National News
  • मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में19 विधेयक पारित हुए
    नई दिल्ली संसद का 19 जुलाई से शुरू हुआ मॉनसून सत्र अपने पूर्व निर्धारित समय से दो दिन पहले ही बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। पेगासस जासूसी मामले और तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण लोकसभा में जहां मात्र 22 प्रतिशत वहीं राज्यसभा में महज 28 प्रतिशत ही कामकाज हो पाया। बीते सात सालों में संसद में सबसे ज्यादा हंगामा इसी सत्र में देखा गया, लेकिन इसके बावजूद राज्यसभा में साल 2014 के बाद से अब दूसरी बार ऐसा हुआ है जब सबसे ज्यादा बिल पारित हुए हों। इस सत्र में राज्यसभा में 74 घंटे 26 मिनट बर्बाद हुए। सिर्फ 17 दिन ही राज्यसभा की कार्यवाही चली और इसके बावजूद औसतन हर दिन 1.1 बिल को पारित किया गया। साल 2020 में जब देश कोरोना महामारी से लड़ रहा था, उस समय मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में हर दिन औसतन 2.5 बिल पास किए गए थे, जो कि साल 2014 के बाद से सबसे ज्यादा था। राज्यसभा में बुधवार को सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने से पहले करीब छह घंटे तक चर्चा कर ओबीसी से संबंधित संविधान (127 वां संशोधन) विधेयक को पारित किया गया। हालांकि इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के बीच तीन और विधेयकों को पारित किया गया। इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। राज्यसभा सचिवालय द्वारा उपलब्ध कराये गए आंकड़ों के अनुसार वर्तमान सत्र में मात्र 28 प्रतिशत कामकाज हुआ। इस दौरान सदन में 28 घंटे 21 मिनट कामकाज हुआ और हंगामे के कारण 74 घंटे 26 मिनट का कामकाज बाधित हुआ। सत्र के दौरान 19 विधेयक पारित किए गये और पांच विधेयकों को पेश किया गया।
  • अयोध्या में 21 किलो वजनी चांदी के झूले में विराजमान होंगे 'रामलला'

    अयोध्या: प्रत्येक वर्ष सावन के महीने में राम नगरी अयोध्या में 10 दिनों तक झूलन उत्सव का पर्व मनाया जाता है. इन दिनों भी अयोध्या में सावन झूला मेले का उल्लास बिखरा हुआ है. हालांकि बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए यह पर्व नहीं मनाया गया था. लेकिन इस वर्ष प्रतिबंधों के साथ इस पर्व को मनाने की अनुमति मिली है. जिसके बाद राम नगरी अयोध्या में फिर से रौनक लौट आई है.

     
    झूले में विराजमान होंगे रामलला

    इस वर्ष का झूलन उत्सव अयोध्या के लिए बेहद खास है क्योंकि इस वर्ष राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला चांदी के झूले में विराजमान हो रहे हैं. यह पहला ऐसा मौका है जब परिसर में रामलला को चांदी के झूले पर झुलाया जाएगा.

     राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोशल मीडिया में झूले की तस्वीर जारी करते हुए पुष्टि की है कि इस वर्ष रामलला 21 किलो वजन के चांदी के झूले में विराजमान होंगे. श्रावण शुक्ल तृतीया तिथि से झूलन उत्सव परंपरागत रूप से शुरु हो चुका है और पूर्णिमा तिथि को यह झूलन उत्सव समाप्त होगा. इस दौरान श्रद्धालुओं को चांदी के झूले में विराजमान राम लला का दर्शन मिलेगा.

    आपको बता दें कि राम जन्मभूमि परिसर के अलावा अयोध्या के करीब 5000 मंदिरों में श्रावण शुक्ल तृतीया तिथि को झूले पड़ चुके हैं और 10 दिनों तक यह उत्सव मनाया जाएगा. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन करना भक्तों के लिए अनिवार्य किया गया है, ताकि कोरोना संक्रमण से भक्तों का बचाया जा सकें

