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  • गर्भवती होने के बावजूद मुस्तैदी के साथ ड्यूटी पर डटी दंतेवाड़ा डीएसपी की कर्तव्य परायणता को मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सराहा

    देश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा कर्तव्यपरायणता की मिसाल प्रस्तुत की जा रही है। कोरोना काल में कर्तव्यपरायणता की एक ऐसी ही मिसाल दंतेवाड़ा की डीएसपी श्रीमती शिल्पा साहू ने भी प्रस्तुत की है। गर्भवती होने के बावजूद वे सड़क पर उतर कर ड्यूटी कर रही हैं। कोरोना काल के नियम तोड़ने वालों को वे अपनी टीम के साथ समझाइश दे रही हैं। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने आज बस्तर संभाग में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के दौरान डीएसपी श्रीमती शिल्पा साहू की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने कर्तव्यपरायणता की अनुकरणीय मिसाल समाज के सामने प्रस्तुत की है। 
        गौरतलब है कि लाकडाउन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जहां शासकीय अधिकारी-कर्मचारी मुस्तैदी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं, वहीं मरीजों को अस्पताल पहुंचाने, उनके लिए प्लाज्मा, दवाओं का इंतजाम कराने उन्हें आवश्यक जानकारियां मुहैया कराने आदि के लिए समाजसेवी संस्थाएं दिन रात काम कर रही हैं। राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन द्वारा हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। इसमें मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अपील पर शासन-प्रशासन की मुस्तैदी के साथ विभिन्न सामाजिक संगठन, उद्योग तथा व्यापार जगत के लोग भी मदद के लिए बढ़-चढ़कर आगे आ रहे हैं। 

  • छत्तीसगढ़ : मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने दो युवकों को उतारा मौत के घाट… शव बरामद..!
    सुकमा. छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. नक्सली आए दिन वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. सुकमा में नक्सलियों ने दो युवकों की हत्या कर दी. मृतकों की लाश जिले के मिलापल्ली गांव में मिली है. सुकमा के एसपी केएल ध्रुव ने इस घटना की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने दोनों की हत्या कर दी. शव के पास से एक नोट भी बरामद हुआ है.
  • लॉकडाउन की अवधि तक उच्च न्यायालय का सामान्य काम-काज स्थगित : अत्यंत महत्वपूर्ण मामलों की ही की जा सकती है सुनवाई

    कोरोना संक्रमण की रोकथाम को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन की अवधि तक उच्च न्यायालय बिलासपुर में दैनिक सामान्य काम-काज स्थगित रखने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य न्यायाधीश के दिशानिर्देश अनुसार सिर्फ अत्यंत महत्वपूर्ण मामलों की ही सुनवाई की जा सकती है। 

    छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक)  योगेश पारिख के द्वारा 19 अप्रैल 2021 को जारी अधिसूचना के अनुसार लाकडाउन की अवधि तक उच्च न्यायालय के दैनिक सामान्य कामकाज को स्थगित करते हुए केवल अति महत्वपूर्ण मामलों को मुख्य न्यायाधिपति के दिशानिर्देश  के अनुरूप सुनवाई की जाएगी। उक्त अवधि में आवश्यक कार्य हेतु रोटेशनल पद्धति से आवश्यकतानुसार न्यूनतम कर्मचारियों को उपस्थित होने के निर्देश दिए जा सकते हैं। लॉकडाउन की अवधि में उच्च न्यायालय के समस्त अधिकारी कर्मचारी ‘वर्क फ्रोम होम’ के अंतर्गत विभाग प्रमुख के निर्देश पर स्वयं की त्वरित रूप से उपलब्धता रखेंगे एवं किसी भी स्थिति में बिना पूर्वानुमति के मुख्यालय से बाहर नही जाएंगे। किसी अवस्था में यदि जिलाधीश बिलासपुर के द्वारा लॉक डाउन की अवधि बढ़ाई जाती है तो इस व्यवस्था को आगे बढ़ा दिया जाएगा, अन्यथा लॉक डाउन समाप्ति पर उच्च न्यायालय के पूर्ववर्ती आदेशनुसार आदेशित व्यवस्था ही पुनः कार्यशील मानी जाएगी।

