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  •  मंत्री डॉ. टेकाम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया ’बस्तर नोनी’ कॉल सेंटर और गढ़बो नवा जगदलपुर कार्यक्रम का शुभारंभ

    विकास कार्यों के लिए जनता से सुझाव मंगाए जाने को बताया अभिनव पहल

      

     आदिम जाति कल्याण मंत्री और बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोरोना के संबंध में लोगों की सहायता के लिए स्थापित ‘बस्तर नोनी’ कॉल सेंटर का शुभारंभ किया।

        मंत्री डॉ. टेकाम ने कोरोना के संबंध में लोगों की सहायता के लिए स्थापित कॉल सेंटर की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना कॉल में जब पूरा विश्व अपने तरीके से इस महामारी से लड़ने की कोशिश कर रहा है, वहाँ  हमें भी आगे आने की आवश्यकता है। यह कॉल सेंटर काफी लोगों की समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाने का सहारा बनेगा और जनता में भरोसा दिलायेगा की शासन-प्रशासन उनके स्वास्थ्य को लेकर गंभीर और तत्पर है। इस बीमारी से लड़ने एवं हराने का लोगो को मनोबल भी प्रदान करेगा। बस्तर नोनी कॉल सेंटर एक रचनात्मक सोच है, यह एक अच्छा प्रयास है जिसमें एक बच्ची लोगो को जागरूक कर रही हैै। उन्होंने इस कार्य के लिए स्वयं सेवक के रूप में अपना योगदान देने वाले डॉक्टर्स और नर्सिंग कॉलेज के प्राध्यापकों से चर्चा कर अनुभवों को सुना और उनके कार्यों को सराहना की।

        मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुसार योजनाओं को क्रियान्वित करने से पहले जनता की सहभागिता सुनिश्चित हो रही है इसके माध्यम से लोगों के जरूरत के अनुसार सुझाव जिला प्रशासन को प्राप्त हो रहा है जो जनता के लिए लाभदायक है। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा जिले के विकास के लिए लोगों से सुझाव मंगाए जाने की प्रशंसा करते हुए इसे अभिनव पहल बताया। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि गढ़बो नवा जगदलपुर बस्तर के विकास को एक नया आयाम प्रदान करेगा। जैसे-जैसे अधोसरचाएं व्यवस्थित होती जाएगी, विकास की सभी योजनाओं में हर वर्ग एवं उम्र के लोगो के लिए पर्याप्त अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की परियोजना में जनता के सुझाव बहुत महत्वपूर्ण हैं। 

        सांसद श्री दीपक बैज ने कहा कि लोगों के मन में कोरोना के प्रति भय और शंका को दूर करने में यह कॉल सेंटर और एप्प सहायता करेगी। इसके माध्यम से अधिक से अधिक लोगों की मदद की जा सकती है। विधायक श्री राजमन बेंजाम ने इस अवसर पर विकासखण्ड स्तर पर कोविड केयर सेंटर की स्थापना की आवश्यकता बताते हुए कहा कि इससे ग्रामीणों को राहत मिलेगी।

        कलेक्टर श्री रजत बंसल ने बताया कि इस कॉल सेंटर के माध्यम से कोविड-19 से संबंधित जानकारी दी जाएगी। इसके जरिए होम आइसोलेशन के नियम, कोविड जाँच की सुविधा, एंबुलेंस की सुविधा, कोविड संक्रमित के संपर्क में आने पर उठाए जाने वाले कदम, घबराहट व तनाव की स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श, एमरजेंसी सेवा के बारे में आदि जानकारी प्राप्त होगी। एप के माध्यम से कोविड संबंधित समस्त जानकारी लोगो को प्राप्त होगी। वर्तमान में लोगों में कोविड के संबंधित गलत धारणा बनी हुई है, जिसे कॉल सेंटर के माध्यम से इसे दूर करने की पहल जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। कॉल सेंटर के माध्यम से लोगों को कोविड संबंधित सही जानकारी प्राप्त होगी और लोग कोविड के प्रति सजग एवं जागरूक हांेगे। कॉल सेंटर की सेवा सप्ताह के सातों दिन चौबीसों घंटे उपलब्ध होगी। इसके माध्यम से प्रशिक्षित वॉलेंटियर्स द्वारा लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बस्तर जिले में अब तक 30 हजार लोगों को काढ़ा वितरण किया जा चुका है। जिले में चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक दवा, उपकरण एवं मानव संसाधन की उपलब्धता के लिए जिला प्रशासन द्वारा जिला खनिज मद न्यास से भी राशि प्रदान की गई है। कलेक्टर ने बताया कि जिले में वर्तमान में कोविड केयर सेंटर की क्षमता 700 बिस्तरों की है, जिसे इसी माह तक 2800 करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले के पांच विकासखण्डों में कोविड केयर सेंटर स्थापित हैं, जिसे जनप्रतिनिधियों की मांग के अनुसार सातों ब्लॉक में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ी है तथा पहले किसी स्थान पर कोविड अस्पताल बनाए जाने का विरोध होता था, किन्तु अब ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा स्वयं इसकी मांग की जा रही है।