  • 12 हजार रुपए तक गिरे सोने का दाम, जानिए 10 ग्राम की क्या है कीमत
    नई दिल्ली: त्योहारों के सीजन में स्वर्णाभूषण के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है. खासकर महिलाओं के लिए. सोने के भाव 12 हजार रुपये से अधिक गिर गये हैं. इसलिए विशेषज्ञ कह रहे हैं कि सोने की खरीदारी का यही सही समय है. पिछले कुछ दिनों से लगातार सोने के भाव में गिरावट दर्ज की गयी है. आंकड़ों पर गौर करें, तो सोना हाल के दिनों के अपने न्यूनतम स्तर पर आ गया है. बाजार के जानकार कह रहे हैं कि सोना में निवेश कभी नुकसान नहीं देता. और जब कीमतें इतनी कम हो गयीं हों, तो खरीदारी जरूर करनी चाहिए. सोने की कीमत 9 अगस्त 2021 को प्रति ग्राम 4,494 रुपये थी. अगस्त, 2020 की बात करें, तो सोने के भाव आसमान छू रहे थे. तब प्रति 10 ग्राम सोने का मूल्य 59,300 रुपये था. आज यह घटकर 44,940 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया है. यानी एक साल में ही सोना 12,110 रुपये सस्ता हो चुका है. हाल के दिनों में पीली धातु की कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है. 5 अगस्त 2021 को गोल्ड प्रति 10 ग्राम 51,320 रुपये में बिक रहा था, जो 9 अगस्त को 47,190 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया. यह 24 कैरेट के सोने का अधिकतम मूल्य है. इसी दौरान अगर सोना के न्यूनतम मूल्य की बात करें, तो 5 अगस्त को जो सोना 47,040 रुपये में मिल रहा था, 6 अगस्त को उसकी कीमत घटकर 46,940 रुपये प्रति 10 ग्राम, 7 अगस्त को 45,750 रुपये प्रति 10 ग्राम, 8 अगस्त को 45,990 रुपये प्रति 10 ग्राम और 9 अगस्त को 44,940 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा. यानी सिर्फ 8 अगस्त को गोल्ड की कीमत में थोड़ी तेजी आयी. वह भी मामूली. सिर्फ 240 रुपये की वृद्धि हुई सोने की कीमतों में. इसके बाद फिर उसमें 50 रुपये की कमी दर्ज की गयी. दुर्गा पूजा और दीपावली से पहले सोने की कीमतों में इतनी बड़ी गिरावट से स्वर्णाभूषण के शौकीनों को बड़ी राहत मिलेगी. आपको बता दें कि भारत सोना खरीदने के मामले में दुनिया भर के देशों में सबसे आगे है. यानी सबसे ज्यादा गोल्ड की खरीदारी भारत ही करता है. भारत में गहना बनाने में सोना का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. किसी भी देश की अर्थव्यवस्था पर सोना गहरा प्रभाव डालता है. इंटरनेशनल मार्केट में भी कीमतें गिरीं इंटरनेशनल मार्केट में भी सोने की कीमतें घटी हैं. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में गोल्ड के भाव 4 महीने के न्यूनतम स्तर पर आ गये हैं. 10 ग्राम सोना का मूल्य 46,000 रुपये हो गया है. एमसीएक्स में गोल्ड फ्यूचर भी लगातार तीन ट्रेड सेशन में 1.3 फीसदी तक गिर चुका है. अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी रोजगार डाटा की मजबूती की वजह से पीली धातु की चमक थोड़ी फीकी पड़ी है. बावजूद इसके माना जा रहा है कि इंटरनेशनल मार्केट में सोना अब भी काफी मजबूत है. यदि एमसीएक्स में गोल्ड के भाव 44,700 रुपये से 45,300 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच रहते हैं, तो यह शुभ संकेत है. यदि सोना 44,700 रुपये के स्तर से नीचे जाता है, तो खरीदारी का सुनहरा अवसर होगा.
  • महापौर ढेबर ने प्राइवेट अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर खड़े किए सवाल, डेंगू को लेकर गंभीरता बरतने के दिए निर्देश, निरीक्षण कर जाना मरीजों का हाल
