेत्रों विज्ञान के माध्यम से तरक्की और इसके  लाभ के बारे में रोचक ढंग से जानकारी दी। कलेक्टर ने इस मौके पर शिक्षकों की उपस्थिति पंजी चेक की और प्रयोगशाला का भी मुआयना किया। हायर सेकेण्डरी स्कूल परिसर के साफ-सुथरा कराने के निर्देश भी दिए।

  • पोस्ट कोविड बच्चो के व्यक्तित्व विकास हेतु राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन

    स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पढ़ई तुंहर दुआर 3-0 के अंतर्गत पोस्ट कोविड बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए राज्य स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित की गई। विभिन्न संभागो से स्पीड गणित, स्पीड रीडिंग, तात्कालिक भाषण, चित्रकला, निबंध समेत अन्य प्रतियोगिताओं में लगभग 200 विद्यार्थी सांईस कॉलेज ऑडिटोरियम रायपुर में सम्मिलित हुए। जिसमें बेमेतरा जिले से कु. ज्योति साहू, शास.पूर्व माध्यमिक शाला कंतेली (तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता) एवं कु.साधना साहू, शास.पूर्व माध्यमिक शाला गोपालपुर (स्पीड रीडिंग प्रतियोगिता) का चयन संभाग स्तर से राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए हुआ था। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में कु. ज्योति साहू, शास.पूर्व माध्यमिक शाला कंतेली को तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। इस अवसर पर जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा बेमेतरा से श्री टोपेश्वर साहू, शिक्षिका श्रीमती सुनिता सिंह, शिक्षक श्री बिसन सिंह राजपूत उपस्थित थे।
    बच्चियों के राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में बेहतरीन सहभागिता पूर्ण करने एवं प्रथम स्थान प्राप्त करने पर कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक समग्र शिक्षा जिला बेमेतरा, जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक सांख्यिकी अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक और सहायक मिशन समन्वयक ने बधाई एवं शुभकामनायें दी।

  • कौशल्या मातृत्व योजना अंतर्गत 42 माताओं को मिला एकमुश्त 5-5 हजार

    राज्य शासन की महत्वाकांक्षी कौशल्या मातृत्व योजना अंतर्गत जिले के 42 माताओं के बैंक खाते में एकमुश्त 5-5 हजार रुपये डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में अंतरित किया गया।
        जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास से प्राप्त जानकारी के अनुसार कौशल्या मातृत्व योजना में दूसरा संतान पुत्री होने पर पुत्री के माता को 5000 हजार रुपये सहायता दिया जाता है ताकि मां और बेटी के स्वास्थ्य का ठीक से देखभाल हो सके। योजना का लाभ लेने के लिए माता को प्रसव पूर्व कम से कम एक बार जांच करवाना और बच्चे के जन्म का पंजीयन कराना जरूरी है। इसके साथ ही इच्छुक पात्र महिलाओं को आंगनबाड़ी केन्द्र में पंजीयन कराना होगा। पंजीयन के लिए लाभार्थी स्वयं द्वारा हस्ताक्षरित वचन पत्र या सहमति पत्र तथा सुसंगत दस्तावेजों के साथ निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर आंगनबाड़ी केन्द्र में दे सकते है। इसके लिए आंगनबाड़ी केन्द्र से निर्धारित फार्म निःशुल्क प्राप्त किया जा सकता है।

  • स्वच्छ भारत मिशन की पहल पर समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है बर्तन बैंक का संचालन

    बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में स्वच्छ भारत मिशन की एक अच्छी पहल देखने को मिली है, यहां पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्व-सहायता समूह की महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने के उद्देश्य से बर्तन बैंक का संचालन कर रही हैं, जिससे ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग में भी कमी आएगी, वहीं जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रीता यादव का कहना है कि आने वाले समय मे पूरे जिले में बर्तन बैंक की स्थापना की जाएगी।
    देश मे सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद करने के लिए तरह-तरह के उपाय किये जा रहे हैं इसी के तहत बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में सिंगल यूज प्लास्टिक बंद करने के उद्देश्य से स्टील के बर्तन बैंक की स्थापना की गई है और इसके संचालन की जिम्मेदारी महिला समूह को दी गई, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को रोजगार भी मिल सके, इसी क्रम में जिले के भनौरा गांव में मां संतोषी महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने गांव में ही स्टील के बर्तन बैंक का संचालन कर रही है, जिसमे पंचायत के फंड से स्टील के बर्तनों का पूरा सेट खरीदा गया और ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित होने वाले निजी कार्यक्रमों में स्टील बर्तनों का उपयोग हो सकेगा, जिससे सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर कमी आएगी। समूह की महिलाओं का कहना है कि वे पहले घर की चार दिवारी के भीतर ही अपना जीवन-यापन कर रही थी और आर्थिक मदद के लिए अपने परिजनों पर निर्भर हुआ करती थी लेकिन अब स्वच्छ भारत मिशन की पहल पर समूह की महिलाओं द्वारा बर्तन बैंक का संचालन किया जा रहा है और स्वच्छता शुल्क के नाम पर समूह द्वारा बाजार भाव से सस्ते दरों पर आयोजनकर्ता से राशि ली जाएगी, जिससे समूह की महिलाओं की आमदनी बढ़ेगी, वही समूह द्वारा संचालित बर्तन बैंक की सराहना ग्रामीण भी करते नजर आ रहे है इधर बर्तन बैंक को लेकर जिला पंचायत सीईओ का कहना है की ग्रामीण क्षेत्रों में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए अभी एक गांव से स्टील के बर्तन बैंक की शुरुआत की गई है और आने वाले समय में इस तरह से बर्तन बैंक का संचालन पूरे जिले में भी किया जाएगा।