        इस अवसर पर जिला कार्यालय स्थित एनआईसी के वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष में महापौर श्रीमती सफीरा साहू, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री इंद्रजीत चंद्रवाल, सहायक कलेक्टर सुश्री रेना जमील, अपर कलेक्टर श्री अरविंद एक्का, नगर निगम आयुक्त श्री प्रेम पटेल उपस्थित थे।

  • ग्रामोद्योग सामग्रियों पर 10 प्रतिशत की छूट : मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने गांधी जयंती पर की घोषणा

    मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर  प्रदेश में ग्रामोद्योग उत्पादित सामग्रियों पर 10 प्रतिशत की छूट देने की घोषणा की है। राज्य की जनता को ग्रामोद्योग सामग्रियों की खरीदी पर 10 प्रतिशत की विशेष छूट दी जाएगी। ग्रामोद्योग के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के वस्त्र, मास्क, सेनेटाईजर, गोबर से बने गमला, दिये सहित विभिन्न प्रकार की वस्तुएं और कलाकृतियां, बेलमेटल, बांसशिल्प, माटीकला बोर्ड से निर्मित विभिन्न कलाकृतियां, विभिन्न प्रकार के काष्टशिल्प आदि का विक्रय किया जाता है। आम जनता कोरोना महामारी के समय कोरोना से सुरक्षा के लिए उपयोगी सामग्री ग्रामोद्योग सामग्री विक्रय केन्द्र से कम कीमत पर खरीद सकते हैं। 

        मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने ग्रामोद्योग सामग्रियों का उत्पाद और विक्रय को बढ़ावा देने के लिए राज्य में ग्रामोद्योग के और 9 विक्रय केन्द्र शुरू करने की भी घोषणा की है। इन 9 केन्द्रों - रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर, कोरिया जिले के बैकुण्ठपुर, कोरबा, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा जिले के सक्ती और दंतेवाड़ा में खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने आज पाटन तहसील के ग्राम सेलूद में सोलर चरखा प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारंभ किया। इस केन्द्र के माध्यम से अंचल के युवाओं को धागा एवं वस्त्र बुनाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस केन्द्र की स्थापना से ग्रामोद्योग को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं को रोजगार। 

  • बिलासपुर : कोरोना संक्रमित डॉक्टर की मौत...कुछ दिन पहले रिपोर्ट आई थी पॉजिटिव
    मन्नू मानिकपुरी संवाददाता / बिलासपुर- कोरोना का प्रकोप रुकने का नाम ही नही ले रहा प्रशासन के अथक प्रयास के बाद भी अब जिले में दिन प्रतिदिन भारी होते जा रहा है,पॉजिटिव मरीजों की संख्या सहित लगातार मौत का आंकड़ा भी बढ़ते चला जा रहा है,शुक्रवार को जहां 04 मरीजो की मौत हुई थी,वही शनिवार की सुबह जिला हॉस्पिटल में पदस्थ रहे डॉ. मनोज जायसवाल की मौत हो गई है मिली जानकारी के मुताबिक विगत कुछ दिनों पूर्व डॉ. जायसवाल की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी,जिसके बाद उनका इलाज शहर के केयर & क्योर हॉस्पिटल में चल रहा था,बताया जा रहा है कि वही आज सुबह तकरीबन 08:30बजे उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली,जिसके बाद से परिवार,दोस्तो सहित सम्बंधित अधिकारियों व कर्मचारियों में शोक की लहर है
  •  मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय का किया भूमिपूजन