    रायपुर: राजधानी रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने डेंगू मरीजों के परीक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने निजी अस्पतालों के जांच पर सवाल खड़े किए है। राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा व एम्स में डेंगू मरीजों का सही परीक्षण हो पा रहा है। वहीं राजधानी के प्राइवेट अस्पतालों के द्वारा किए जा रहे परीक्षण कसौटी पर खरा नहीं उतर रहे हैं। बता दें कि राजधानी में डेंगू की बढ़ रही बीमारियों को ध्यान में रखते हुए राजधानी रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने आज डेंगू प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। इसके साथ ही डेंगू से पीड़ित मरीजों का हालचाल भी जाना। वहीं राजधानी में डेंगू पर कैसे काबू पाया जाए उसको लेकर सभी जोन अध्यक्षों को दिशा-निर्देश भी दिए हैं।राजधानी के महापौर एजाज ढेबर आज डेंगू प्रभावित इलाके में पहुंच कर निरीक्षण किया। इसी दौरान डेंगू प्रभावित इलाका रामकुंड में पहुंच कर डेंगू से पीड़ित मरीजों का हालचाल जाना है। महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि निगम का सभी प्रशासनिक अमला लगातार डेंगू पर काबू पाने के लिए कार्य कर रहा है। इसके साथ ही अलग-अलग कार्यक्रम जागरूकता अभियान के जरिए लोगों को जागरूक करने का भी काम किया जा रहा है कि लोग घरों में पानी को इकट्ठा ना होने दें। इसके साथ ही नगर निगम के द्वारा लगातार टेस्ट कराए जा रहे हैं। महापौर ने कहा कि शुक्रवार से नगर निगम के सभी 10 जोनों में डेंगू के लिए विशेष शिविर लगाया जा रहा है, जहां पर संबंधित लोग डेंगू को लेकर जांच करा सकेंगे।
  • बड़ा हादसा: बाइक सवार को बोलेरो ने कुचला, दो मासूम समेत पांच की मौत
    उत्तर प्रदेश ।। यूपी के संभल जिले में बुधवार को बड़ा हादसा हो गया। गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र में तेज रफ्तार बोलेरो ने सामने से आ रही बाइक को रौंद दिया। हादसे में बाइक पर सवार दादा, मां-बाप और दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। अनियंत्रित बोलेरो सड़क से उतरकर खेत में पहुंच गई। हादसे के बाद चालक मौका पाकर भाग गया। मौके पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट गई। एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों के पांच लोगों की मौत से मातम पसर गया। थाना क्षेत्र के गांव उमरा निवासी विपनेश (24 वर्ष), दो मासूम बेटों चार साल के अनिकेत और डेढ़ साल के बेटे आरके के साथ ही पत्नी प्रीति (23 वर्ष) और पिता राम निवास सिंह (55 वर्ष) के साथ बदायूं जिले के सहसवान गया था। मासूम बेटे आरके को दवाई दिलाने के बाद कौलयाई की साप्ताहिक बाजार से दो बकरियां खरीदने के बाद सभी पांच लोग बाइक पर सवार होकर वापस घर लौट रहे थे। गुन्नौर क्षेत्र में गांव कादराबाद के पास सामने से आ रही तेज रफ्तार बोलेरो ने बाइक को रौंद दिया। हादसे में दादा रामनिवास और दोनों पोतों अनिकेत तथा आरके की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि विपनेश और उसकी पत्नी प्रीति गंभीर रूप से घायल हो गए।
  • BIG BREAKING : सिर्फ 6 दिनों के भीतर 300 बच्चे कोरोना की चपेट में, स्कूलों को बंद करने की नौबत
    देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। कोरोना की दूसरी लहर अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है कि तीसरी लहर (Third Wave) ने दस्तक देना भी शुरू कर दिया है। देश के कई राज्यों में एक तरफ जहां पाबंदियों को खोलना जारी है, तो कुछ जगहों पर नए मामलों की बढ़ती संख्या चिंता बढ़ा रही है। सबसे अहम बात ये है कि अब स्कूल (Schools) खुल जाने के कारण बच्चों पर खतरा मंडरा रहा है, कर्नाटक (Karnataka) के बेंगलुरु में ऐसा ही नतीजे दिखे हैं। बेंगलुरु में स्कूली बच्चों में कोरोना का कहर कोरोना वायरस के मामले कम होने के बाद कई जगह स्कूल-कॉलेज खोल दिए गए थे। कर्नाटक के बेंगलुरु (Bangalore) में भी ऐसा ही हुआ, लेकिन हाल ही में जारी आंकड़ों से जो तस्वीर निकलकर सामने आई है वो डराने वाली है। यहां करीब 6 दिनों में 300 से अधिक बच्चे कोरोनी की चपेट में आए हैं। बेंगलुरु जैसे बड़े शहर का ये आंकड़ा राज्य में सबसे तेज़ी से बढ़ता हुआ है। बेंगलुरु प्रशासन द्वारा जो आंकड़े दिए गए हैं, उनमें 0 से 9 साल के करीब 127 और 10 से 19 साल के करीब 174 बच्चे कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। ये आंकड़ा पांच अगस्त से दस अगस्त के का है। कर्नाटक (Karnataka) से इतर अगर उत्तर भारत की बात करें, तो यहां भी स्कूल-कॉलेज खुलने के बाद कोरोना के फैलते प्रकोप का असर दिख रहा है। हिमाचल प्रदेश करीब 62 छात्र कोविड की चपेट में आए हैं, पंजाब में भी 27 स्कूली बच्चे कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। हरियाणा के स्कूलों में भी कोरोना के केस दिखे हैं। स्कूलों में लगातार आ रहे कोरोना के मामलों के कारण सरकारें एक बार फिर सकते में आई हैं। अब हिमाचल प्रदेश ने 22 अगस्त तक स्कूल बंद करने की बात कही है। पंजाब (Punjab) की ओर से भी स्कूलों में सख्ती बढ़ाने की तैयारी है। बता दें कि हरियाणा में नौवीं से बारहवीं तक के स्कूल जुलाई में खोले गए थे, जबकि पंजाब ने अगस्त की शुरुआत में स्कूल खोले थे। हरियाणा ने भी 2 अगस्त से 9-12वीं तक के छात्रों को स्कूल बुलाना शुरू किया था।
  • बड़ी खबर : सड़क हादसा, कंटेनर से टकराई कार, पति-पत्नी और तीन बच्चों की दर्दनाक मौत
    बस्ती। भीषण हादसे में एक परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। कंटेनर के ब्रेक लेने के चलते कार अचानक बेकाबू होकर कंटेनर टकराई गई। हादसे में पांचों की मौके पर ही मौत हो गई। ये पूरा मामला बस्ती के पुरैना गांव का है। बता दें कि अब्दुल अजीज का परिवार शारदा नगर लखनऊ में रहता था। वे मूलत: बिहार के भागलपुर जिला स्थित म्हगमा थानान्तर्गत सिरसी के रहने वाले थे। अब्दुल अजीज की सास की बुधवार की मौत हो गई थी। वह झारखंड की रहने वाली थीं। अब्दुल अजीज अपनी पत्नी नर्गिस तबस्सुम, पुत्री अनम, एनम, सिदरा और तूबा के साथ झारखंड के लिए निकले थे। ड्राइवर अभिषेक समेत कार में कुल सात लोग सवार थे।जैसे ही इनकी कार बस्ती जिले के नगर थाना स्थित हाइवे पर पुरैना गांव के पास पहुंची कि आगे चल रहे कंटेनर के ब्रेक लेने के चलते कार अचानक बेकाबू हो गई और पीछे से जा टकराई। कार में सवार अनम और चालक अभिषेक को छोड़कर अन्य पांचों की मौत हो गई। इनके शव कार में फंस गए। मौके पर पहुंची नगर और कप्तानगंज की पुलिस ने शवों को बाहर निकलवाया। हादसे में बची अनम ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों को दुर्घटना के बारे में जानकारी दी।
  • नए पुलिस अधीक्षक के आते ही जिले में ताबड़तोड़ कार्यवाही शुरू, 4 लाइन अटैच