  • खौफनाक मंजर : पति ने उतरा पत्नी को मौत के घाट...लाश को फेका जंगल में, जाँच में जुटी पुलिस
    बीजापुर । प्रदेश के घोर नक्सल प्रभावित जिला से दर्दनाक वारदात की खबर सामने आई है जहाँ आरक्षक ने अपनी ही पत्नी को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद आरोपी आरक्षक ने शव को जंगल में फेंककर फरार हो गया। पुलिस शव बरामद कर मामले की जांच में जुट गई है।मिली जानकारी के मुताबिक बीजापुर जिले के शांति नगर और जैतालूर के बीच जंगल में महिला की लाश पुलिस ने बरामद की है। इधर गांव में महिला की लाश मिलने से सनसनी फैल गई। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया है।वहीं फिलहाल पता नहीं चल पाया है कि आरोपी आरक्षक ने किन कारणों से पत्नी की हत्या की। आरोपी पति की गिरफ्तारी के बाद ही मामले का खुलासा होगा। फिलहाल पुलिस इस मामले की जाँच में जुट गई है।
  • कोरोना काल में भी मनरेगा से लोगों को प्राप्त होगा रोजगार शासन के निर्देशानुसार 193 रूपये की दर से लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा रोजगार

    कोराना संकट के क्षण में महात्मा गांधी नरेगा योजनांर्गत ग्रामीण क्षेत्रो के पंजीकृत श्रमिकों को कोराना वायरस से उत्पन्न परिस्थितियों पर विशेष ध्यान देते हुए शासन द्वारा समय-समय पर जारी सुरक्षा एवं सावधानी संबंधी मार्गदर्शिकाओं का पालन करते हुए मांग के आधार पर उनके ग्राम के आस-पास ही रोजगार उपलब्ध कराकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किये जाने के निर्देश कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा एवं सीईओ जिला पंचायत डीएन कश्यप के द्वारा दिया गया है। विदित हो कि महात्मा गांधी नरेगा के तहत कार्य करने वाले अकुशल श्रमिकों को इस वित्तीय वर्ष 2021-22 में 01 अप्रैल से प्रतिदिन 193.00 रूपये की दर से मजदूरी भुगतान प्रदाय किया जा रहा है। जिला कोण्डागांव अतंर्गत समस्त ग्राम पंचायतों में पर्याप्त संख्या में योजनांतर्गत अनुमेय कार्यो के तहत रोजगार मूलक कार्यो की स्वीकृति प्रदाय की गई है। जिससे कार्य की मांग किये जाने पर कोई भी परिवार रोजगार से वंचित होना ना पडे तथा अधिक से अधिक श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके। कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा) के द्वारा निर्देशित किया गया है कि जिले में लाॅकडाउन प्रभावी होने के स्थिति में भी श्रमिको के द्वारा कार्य की मांग किये जाने पर अवश्य रूप से उन्हें महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत रोजगार उपलब्ध कराया जाना है।

  • बैंक एवं ए.टी.एम. पूर्ववत संचालित होंगे, आवश्यक सेवाओं से जुड़े सभी लेन-देन प्रातः 10 बजे से दोपहर 01 बजे तक संचालन की अनुमति

    पाॅजीटिव प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री चन्दन कुमार द्वारा सम्पूर्ण जिला उत्तर बस्तर कांकेर में 19 अप्रैल के सायं 06 बजे से 26 अप्रैल प्रातः 06 बजे तक कन्टेमेंट जोन घोषित किया गया है। इस अवधि में जिले के समस्त बैंकों के संचालन हेतु जारी निर्देशानुसार जिला उत्तर बस्तर कांकेर अंतर्गत समस्त बैंक एवं ए.टी.एम. पूर्ववत संचालित रहेंगे तथा ए.टी.एम. कैश रिफिलिंग, कार्यालयीन कार्य, दवा एवं चिकित्सकीय प्रयोजन को अनुमति दी गई है। 
    उक्त आदेश के अनुक्रम में यह प्रतिस्थापित किया गया है कि उपरोक्त अवधि में आवश्यक सेवाओं से जुड़े सभी लेन-देन जैसे-चिकित्सा उपकरण एवं चिकित्सा संबंधी, पेट्रोल, डीजल पंप, एलपीजी, पीडीएस, उद्योग, व्यवसाय एवं उनके श्रम भुगतान, चिकित्सा आॅक्सीजन आपूर्तिकर्ता, तरल आॅक्सीजन उत्पादक एवं शासकीय कार्यों से संबंधित लेन-देन को भी प्रातः 10 बजे से दोपहर 01 बजे तक संचालन की अनुमति होगी। पूर्व में जारी आदेश का शेष अंश यथावत् रहेगा, यह आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है। 