    सांकरा-पाटन में 55 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित होगा विश्वविद्यालय भवन

    दुर्ग जिले को दी 253 करोड़ रुपए की लागत के विकास एवं निर्माण कार्यों की सौगात

    भिलाई में ऑक्सीजोन और लाइब्रेरी के लिए 2.50 करोड़ रूपए की स्वीकृति

     दुर्ग के स्टेडियम और कलेक्टोरेट के उन्नयन की घोषणा

    बापू का संदेश देश-दुनिया के लिए अनुकरणीय: श्री भूपेश बघेल

    कोरोना संकटकाल में छत्तीसगढ़ ने अपनाया महात्मा गांधी के स्वावलंबन का मार्ग

    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज 02 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दुर्ग जिले के सांकरा-पाटन में 55 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने के साथ ही पाटन-सांकरा, दुर्ग और भिलाई में 253 करोड़ 61 लाख रुपए की लागत वाले 39 निर्माण कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना सेे राज्य में उद्यानिकी और वानिकी की शिक्षा, अनुसंधान एवं इससे जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार एवं स्वालंबन के नए द्वार खुलेंगे। 

     मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का पाटन क्षेत्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का गढ़ रहा है। यहां गांव-गांव मंे बापू की प्रतिमा स्थापित है। सांकरा-पाटन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना कर महात्मा गांधी और अपने पुरखों को हम नमन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भिलाई में ऑक्सीजोन और लाइब्रेरी की स्थापना के लिए ढ़ाई करोड़ रूपए की स्वीकृति दी। उन्होंने दुर्ग के स्टेडियम और कलेक्टोरेट भवन एवं परिसर का उन्नयन कराए जाने की घोषणा की। उन्होंने महात्मा गांधी की 151वीं वर्षगाठ के अवसर राज्य में ग्रामोद्योग सामग्रियों पर 10 प्रतिशत की विशेष छूट दिए जाने का एलान किया। मुख्यमंत्री ने भारतीय राष्ट्रीय कृषक उपज उपार्जन प्रसंस्करण एवं फुटकर सहकारी संघ मर्यादित (नेकॉफ) के सहयोग से खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के 09 विकय केन्द्र राज्य के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अम्बिकापुर, जगदलपुर, बैकुण्ठपुर (कोरिया), कोरबा, राजनांदगांव, सक्ती (जांजगीर-चांपा) और दंतेवाड़ा में प्रारंभ करने की घोषणा की।  

      मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने हमें आजादी दिलाने के साथ-साथ लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए आजीवन संघर्ष किया। चाहे ग्राम स्वराज, आत्मनिर्भरता या स्वावलंबन की बात हो, चाहे अछूतोद्धार, नारी उत्थान या बुनयादी शिक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य की बात हो। उन्होंने सभी क्षेत्रों में काम किया। उनका जीवन ही उनका संदेश है। श्री बघेल ने कहा कि बापू ने मानवता का जो संदेश दिया, वो पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री लालबहादुर शास्त्री को याद करते हुए कहा कि उन्होंने चुनौतिपूर्ण समय में देश को कुशल नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने जय जवान-जय किसान का नारा दिया। छत्तीसगढ़ सरकार इन्हीं महान विभूतियों के आदर्शों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के माध्यम से पशुधन संरक्षण एवं ग्रामीण स्वावलंबन, किसानों की ऋण माफी के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने तथा गोधन न्याय योजना के माध्यम से स्वच्छता और लोगों की आय बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है। 

     मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार महिला स्व-सहायता समूहों को जमीन उपलब्ध कराकर उन्हें सब्जी, फल उत्पादन एवं अन्य आय मूलक गतिविधियों से जोड़ रही है। ये सभी कार्य छत्तीसगढ़ के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे। उन्होंने कहा कि जशपुर से बस्तर तक बाड़ी विकास योजना सफल रही है। स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने और कुपोषण के खिलाफ मजबूती से कदम उठाए गए हैं। सुपोषण अभियान के चलते एक वर्ष में साढ़े 13 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं। पांच लाख कुपोषित बच्चों में से 68 हजार बच्चे कुपोषण से बाहर आए हैं। स्वच्छता के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में जहां जीएसटी में 24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, वहीं छत्तीसगढ़ में सितम्बर माह में जीएसटी में 24 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है। 