    पुलिस अधीक्षक एम एल सोलंकी की सेवानिवृत्त होने के बाद अनूपपुर में खाली हुए पुलिस अधीक्षक के पद पर अखिल पटेल 2015 बैच के आईपीएसजो भोपाल में राज्यपाल के सुरक्षा दस्ता में पदस्थ थे अनूपपुर पुलिस अधीक्षक अनूपपुर में पदस्थ किया गया है जानकारी के अनुसार इस पद पर इनकी पहली नियुक्ति है। जिस पर ये खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे अगर जिले में इनका कार्यकाल अच्छा रहा तो आगामी इनको बड़ा जिला भी मिल सकता है। अनूपपुर जिले की जनता इनसे उम्मीद करती है की जिले से अपराध को पूरी तरह खत्म करके एक अच्छा माहौल तैयार कर दे। आते ही धमाकेदार कार्यवाही पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल जैसे ही जिले का कार्यभार ग्रहण किये उसके बाद ही रात में अचानक करीब 12ः00 बजे थाना कोतवाली के भ्रमण के दौरान बैरक में कुछ पुलिसकर्मी को संदिग्ध हालत में शराब का सेवन किये पाया गया एवं पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति ज्ञात होने से वहॉ से भागने का प्रयास किया गया। पुलिस अधीक्षक के निर्देश के बाद पुलिसकर्मी का मेडिकल परीक्षण कराया गया, नषे की हालत एवं संदिग्द्ध गतिविधि प्रतीत होने पर तत्काल प्रभाव से प्रधान आरक्षक जितेन्द्र नरवरिया यातायात, रामधनी तिवारी थाना यातायात, आर.रवि मरावी यातायात एवं आर शैलेष मिश्रा कोतवाली अनूपपुर को पुलिस लाईन अटैच कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक द्वारा इस पर गंभीरता से कार्यवाही कराते हुए उक्त कर्मचारियों को पुलिस लाईन संबद्ध करते हुए सम्पूर्ण घटनाक्रम की जॉच अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अनूपपुर सुश्री कीर्ति बघेल को दी गई हैं। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक द्वारा सम्पूर्ण घटनाक्रम के संबंध में थाना प्रभारी कोतवाली से स्पष्टीकरण लिया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल द्वारा इस संबंध में समस्त थाना प्रभारी एवं अनुविभागीय अधिकारी को निर्देषित किया गया है कि अपने अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण रखें और ऐसी घटना की भविष्य में अगर पुनरावृत्ति होती है तो संबंधित थाना प्रभारी की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जायेगी। बढ़ता जा रहा अपराध जिले में दिन प्रतिदिन अपराध बेलगाम होता जा रहा है जिले में सट्टा, जुआ, कबाड़, चोरी, मादक पदार्थो की तस्करी का गढ़ बनता जा रहा है जिले में अपराध चरम पर है। जिस पर अंकुश बिल्कुल नही लग पा रहा है। सारे थाना क्षेत्रों में अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है जिस पर पूरी तरह अंकुश नही लग पा रहा है आम जन को आशा रहती हैं वो जहाँ पर रहे वहाँ पर शांति व्यवस्था रहे हत्या और चोरी के भी मामले लगातार बढ़ रहे है अभी कोयलांचल क्षेत्र में 2 महिला की हत्या का राज अभी तक नही खुल पाया हैं पूरे जिले में माफिया, कबाड़ी, जुआड़ी, सट्टेबाजों का बोलबाला है क्या नए पुलिस अधीक्षक जिले बढ़ रहे अपराधों पर अंकुश लगा पाएंगे क्या ? लोग का कहना है नए पुलिस अधीक्षक के कार्यभार ग्रहण करने के बाद दबंग पब्लिक प्रवक्ता के संपादक ने व्यापारी, छात्र, छात्रा, पत्रकार, नेता, बुद्धजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता, नौजवान, महिला 50 ऐसे लोगो से बात की आप लोगो नए पुलिस अधीक्षक से जिले में अपराध, शांति व्यवस्था अच्छे से कायम कर पाएंगे तो 80% लोगो ने कहा कि जिले में ऐसा नया कुछ नहीं होने वाला है जैसा चल रहा था वैसा ही चलते रहेगा। जब नए अधिकारी कार्यभार लेते हैं तो कुछ दिनों तक काफी ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हैं और फिर उसके बाद बाकियों की तरह जिले में अपराध बेपटरी जाती है। कुछ लोगो का कहना है कि जिले के बड़े अधिकारी की बाग़डोर रोलिंग पार्टी के विधायक और मंत्रियों के हाथ पर होती है जैसा वो कहते हैं वैसा ही चलता है। 