  • नदी-नालों के पुनर्जीवन से बदलने लगी लोगों की तकदीर

    जल संरक्षण का व्यापक स्तर पर फायदा पर्यावरण, जैवविविधता के साथ किसानों और आम नागरिकों को मिल सकता है। इसी सोच के साथ राज्य सरकार ने प्रदेश में नरवा संरक्षण की पहल की। नई सरकार बनने के साथ आई महत्वाकांक्षी नरवा विकास योजना आज अपनी सार्थकता साबित कर रही है। नदी, नालों के पुनर्जीवन से जहां जल संरक्षण और भू-जल स्तर में वृद्धि हुई है, वहीं नरवा में बने जल संरक्षण संरचनाओं से किसानों की सिंचाई सुविधा में बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश के सुदूर दक्षिण कोण्डागांव वनमंडल द्वारा बोटी कनेरा उप परिक्षेत्र में किये गये चियोर बहार नरवा विकास कार्य ने क्षेत्र के किसानों की खुशहाली और समृद्धि के द्वार खोल दिये हैं।
    कैम्पा मद की वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 के तहत वनाच्छादित क्षेत्र से निकलने वाले चियोर बहार नाला में नरवा उपचार किया गया है। इसमें वन प्रबन्धन समिति के माध्यम से काकड़गांव के ग्रामीणों ने भी सक्रिय सहभागिता की। नाले के पुनर्जीवन के लिए किए गए योजनाबद्ध कार्यों का लाभ गांव के किसानों को मिला और उन्होंने सिंचाई सुविधा के विस्तार का लाभ लेकर अपनी तकदीर बदल दी। किसान सोमीराम नरवा में बनाए जल संरक्षण संरचना के पास स्थित अपने 2 हेक्टेयर कृषि भूमि पर अब खरीफ में उड़द और रबी में मक्का सहित साग-सब्जी की पैदावार ले रहे हैं। सोमीराम सिंचाई साधन सुलभ होने से खुश होकर बताते हैं कि पहले वे ख्ेाती के लिए बारिश पर निर्भर थे और केवल मक्का की खेती कर पाते थे। लेकिन नरवा से सिंचाई सुविधा मिलने से अब उन्होंने अपने खेत में 3 हार्सपॉवर का विद्युत पंप लगवा लिया है। सिंचाई सुविधा बढ़ने से वे रबी फसल में मक्का के अतिरिक्त भिन्डी, बैंगन, कद्दू, ग्वारफल्ली जैसी साग-सब्जी भी लगा रहे हैं। इससे उनकी आय बढ़ी है और वे क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गये हैं। अब गांव के किसान महेश और फगनू के साथ ही करीब 10 किसानों द्वारा रबी में मक्का एवं सब्जी की खेती की जा रही है। वहीं नरवा में बनी जल संरचनाओं में वन प्रबन्धन समिति द्वारा ग्रामीणों के सहयोग से मछलीपालन भी शुरू किया गया है ग्रामीणों को अतिरिक्त आय का जरिया मिल गया है। वन प्रबन्धन समिति काकड़गांव के अध्यक्ष श्री विजय नाग ने बताया कि चियोर बहार नरवा विकास कार्यों ने क्षेत्र में हरियाली के साथ किसानों और ग्रामीणों के जीवन में भी खुशहाली ला दी है।

     

     

    डीएफओ  आरके जांगड़े ने बताया कि चियोर बहार नाला-2 में 2 करोड़ 45 लाख रूपए की लागत से कुल 40,919 जलसंरक्षण और जल संवर्धन संरचनाओं का निर्माण कराया गया है। इससे नाले के 7 किलोमीटर परिधि क्षेत्र में 1100 हेक्टयर जल संग्रहण क्षेत्रफल को मद्देनजर रखते हुए 298 लूज बोल्डर चेकडेम, 143 ब्रशवुड चेकडेम, 11 गेैबियन संरचना, 35680 कन्टूर ट्रैंच के साथ ही 9 डाइक, तालाब गहरीकरण, परकोलेशन टैंक निर्मित किए गये हैं। जिससे नाले में निर्मित जल संरक्षण संरचनाओं में उपलब्ध पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जा रहा है। इसके साथ ही इस नाले में निर्मित 15 मीटर लम्बी एवं 60 मीटर ऊंची कांक्रीट डाईक में लगभग 1800 क्यूबिक मीटर जल संग्रहित है।