     श्री बघेल ने आगे कहा कि कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों में छत्तीसगढ़ में गांधी जी के स्वावलंबन का मार्ग अपनाते हुए लघु वनोपज संग्रहण, किसानों को अतिरिक्त राशि देकर, गोधन न्याय योजना में लोगों को राशि देकर उन्हें आय का जरिया उपलब्ध कराया, जिसके परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ में जीएसटी में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि जंगलों में इस वर्ष फलदार वृक्ष लगाने की शुरूआत की गई है। इससे वन क्षेत्रों के लोगों की आय मंे बढ़ोतरी होगी। छत्तीसगढ़ में लगभग 44 प्रतिशत भूभाग में वन है। महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के अधीन राज्य में वानिकी महाविद्यालय भी खोले जाएंगे। इससे हमारे जंगल बचेंगे और लोगों की आय भी बढ़ेगी।  

     मुख्यमंत्री ने पाटन ब्लॉक मुख्यालय में 5 करोड़ 22 लाख रुपए की लागत निर्मित 44 शासकीय आवास भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने इसके साथ ही खारुन नदी में 8 करोड़ 35 लाख रुपए की लागत से उफरा से रवेली मार्ग में उच्चस्तरीय पुल तथा खम्हरिया नाला में अभनपुर-तर्रीघाट पाटन मार्ग में खम्हरिया नाला में 8 करोड़ 17 लाख रूपए से बनने वाले उच्चस्तरीय पुल, लगभग 37 लाख लागत से बनने वाले सहकारी बैंक की झीट शाखा के नये भवन का भूमिपूजन भी किया। पाटन विकासखण्ड के ग्राम सेलूद में मुख्यमंत्री श्री बघेल सोलर चरखा प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारंभ भी किया। 

     मुख्यमंत्री श्री बघेल ने दुर्ग शहर में 138 करोड़ 35 लाख रुपए के कार्यों के लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। उन्होंने ठगड़ा बांध सौदर्यीकरण हेतु कराए जाने वाले 13 करोड़ 49 लाख रुपए की लागत वाले विकास एवं निर्माण कार्यों की आधारशिला रखी। 68 करोड़ 16 लाख रुपए की लागत से नेहरू चौक से मिनी माता चौक तक 8 किलोमीटर मार्ग का सुदृढ़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण कार्य और 56 करोड़ 39 लाख रूपए की लागत से पुलगांव नाका से अंजोरा तक साढ़े 06 किमी फोरलेन निर्माण का भूमिपूजन किया। 

     मुख्यमंत्री ने दुर्ग शहर के इंदिरा मार्केट सब्जी मंडी में 66.50 लाख रूपए की लागत से शेड निर्माण कार्य, पोटिया में 29.63 लाख रूपए की लागत से और वाय शेप ओव्हर ब्रिज के नीचे स्थित फिल्टर प्लांट के सामने 16.54 लाख रूपए की लागत से उद्यान निर्माण का भूमिपूजन किया। उन्होंने इसके अलावा मछली पालन विभाग के नवनिर्मित प्रशिक्षण हॉल सह-भण्डार कक्ष का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल इस मौके पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करने के साथ ही नगर पालिक निगम क्षेत्र भिलाई में लगभग 37 करोड़ रूपए के 28 कार्यो का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इसके अलावा खुर्सीपार भिलाई में 4 करोड़ 65 लाख रूपए की लागत से बनने वाले नवीन महाविद्यालय भवन आधारशिला रखी।

     समारोह को गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री  रविन्द्र चौबे, स्वास्थ्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  टी.एस.सिंहदेव, वन मंत्री  मोहम्मद अकबर, खाद्य मंत्री  अमरजीत भगत, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने भी सम्बोधित किया। वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के जरिए जुड़े खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री  गुरूरूद्र कुमार, विधायक  अरूण वोरा, विधायक और भिलाई के महापौर देवेन्द्र यादव, छत्तीसगढ़ खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष  राजेन्द्र तिवारी ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार सर्वश्री विनोद वर्मा, रूचिर गर्ग एवं राजेश तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव  सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम.गीता, मुख्यमंत्री के सचिव  सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी उपस्थित थे।  