4 पुलिस वाले को शराब सेवन करते पकड़ा तो लोगो ने कहा कि यह केवल खानापूर्ति है लाइन अटैच करके इन चारों को सस्पेंड करते तो बात बनती। 15% लोगो ने कहा कि ये 2015 बैच के यंग आईपीएस है पहला जिला मिला है कुछ नवाचार करके जिले में बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है। हमको इनसे जिले में काफी उम्मीद हैं जिले से इनके रहते अपराध कम होगा गौरव राजपूत और गौरव तिवारी की छवि इनके अंदर दिख रही है हमारे जिले के लिये ये बहुत अच्छा कार्य करेंगे। 5% लोगो ने कहा कि अभी कुछ नही कहा जा सकता कि जिले में ये कैसा कार्य करेंगे आने के साथ जो कार्यवाही हुई है उससे यह कहा पाना बहुत ही मुश्किल हैं कि ये अच्छा कार्य करेंगे या नही एक माह में सब लोगो के सामने हो जाएगा। पुलिस अधीक्षक से जिले में इनका मुख्य फोकस किस तरफ रहेगा जानकारी लेने के लिए जब इनसे बात हुई तो उस समय 15 अगस्त की परेड़ में व्यस्त होने के कारण बोले मैं अभी व्यस्त हूँ बाद में बात करता हूँ।
  • CRIME : 4 साल की बेटी की बलि, पिता ने बाबा के साथ मिलकर घटना को दिया अंजाम, जादू-टोने के जरिए कर रहे थे बीमारी का इलाज
    नई दिल्ली : पिता ने किसी कथित रस्म को पूरा करने के लिए अपनी ही बेटी की बलि दे दी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, दोनों ने कथित तौर पर लड़की की गला घोंटकर हत्या कर दी। उसके शरीर को सिंगलो नदी में फेंक दिया। असल में यह पूजा किसी अज्ञात बीमारी को ठीक करने के लिए की जा रही थी, जिसके लिए एक बच्चे की बलि देना जरूरी था। असम के चराईदेव जिले से हैरान कर देने वाली एक घटना सामने आई है, जिसमें एक पिता ने एक बाबा के साथ मिलकर जादू-टोना करते हुए अपनी चार साल की बच्ची की जान ले ली। पुलिस ने बताया, “दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि बोगधर, खुद को बाबा बताने वाले व्यक्ति ने सपना देखा था कि उसे कोई बीमारी है, जिसे केवल एक बच्चे के बलिदान से ही ठीक किया जा सकता है। उसने बच्ची के पिता को यह बात बताई जिसके बाद पिता ने बलिदान की रस्म के लिए अपने बच्चे की पेशकश करके उसकी मदद करने का फैसला किया।” पीड़िता के पिता अंता मुंडा (54) और बोगधर दोनों इलाके के सफारी चाय बागान में काम करते हैं। दोनों एक दूसरे के काफी करीब माने जाते हैं और पीड़िता का पिता बोगधर के घर में पार्ट टाइम काम किया करता था। पुलिस ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी सबसे पहले सोमवार को लड़की की बहन ने दी। तलाशी अभियान चलाया गया और मंगलवार को पीड़िता का शव पास की एक नदी में मिला। पुलिस टीम को नदी के किनारे से बच्चे के कपड़े और धार्मिक अनुष्ठानों से जुड़े कुछ अन्य सामान भी मिले। पुलिस ने बताया, “शरीर और अन्य वस्तुओं की बरामदगी से हमें संदेह हुआ कि यह जादू टोना या बलि का मामला हो सकता है। हमारी टीमों ने कई लोगों से पूछताछ की और अंता और बोगधर को बुधवार को बच्चे की हत्या में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
  • हिमाचल हादसा: किन्नौर में भूस्खलन की चपेट में आकर अबतक 11 की मौत, करीब 50 लोगों के दबे होने की आशंका