  • आदनार में वन विभाग लोगों को पहुंचाया टीकाकरण केन्द्र तक अग्नि प्रहरियों ने घोड़ागांव में लगाये टीके

    दक्षिण वनमंडल कोण्डागांव के वनमंडलाधिकारी उत्तम गुप्ता के निर्देश पर वनकर्मी लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि कोरोना वायरस से लोगों को बचाया जा सके। इस वायरस के प्रभाव में गांवों को बचाने के लिए घर-घर जाकर लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए टीकाकरण केन्द्रों से दूर निवास करने वाले लोगों को वन विभाग द्वारा वाहन से केन्द्रों तक लाने की व्यवस्था की गई है साथ ही वनकर्मियों को भी टीकाकरण के लिए निर्देश दिए गये हैं। जिसके तहत् आज घोड़ागांव में वन विभाग के अग्नि प्रहरियों का टीकाकरण करवाया गया एवं ग्रामीणों को भी समझाईश दी गई।

  • सुदूर वनांचलों में वनमंडल होम आईसोलेटेड मरीजों उपलब्ध करा रहा है आॅक्सीमीटर

    दक्षिण कोंडागांव वनमंडल के वनमंडलाधिकारी दक्षिण कोण्डागांव उत्तम कुमार गुप्ता, (भा.व.से.) के निर्देश पर वन विभाग द्वारा सुदूर वनांचलों में रहने वाले समिति सदस्यों एवं ग्रामीणों को जो कोरोना पाॅजिटीव पाये गये हैं एवं आॅक्सीमीटर क्रय करने में सक्षम नही है। उन्हें रोटेशन बेस पर वन प्रबंधन समिति के माध्यम से आॅक्सीमीटर उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि कोरोना संक्रमित होम आईसोलेशन में रह रहे ग्रामीण परिवार उसका उपयोग कर लाभ प्राप्त कर सके। ज्ञात हो कि जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशानुसार अब कोरोना संक्रमितों की निरंतर जांच हेतु आवश्यक आॅक्सीमीटर, थर्मोमीटर उपकरणों के बिना होम आईसोलेशन प्रदान नहीं किया जा रहा है। ऐसे मरीज जिनके पास ये उपकरण नहीं हैं उन्हें तुरंत कोविड केयर सेंटर ले जाया जाता है क्योंकि इन उपकरणों के बिना कोरोना में आपात स्थितियों का सही आंकलन करना संभव नहीं है एवं अक्सर अध्ययनों में पाया गया है कि होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों द्वारा लापरवाही के चलते आॅक्सीजन का स्तर निरंतर गिरने लगता है एवं आॅक्सीजन स्तर अत्यधिक गिर जाने पर मरीज के उपचार में कठिनाईयां आती है। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर वनमंडल द्वारा उपकरण खरीदने में असक्षम लोगों की मदद के लिए सराहनीय कदम उठाए हैं। इसके साथ ही वनमंडल द्वारा कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों की घर-घर जाकर जांच की जा रही है साथ ही टीकाकरण में भी वन विभाग सराहनीय भूमिका अदा कर रहा है।
    इस सबंध में विस्तृत निर्देश सबंधित क्षेत्रों के उपवनमंडलाधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारी एवं समस्त क्षेत्रीय वन कर्मचारियों को दिये जा चुकें हैं। वन विभाग के दलों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सतत् भ्रमण कर ग्रामीण क्षेत्रों में होम आईसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमित परिवारों की निगरानी करते हुये उन्हे आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। 

  • संवैधानिक पद में बैठे नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं - कांग्रेस

    संवैधानिक पद में बैठे नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं उन्हें बताना चाहिए कि मोदी सरकार द्वारा कितना रेमडेसीविर इंजेक्शन की खेप प्रदेश सरकार को भेजा गया है

    धरमलाल कौशिक बताएं कि कैसे गुजरात के भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में 5000 से अधिक रेमडेसीविर इंजेक्शन पहुंचा और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आधी रात को किस रेमडेसीविर तस्कर को बचाने के लिए थाना पहुंचे थे-