     मुख्यमंत्री ने सांकरा ग्राम में उपस्थित बिहान महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं और प्रगतिशील कृषक श्री जगनूराम ठाकुर से चर्चा कर उद्यानिकी फसलों की खेती और उनसे हुए लाभ की जानकारी ली। कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्यमंत्री ने भिलाई के कलाकारों द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजन ’वैष्णव जन तो तेने कहिए’ पर तैयार वीडियो का लोकार्पण किया। यह वीडियो भिलाई के प्रभंजय चतुर्वेदी और उनकी टीम द्वारा तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री ने कलाकारों के इस प्रयास की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने दुर्ग में उपस्थित कोरोना वारियर्स को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मानित किया।

  • बेमेतरा: चेटुआ एनीकट में मछली पकड़ने गए युवक की नदी में बहने से मौत

    बेमेतरा: जिले के एनीकट में लगातार हादसे हो रहे है. लोग शौक से नदी में नहाने और मछली पकड़ने एनीकट जा रहे है और हादसे का शिकार हो रहे है. बेमेतरा में शिवनाथ नदी के चेटुआ घाट के एनीकट में शुक्रवार को मछली पकड़ने गए पांच दोस्तों में एक की नदी में बहने से मौत हो गई है.

    शिवनाथ नदी के चेटुआ एनीकट का पूरा मामला
    बता दें पूरा मामला जिला मुख्यालय की बेरला रोड पर चेटुआ एनिकट का है, जहां पांच दोस्त मछली पकड़ने चेटुआ एनीकट पर गए हुए थे. इसी दौरान सभी नदी में बह गए, जिसमें चार तैरकर बाहर निकल गए हैं, वहीं एक की नदी में डूब जाने से मौत हो गई है. जिसे नदी से बाहर निकाला गया है और पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को शव सौंप दिया गया हैं. मृतक का नाम भूपेंद्र देवांगन है जो तिल्दा का निवासी बताया जा रहा है. मृतक अपने दोस्तों के साथ मछली पकड़ने एनीकट गया हुआ था.

  • राज्य में उद्यानिकी फसलों का तेजी से बढ़ रहा रकबा एवं उत्पादन

    महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय से 
    उन्नत खेती को मिलेगा बढ़ावा

     

     छत्तीसगढ़ राज्य की जलवायु विविधता को देखते हुए यहां उद्यानिकी फसलों की खेती की असीम संभावनाओं को मूर्त रूप देने के लिए महात्मा गांधी उद्यानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना एवं सार्थक और सराहनीय पहल है। इससे राज्य में उद्यानिकी क्षेत्र में अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के साथ-साथ उन्नत खेती को बढ़ावा मिलेगा। यह राज्य का पहला उद्यानिकी महाविद्यालय होगा। दुर्ग जिले के सांकरा पाटन में 55 करोड़ रूपए की लागत से यह विश्वविद्यालय बनेगा, जिसकी आधारशिला 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रखेंगे। 

        छत्तीसगढ़ राज्य में उद्यानिकी फसलों की खेती के रकबे में बीते कुछ वर्षों में चार गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्पादन भी पहले की तुलना में बढ़कर 5 गुना हो गया है। वर्तमान में 8 लाख 61 हजार से अधिक उद्यानिकी फसलों की खेती की जा रही है। देश में छत्तीसगढ़ राज्य उद्यानिकी फसलों की खेती के मामले में 13वें क्रम पर है। राज्य में फल-फूल, सब्जियों, मसालों के उत्पादन और उत्पादकता में दिनों-दिन बढ़ोत्तरी हो रही है। वर्तमान समय में राज्य में 2 लाख 58 हजार 630 हेक्टेयर में फल, 5 लाख 25 हजार 147 हेक्टेयर में सब्जी, 55 हजार 376 हेक्टेयर में मसाला, 13 हजार 493 हेक्टेयर में पुष्प तथा 8 हजार 957 हेक्टेयर में औषधि एवं सुगंधित पौधों की खेती की जा रही है। छत्तीसगढ़ की जलवायु परिस्थितियों ने विभिन्न प्रकार की बागवानी फसलों की खेती को संभव बना दिया है। जिसके फलस्वरूप नई फसल जैसे- ड्रैगन फ्रूट, खजूर, चेरी, प्लम, ऑयल पाम, ओलिव की खेती को बढ़ावा मिल रहा है। राज्य में महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना से बागवानी फसलों एवं अन्य उद्यानिकी फसलों की खेती को उन्नत तरीके से करने में मदद मिलेगी। 