    किन्नौर: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में कल एक बस और अन्य वाहनों के भूस्खलन की चपेट में आने से अबतक 11 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, 13 अन्य को बचा लिया गया है, जबकि अभी भी करीब 50 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. इस भूस्खलन का एक वीडियो सामने आया है. इसमें दिखा कि पहले तो पहाड़ से पत्थर नीचे नदी में गिरे. उसके बाद पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर और नदी में गिर जाता है.

    मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है

    राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता के मुताबिक, मृतकों में से आठ एक टाटा सूमो टैक्सी में फंसे पाए गए. मोख्ता ने कहा कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस, जो रिकांग पियो से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी, अब भी मलबे में दबी हुई है. अधिकारी ने कहा कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि एचआरटीसी की एक और बस और एक बोलेरो और उसके यात्री मलबे के नीचे नहीं पाए गए और उनका अब भी पता नहीं चल सका है. उन्होंने कहा कि यह संभव हो सकता है कि दोनों वाहन मलबे के साथ नीचे लुढ़क गए हों.

    मोख्ता ने यह भी कहा कि एक टाटा सूमो मिली है जिसमें आठ लोग मृत पाए गए. उन्होंने कहा कि पत्थर गिरने से एक ट्रक नदी किनारे लुढ़क गया और चालक का शव बरामद कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि एक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त ऑल्टो कार भी बरामद की गई है. उन्होंने कहा कि कार के अंदर कोई नहीं मिला.

    पीएम मोदी ने हरसंभव मदद का दिया आश्वासन

    हादसे को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से किन्नौर में हुए भूस्खलन के चलते बनी स्थिति पर बात की. प्रधानमंत्री ने जारी बचाव अभियानों में हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया.’’ केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने भी भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए ठाकुर से बात की. गृह मंत्री ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को राहत एवं बचाव कार्यों में हिमाचल प्रदेश सरकार को हरसंभव मदद देने का निर्देश दिया.

     

    भूस्खलन तब हुआ जब इलाके में बारिश नहीं हुई थी

     

    मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि बचाव अभियान के लिए एक हेलीकॉप्टर की भी व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि भूस्खलन तब हुआ जब उस समय इलाके में बारिश नहीं हुई थी. राज्य के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मरने वालों में पांच महिलाएं और दो साल की एक बच्ची शामिल है. एक मृत व्यक्ति की पहचान अभी नहीं हो पायी है.

     

    मोख्ता ने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने नूरपुर से एनडीआरएफ को तलाशी एवं बचाव अभियान चलाने के लिए बुलाया है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारी, स्थानीय पुलिस के सदस्य, होमगार्ड, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, त्वरित प्रतिक्रिया दल (पुलिस) और चिकित्सा दल सहित खोज और बचाव दल घटना स्थल पर हैं. उन्होंने कहा कि दस एम्बुलेंस, चार अर्थ मूवर, आईटीबीपी की 17वीं बटालियन के 52 जवान, पुलिस के 30 जवान और एनडीआरएफ के 27 जवान बचाव अभियान में शामिल हैं.

     

    हिमाचल में इस मानसून मौसम में कुल 218 लोगों की मौत हुई

     

    इससे पहले 25 जुलाई को किन्नौर जिले में बटसेरी के पास हुए कई भूस्खलनों में नौ लोगों की मौत हो गई थी और तीन अन्य घायल हो गए थे. इसी तरह 27 जुलाई को लाहौल-स्पीति जिले में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई थी, दो अन्य घायल हो गए थे और दो लापता हो गए थे. जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने 4 अगस्त को राज्य विधानसभा को सूचित किया था कि हिमाचल प्रदेश में इस मानसून मौसम में कुल 218 लोगों की मौत हुई है और 12 लोग लापता हैं.

  • EOS-03 Launch: इसरो ने अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट को किया सफलतापूर्वक लॉन्च, रखेगा दुश्मन देशों की हर गतिविधि पर नजर

    EOS-03 Launch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS -03) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) के जरिये ये सैटेलाइट लॉन्च की गई. चक्रवात, तूफान और बादलों के फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं को मॉनिटर करने में ये सैटेलाइट मदद करेगी. साथ ही इसकी मदद से भारत को दुश्मन की जमीन पर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखने में भी मदद मिलेगी. 

    इसरो के अनुसार, "इस जीएसएलवी फ़्लाइट में पहली बार एक 4 मीटर डायमीटर का पेलोड भी भेजा गया है." EOS -03 एक स्टेट ऑफ आर्ट अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है जिसे जीएसएलवी F-10 अंतरिक्ष के जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित करेगा. इसके बाद ये सैटेलाइट खुद के onboard propulsion system की मदद से जियोस्टेशनरी ऑर्बिट तक पहुंचेगा. इस लॉन्च के लिए उल्टी गिनती बुधवार सुबह 03.43 को शुरू हुई.

     

    पिछले कुछ समय से टलता आ रहा था लॉन्च

     

     

    इस अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट का नाम GiSAT-1 है. लेकिन इसका कोड नेम EOS-03 दिया गया है. इस साल 28 मार्च को इसका लॉन्च होना था लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के चलते इसे टाल दिया गया था. इसके बाद अप्रैल और मई में भी कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते इसे लॉन्च नहीं किया जा सका था.