  •  वन विभाग होम आईसोलेटेड मरीजों की कर रहा निगरानी कांटेक्ट ट्रेसिंग के साथ टीकाकरण अभियान में भी वन विभाग बना सहयोगी

    जिले में लगातार कोरोना पाॅजीटिव मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी के साथ सभी विभागों का सहयोग जिला प्रशासन को प्राप्त हो रहा है। जिसके तहत् वन विभाग के दलों द्वारा वनमंडलाधिकारी उत्तम गुप्ता के नेतृत्व में लगातार होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों की निगरानी, कोरोना जांच एवं टीकाकरण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। जिसके लिए सभी विकासखण्डों में अनुविभागीय अधिकारी वन विभाग के नेतृत्व में सभी होम आईसोलेटेड मरीजों के घरों पर जाकर टीमों द्वारा निगरानी की जा रही है साथ ही इन मरीजों के घरों में पोस्टर लगाने, लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक करने, कांटेक्ट ट्रेसिंग, मरीजों की जानकारी एवं होम आईसोलेशन के उल्लंघन पर कार्यवाही भी की जा रही है। वन विभाग के सभी अधिकारी कोरोना से बचाव के लिए मैदान में उतर गये हैं। इसके लिए बीट गार्ड से लेकर वनमंडलाधिकारी तक सभी अधिकारी प्रतिदिन गांव-गांव जाकर कोरोना पाॅजीटिव आये मरीजों से उनकी स्थिति के संबंध में जानकारी ले रहे हैं एवं उनके आॅक्सीजन के स्तर तथा रक्तचाप के संबंध में भी जानकारी ले रहे हैं। किसी भी गांव में कोरोना पाॅजीटिव मरीज पाये जाने पर वन विभाग के बीट गार्ड द्वारा इस संबंध में प्रशासन को सूचित करने के साथ आस-पास के लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है साथ ही होम आईसोलेटेड मरीजों के संबंध में घर-घर जाकर स्वास्थ्य जानकारियां एकत्रित की जा रही है।
    विगत दिनों डीएफओ उत्तम गुप्ता भी होम आईसोलेटेड मरीजों के संबंध में जानकारी लेने नगरपालिका क्षेत्र के होम आईसोलेटेड मरीजों के घरों एवं कंटेनमेंट जोन का निरीक्षण करने पहुंचे जहां उन्होंने कोरोना संक्रमित मरीजों से बातचीत की। जिसमें मरीजों द्वारा घरों को सैनेटाईज न किये जाने एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से सम्पर्क न हो पाने की बात कही गई। जिसपर डीएफओ द्वारा प्रशासन को सूचना देते हुए नगरपालिका को संक्रमित मरीजों एवं आस-पास के घरों को सैनेटाईज करने के निर्देश दिए गए।
    वन अधिकारियों द्वारा होम आईसोलेशन के उल्लंघन पर कराई गई एफआईआर
    कल वन विभाग के माकड़ी के दल द्वारा गश्त के दौरान एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति के घर के सदस्य को प्लाट पारा माकड़ी में कंटेनमेंट जोन एवं होम आईसोलेशन का उल्लंघन कर बेवजह घुमता पाया गया। जिसपर दल द्वारा पुलिस विभाग को सूचित कर महामारी अधिनियम के अंतर्गत माकड़ी थाने में व्यक्ति के विरूद्ध एफआईआर दर्ज किया गया। 
    इस अभियान में वन विभाग के एसडीओ कोण्डागांव मनोहर सिंह नाग, एसडीओ फरसगांव महेन्द्र यदु, एसडीओ केशकाल केजूराम पोयाम, एसडीओ माकड़ी आशिष कुमार के नेतृत्व में प्रतिदिन दल कोरोना से बचाव के लिए गांव-गांव तक पहुंच जन जागरूकता एवं नियमों के सख्त पालन के संबंध में कार्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त वनांचल में बसे ग्रामों के लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करने एवं पाॅजीटिव मरीजों की कांटेक्ट ट्रेसिंग के द्वारा संक्रमण के स्त्रोतों की जानकारी द्वारा वायरस को फैलने से रोकने के लिए कार्य किया जा रहा है। आपदा के समय वन विभाग द्वारा प्राप्त सहयोग से स्वास्थ्य, राजस्व, नगरपालिका एवं पुलिस विभाग को भी बल प्राप्त हो रहा है।