        प्रदेश में 9 हाईटेक नर्सरी एवं 125 सामान्य शासकीय नर्सरी है, जहां जलवायु अनुकूल विभिन्न फलों के उच्च गुणवत्तायुक्त पौधे तैयार किए जा रहे हैं। प्रदेश के पांच जिलों रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा, राजनांदगांव एवं जगदलपुर में प्रतिवर्ष एक करोड़ उत्पादन क्षमता की वेजीटेबल प्लग टाईप सीडलिंग यूनिट स्थापित है। जहां सब्जी एवं मसाला वाली फसलों का थरहा तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराया जाता है। राज्य के दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़, सूरजपुर, बलरामपुर एवं रायपुर जिले में केले की व्यापक रूप से व्यवसायिक खेती की जा रही है, जिसका रकबा 25 हजार 751 हेक्टेयर है। ड्रैगन फ्रूट प्रदेश के लिए नई फसल है। रायगढ़, दुर्ग और राजनांदगांव जिले में लगभग 300 हेक्टेयर में इसकी खेती की जा रही है। इसी तरह सूरजपुर, सरगुजा एवं जशपुर में लीची, नाशपाती की खेती हो रही है। जशपुर में चाय की सफल खेती के बाद अब कॉफी का खेती की शुरूआत की गई है। इसी तरह राज्य के अन्य जिलों में काजू, पपीता, अरबी, जिमीकंद, अदरक एवं विभिन्न प्रकार के फूलों की खेती के साथ ही बस्तर के पठारी क्षेत्र में दालचीनी, तेजपत्ता, कालीमिर्च तथा राज्य के उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी, प्लम, पीच, चेरी, जैतून आदि की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। 
        

  • अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर ‘मुझे अपने बुजुर्गाें की परवाह है‘ विषय पर वेबिनार आयोजित

    अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर आज ‘मुझे अपने बुजुर्गाें की परवाह है‘ विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा की उपस्थिति में आयोजित वेबिनार में वक्ताओं ने वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान, सुरक्षा के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर आधारित शपथ का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन हेल्पेज इंडिया रायपुर द्वारा किया गया। 
        वेबिनार में स्मार्ट सिटी रायपुर के जनरल मेनेजर श्री आशीष मिश्रा ने कहा कि युवा भले ही नए-नए गैजेट्स के साथ व्यस्त रहते हैं लेकिन उनमें भी संवेदनशीलता है, जिसको समझना होगा और सही मार्गदर्शन देना होगा। जो बड़े बुजुर्ग है उनकों इन बच्चों के साथ घूल-मिल जाना होगा, ताकि एक दूसरे से सच्चे दोस्त बन जाए। स्मार्ट सिटी ने इस संबंध में एक अच्छी पहल शुरू की है जिसमें आज के यूथ को बढ़ावा दिया जा रहा है कि ज्यादा-ज्यादा वक्त अपने बड़े बुजुर्गाें के साथ बिताए और कोरोना काल में उनका सहारा बने। सहायक संचालक राज्य सक्षारता मिशन श्री प्रशांत पाण्डेय ने पीढ़ियों के बढ़ते अंतर की समस्या के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आज के युवाओं को और अधिक सहनशील होने की आवश्यकता है। वरिष्ठजन भी अपने आप को बदलते हुए हालातों को स्वीकारें तो ये दूरियां कम होंगी। 
        सहभागी समाज सेवी संस्था चारामा के अध्यक्ष श्री बसंत यादव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुजुर्गाें को सक्रिय रखने के लिए उनकी संस्था अहम भूमिका का निर्वहन कर रही है। संस्था द्वारा खेती, पोल्ट्री फॉर्मिंग जैसे कामों में शामिल करके बुजुर्गाें को सक्रिय रखते हुए इनकी आजीविका की जिम्मेदारी ली है। लाइवलीहुड मिशन हेड श्री राजेश्वर देवेराकोण्डा ने बताया कि लाइवलीहुड मिशन में शामिल होकर बुजुर्गाें ने कैसे आजीविका का उपाय किया जाए। उन्होंने बताया कि हेल्पेज इंडिया द्वारा संचालित लाइवलीहुड प्रोजेक्ट में शामिल होकर बहुत सारे वृद्ध समूह अपने भरण-पोषण की जिम्मेदारी खुद उठा रहे हैं। हेल्पेज इंडिया की अनुपमा दत्ता ने कहा कि युवाओं को सहनशीलता सम्मान के साथ बुजुर्गाें के साथ पेश आना चाहिए। राज्य प्रभारी हेल्पेज इंडिया श्री शुभंकर विस्वास ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के तात्पर्य का विशलेषण करते हुए जानकारी दी कि कोरोना काल में बुजुर्गाें को कैसे सकारात्मक मानसिकता बनाए रखना है। राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रोग्राम ऑफिसर श्रीमती सुनीता चंसोरिया ने जानकारी दी कि सभी विद्यार्थियों और वालेंटियर को समाज में मोबिलाइज करते हुए कैसे बुजुर्गाें के हित में सेवारत रहे। 