  • छत्तीसगढ़ में औषधीय प्रजातियों के कृषिकरण कार्य को बढ़ावा

    राज्य में छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड द्वारा संचालित विभिन्न योजनांतर्गत औषधीय प्रजातियों के कृषिकरण कार्य को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत वर्तमान में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु के अनुकूल प्रजातियों का चयन कर 1000 एकड़ से अधिक रकबा में औषधीय प्रजातियों का कृषिकरण कार्य किया जा रहा है।

        मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के कुशल मार्गदर्शन में वर्तमान में पायलट परियोजना अंतर्गत लेवेंडर की खेती के लिए छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में अम्बिकापुर, मैनपाट, जशपुर और रोजमेरी मध्य क्षेत्र बस्तर तथा मोनाड्रा सिट्रोडोरा का कृषिकरण कार्य को बढ़ावा देने चिन्हांकित किया गया है। औषधीय एवं सुगंधित प्रजातियों के कृषिकरण कार्य से किसानों को परंपरागत खेती से दोगुना अथवा इससे भी अधिक लाभ प्राप्त होता है।

        औषधीय पादप बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री जे.ए.सी. राव ने बताया कि नेशनल एरोमा मिशन योजना अंतर्गत राज्य में छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं पादप बोर्ड के सहयोग द्वारा औषधीय एवं सुगंधित पादपों का कृषिकरण कार्य जारी है। इस मिशन योजनांतर्गत लेमनग्रास, सीकेपी-25 (नींबू घास) का कृषिकरण किया जा रहा है। योजनांतर्गत मुख्य रूप से कृषक समूह तथा किसानों को कृषिकरण की तकनीकी जानकारी, रोपण सामग्री की उपलब्धता तथा आश्वन मशीन उपलब्ध कराने जैसे हर तरह की मदद दी जा रही है।

        वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में 02 समूहों द्वारा कार्य किया जा रहा है, जिसमें पहला जिला महासमुंद अंतर्गत ग्राम-चुरकी, देवरी, खेमड़ा, डोंगरगांव, मोहदा व अन्य स्थानों पर कृषिकरण प्रारंभ किया जाकर आश्वन यंत्र के माध्यम से तेल को निकाला जा रहा है। वहां आश्वन यंत्र भी स्थापित किया गया है। लेमनग्रास के कृषिकरण उपरांत प्राप्त होने वाले लाभ परंपरागत कृषि से लगभग दो गुना से ज्यादा है। उक्त योजनांतर्गत छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड द्वारा विपणन कार्य हेतु पूर्व में भी योजनाबद्ध तरीके से उत्पादों को विक्रय करने हेतु विभिन्न संस्थानों से करारनामा किया गया है, जिससे कृषकों को अपने उत्पादों को विक्रय करने में कोई परेशानी न हो। साथ ही आइ.आई.आई.एम. जम्मू से तकनीकी विशेषज्ञ डॉ. राजेन्द्र बावरिया एवं श्री राजेन्द्र गोचर के द्वारा वर्ष भर क्षेत्र में भ्रमण कर कृषकों को कृषिकरण की तकनीकी जानकारी तथा क्षमता विकास हेतु सतत् रूप से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके माध्यम से कृषकों द्वारा कृषिकरण में होने वाली कठिनाईयों का समाधान किया जा रहा है, जो एक सराहनीय कार्य है।

        इसी तरह दूसरा समूह जिला गरियाबंद अंतर्गत प्रारंभ किया गया है। जिसमें बड़ी संख्या में किसानों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर वर्तमान में औषधीय एवं सुगंधित पादपों के कृषिकरण हेतु क्षेत्र का भ्रमण किया गया है। इनमें जिला धमतरी, बस्तर, पेण्ड्रा, दुर्ग के कृषकों के द्वारा 04 समूह तैयार कर निकट भविष्य में औषधीय एवं सुगंधित पादपों का कृषिकरण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। बोर्ड द्वारा लेमनग्रास कृषिकरण के साथ जामारोज सीएन-5 प्रजाति का भी गत वर्ष में परीक्षण किया गया है, जिसे वर्तमान में बढ़ाया जा रहा है। लगभग 25 एकड़ में जामारोज सीएन-5 प्रजाति एवं 300 एकड़ से अधिक में लेमनग्रास का कृषिकरण किया जा रहा है। वर्तमान में आइ.आई.आई.एम. जम्मू तथा कृषकों द्वारा स्वयं सात आश्वन यंत्र लगाया गया है। संचालक आइ.आई.आई.एम जम्मू डॉ. श्रीनिवास रेड्डी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को औषधीय एवं सुगंधित पौधों के कृषिकरण कार्य हेतु एक विशेष मॉडल बनाने की योजना है। साथ ही साथ मिशन अंतर्गत उक्त कार्य के संचालित होने से राज्य में स्थानीय स्तर पर चार से छह हजार परिवारों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।