  • छत्तीसगढ़: नक्सलियों ने कर दी 15 साल के छात्र की हत्या,ऐसा पहली बार जब इतनी कम उम्र वाले की हत्या की
    सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने अब एक युवक और एक स्कूल छात्र को मौत के घाट उतार दिया है। पूरा मामला जिले के जगरगुंडा थाना के मिलमपल्ली इलाके का बताया गया है,जहां से दोनों का शव रोड से 500 मीटर की दूरी से बरामद किया गया है। पुलिस के मुताबिक नक्सलियों ने देर रात ही दोनों की हत्या कर दी थी। दोनों का नाम मड़कम अर्जुन और ताती हड़मा है। माओवादियों ने मौके पर पर्चे भी फेंके हैं और दोनों पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया है। जिले के SP केएल ध्रुव ने घटना की पुष्टि की है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। घटना के मुताबिक, 15 वर्षीय ताती हड़मा और 21 वर्षीय मड़कम अर्जुन को नक्सली रात को ही घर से जंगल की ओर ले गए थे और उनकी हत्या कर दी। अर्जुन का भाई बस्तरिया बटालियन में जवान है, जबकि ताती हड़मा के पिता सहायक आरक्षक रह चुके हैं और नक्सली धमकी के बाद ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। ऐसा पहली बार जब 15 साल के बच्चे को मारा अमूमन नक्सली छात्रों का, बच्चों का उपयोग अपने लाभ के लिए करते हैं। ये बच्चों का ब्रेन वाश कर उन्हें अपने संगठन में भर्ती करते हैं। उनसे सूचनाएं, सामान लेने-देने का काम कराते हैं। इस तरह 15 साल के छात्र की हत्या की बात नई है। पुलिस सूत्रों का मानना है कि लगातार फोर्स नक्सलियों पर दबाव बना रही है। गांवों में उनके सूचना तंत्र को तोड़ रही है। इससे नक्सली बौखला गए हैं और लगातार निर्दोष ग्रामीणों को मार रहे हैं। इसके पीछे उनकी मंशा गांवों में दहशत फैलाना है, जिससे कोई उनके खिलाफ आवाज ना उठाए। चार दिन में तीन हत्याएं इससे पहले शनिवार को भी सुकमा के दोरनापाल-जगरगुंडा इलाके में ही नक्सलियों ने एक शख्स की हत्या कर दी थी जिसे मारा गया वो इस इलाके में सड़क निर्माण के काम में लगा कर्मचारी था। उस दौरान नक्सलियों ने दो गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया था। इतना ही नहीं नक्सली मौके पर काम कर रहे 3 लोगों को अगवा किया था और अपने साथ जंगल की ओर ले गए थे, हालांकि दो को बाद में छोड़ दिया गया था और एक की हत्या कर दी गई थी। थाने से आधे किलोमीटर की दूरी पर 2 जवानों की हत्या गुरूवार को जिले के ही भेज्जी थाने से सिर्फ आधा किलोमीटर दूर पर पुलिस के दो जवानों की हत्या कर दी गई थी। जिन पुलिसवालों की हत्या हुई थी वे भेज्जी थाने में ही तैनात थे। उस दौरान ग्रामीण सूत्रों ने बताया था कि हत्या के पीछे नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम का हाथ हो सकता है। इस तरह की टीमें कैंप से बाहर निकले पुलिस के लोगों पर नजर रखती हैं। हालांकि पुलिस ने उस दौरान कहा था कि घटना में नक्सलियों के शामिल होने की कोई जानकारी नहीं 3 अप्रैल को 23 जवानों की हुई थी शहादत दंतेवाड़ा में शनिवार को भी नक्सलियों के लगाए गए IED की चपेट में आने से एक ग्रामीण की मौत हुई थी। उस दौरान जिले के एसपी ने बताया था कि नक्सली पूरी तरह से बौखला हुए हैं। वहीं 3 अप्रैल को भी नक्सलियों ने बीजापुर जिले में सुरक्षबलों पर हमला किया था।इसमें 23 जवान शहीद हो गए थे। वहीं CRPF के एक कमांडो राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने बंधक बना लिया था, जिसे बाद में छोड़ दिया गया था।