     

    EOS-3 को कहा जाता है स्पाई सैटेलाइट 

     

    EOS-3 के जरिए भारत दुश्मन की जमीन पर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रख सकेगा. खासकर चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर भी नजर रखने में यह सैटेलाइट मिलिट्री इंटेलिजेंस के लिए काफी कारगर साबित होगा. यहीं कारण है कि इसे स्पाई सैटेलाइट या आई इन द स्काई कहा जा रहा है. इसके अलावा ये सैटेलाइट कृषि, जंगल, मिनरेलॉजी, आपदा से पहले सूचना देना, क्लाउड प्रॉपर्टीज, बर्फ, ग्लेशियर समेत समुद्र की निगरानी करना या किसी भी तरह के फॉरेस्ट के लिए रियल-टाइम मॉनिटरिंग करेगा.

     

    ये सैटेलाइट 10 साल तक देश को अपनी सेवा देगा. यह उपग्रह सिर्फ दिन में ही नहीं बल्कि रात में भी इन्फ्रारेड तस्वीरें ले सकेगा. इस सैटेलाइट में तीन कैमरे लगे हैं. पहला मल्टी स्पेक्ट्रल विजिबल एंड नीयर-इंफ्रारेड (6 बैंड्स), दूसरा हाइपर-स्पेक्ट्रल विजिबल एंड नीयर-इंफ्रारेड (158 बैंड्स) और तीसरा हाइपर-स्पेक्ट्रल शॉर्ट वेव-इंफ्रारेड (256 बैंड्स). 2268 किलोग्राम वजनी EOS-3 सैटेलाइट अब तक का भारत का सबसे भारी अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट होगा.

     
  • India Monsoon Update: देश में अगले कुछ दिन हल्की रहेगी बारिश की रफ्तार, 16 अगस्त से आएगी तेजी

    India Monsoon Update: मौसम विभाग ने कहा है कि देश में वर्तमान में जारी कमजोर बारिश गतिविधि के अगले कुछ दिन तक लगातार बने रहने की संभावना है. हालांकि पूर्वोत्तर, पूर्वी भारत, उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्सों और बिहार में बनी हुई अत्यधिक बारिश की स्थिति 14 अगस्त तक जारी रहने की उम्मीद है और इसके बाद यह कम हो जाएगी. 

    उत्तर भारत के मैदानी इलाकों (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान), मध्य भारत, महाराष्ट्र, गुजरात सहित प्रायद्वीपीय भारत (तमिलनाडु और केरल के बाहर) अधिकतर हिस्सों में 15 अगस्त तक हल्की बारिश की काफी संभावना है. भारत में 16 अगस्त से बारिश गतिविधि में तेजी आएगी. अगले पांच दिनों में तमिलनाडु और केरल में छिटपुट से लेकर व्यापक बारिश होने की संभावना है. तमिलनाडु में 14 अगस्त और केरल में 12 अगस्त तक कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है.

    देशभर में मानसून में मौजूदा कमजोरी के 15 अगस्त तक बने रहने की संभावना है. वहीं, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत, उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्सों और बिहार में बनी हुई अत्यधिक बारिश की स्थिति 14 अगस्त तक बनी रहने की उम्मीद है और इसके बाद यह कम हो जाएगी.

     

    कहां होगी भारी बारिश
    आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, देश में एक जून से 10 अगस्त तक सामान्य से पांच फीसदी कम बारिश हुई है.
    असम और मेघालय में 11 से 13 अगस्त के बीच कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है. वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के गंगा से लगते इलाकों में 14 अगस्त के बीच व्यापक बारिश, कहीं-कहीं भारी बारिश जारी रहने की संभावना है. वहीं, पश्चिमी हिमाचल क्षेत्र में अगले पांच दिनों में छिटपुट से लेकर व्यापक बारिश होने की संभावना है. आईएमडी ने कहा कि 11 से 15 अगस्त तक उत्तराखंड में और 12 से 14 अगस्त के बीच हिमाचल प्रदेश में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है.

    पूर्वी यूपी में कुछ स्थानों पर भारी बारिश

    पूर्वी उत्तर प्रदेश में बुधवार को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई जबकि कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई. पश्चिमी यूपी के अलग अलग स्थानों पर हल्की बारिश/गरज के साथ छींटे पड़े. वहीं, प्रयागराज, चित्रकूट, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, बस्ती, रायबरेली, श्रावस्ती, बलिया, लखनऊ और सुल्तानपुर में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग का अनुमान है कि 12 अगस्त को पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है.