  • छत्तीसगढ़: नक्सलियों ने कर दी 15 साल के छात्र की हत्या,ऐसा पहली बार जब इतनी कम उम्र वाले की हत्या की
    सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने अब एक युवक और एक स्कूल छात्र को मौत के घाट उतार दिया है। पूरा मामला जिले के जगरगुंडा थाना के मिलमपल्ली इलाके का बताया गया है,जहां से दोनों का शव रोड से 500 मीटर की दूरी से बरामद किया गया है। पुलिस के मुताबिक नक्सलियों ने देर रात ही दोनों की हत्या कर दी थी। दोनों का नाम मड़कम अर्जुन और ताती हड़मा है। माओवादियों ने मौके पर पर्चे भी फेंके हैं और दोनों पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया है। जिले के SP केएल ध्रुव ने घटना की पुष्टि की है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। घटना के मुताबिक, 15 वर्षीय ताती हड़मा और 21 वर्षीय मड़कम अर्जुन को नक्सली रात को ही घर से जंगल की ओर ले गए थे और उनकी हत्या कर दी। अर्जुन का भाई बस्तरिया बटालियन में जवान है, जबकि ताती हड़मा के पिता सहायक आरक्षक रह चुके हैं और नक्सली धमकी के बाद ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। ऐसा पहली बार जब 15 साल के बच्चे को मारा अमूमन नक्सली छात्रों का, बच्चों का उपयोग अपने लाभ के लिए करते हैं। ये बच्चों का ब्रेन वाश कर उन्हें अपने संगठन में भर्ती करते हैं। उनसे सूचनाएं, सामान लेने-देने का काम कराते हैं। इस तरह 15 साल के छात्र की हत्या की बात नई है। पुलिस सूत्रों का मानना है कि लगातार फोर्स नक्सलियों पर दबाव बना रही है। गांवों में उनके सूचना तंत्र को तोड़ रही है। इससे नक्सली बौखला गए हैं और लगातार निर्दोष ग्रामीणों को मार रहे हैं। इसके पीछे उनकी मंशा गांवों में दहशत फैलाना है, जिससे कोई उनके खिलाफ आवाज ना उठाए। चार दिन में तीन हत्याएं इससे पहले शनिवार को भी सुकमा के दोरनापाल-जगरगुंडा इलाके में ही नक्सलियों ने एक शख्स की हत्या कर दी थी जिसे मारा गया वो इस इलाके में सड़क निर्माण के काम में लगा कर्मचारी था। उस दौरान नक्सलियों ने दो गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया था। इतना ही नहीं नक्सली मौके पर काम कर रहे 3 लोगों को अगवा किया था और अपने साथ जंगल की ओर ले गए थे, हालांकि दो को बाद में छोड़ दिया गया था और एक की हत्या कर दी गई थी। थाने से आधे किलोमीटर की दूरी पर 2 जवानों की हत्या गुरूवार को जिले के ही भेज्जी थाने से सिर्फ आधा किलोमीटर दूर पर पुलिस के दो जवानों की हत्या कर दी गई थी। जिन पुलिसवालों की हत्या हुई थी वे भेज्जी थाने में ही तैनात थे। उस दौरान ग्रामीण सूत्रों ने बताया था कि हत्या के पीछे नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम का हाथ हो सकता है। इस तरह की टीमें कैंप से बाहर निकले पुलिस के लोगों पर नजर रखती हैं। हालांकि पुलिस ने उस दौरान कहा था कि घटना में नक्सलियों के शामिल होने की कोई जानकारी नहीं 3 अप्रैल को 23 जवानों की हुई थी शहादत दंतेवाड़ा में शनिवार को भी नक्सलियों के लगाए गए IED की चपेट में आने से एक ग्रामीण की मौत हुई थी। उस दौरान जिले के एसपी ने बताया था कि नक्सली पूरी तरह से बौखला हुए हैं। वहीं 3 अप्रैल को भी नक्सलियों ने बीजापुर जिले में सुरक्षबलों पर हमला किया था।इसमें 23 जवान शहीद हो गए थे। वहीं CRPF के एक कमांडो राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने बंधक बना लिया था, जिसे बाद में छोड़ दिया गया था।