  • हाथों के हुनर से बुन रहे ’जिदंगी’ के ताने-बाने

    ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के मार्गदर्शन में  ग्रामोद्योग ग्रामीणों के जीवन यापन का जरिया बना है। वहीं बुनकर अपने  हाथों के हुनर से  जिंदगी के ताने-बाने बुन रहे हैं। इसी कड़ी में बस्तर जिले के आठ बुनकर सहकारी समितियों में से एक महात्मा गांधी बुनकर सहकारी, समिति मर्यादित, बस्तर में ग्राम कावड़गांव और गांरेगा के कुल 76 बुनकर परिवार जुड़कर वस्त्र उत्पादन कर रहे हैं। समिति के द्वारा वर्ष 2019-20 में लगभग 25 लाख रूपए तक वस्त्र तैयार किया गया है। समिति के बुनकर सदस्य शासकीय गणवेश, चादर, रूमाल, गमछा, परंपरागत साड़ी, टॉवेल आदि की बुनाई में कुशल हैं। अधिकांश बुनकर परिवार अपने घरों में हाथकरघा स्थापित कर कृषि कार्य के साथ-साथ वस्त्र बुनाई कर आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं। इसी प्रकार लॉकडाउन काल में भी जिले के सभी बुनकर लगभग 26 लाख रूपए का वस्त्र उत्पादन कर बुनाई में सक्रिय हैं। विभाग से मिली जानकारी अनुसार कुल 08 बुनकर समितियों के 224 बुनकर परिवार सहकारी समितियों के माध्यम से रोजगार में जुड़े हुए है। इन परिवारों के महिला सदस्य बिहान योजना से जुड़े हुए हैं।

        जिला हाथकरघा कार्यालय जगदलपुर द्वारा संबंधित बुनकरों को समितियों के माध्यम से विभागीय योजनाओं-कौशल उन्नयन प्रशिक्षण, उन्नत उपकरणें, बुनकर आवास, रिवाल्विंग फण्ड सहायता का लाभ दिया जा रहा है। इनकी मजदूरी का भुगतान शीर्ष बुनकर संघ, राजेन्द्र नगर रायपुर के द्वारा किया जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन संघ, रायपुर के द्वारा नियमित धागा आपूर्ति और बुनाई मजदूरी का भुगतान होने से बुनकर आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बन रहे हैं साथ ही विभागीय योजनाओं का लाभ प्राप्त होने से बुनकरों के आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है।

  • ’कनेक्टेड इंडिया‘ ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ का बढ़ा मान

    छत्तीसगढ़ में कोरोना संकट काल में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शुरू किए गए पढ़ई तुंहर दुआर और पढ़ई तुंहर पारा, बुल्टु के गोठ, लाउडस्पीकर स्कूल के जरिए स्कूली बच्चों की शिक्षा फिजिकल और डिजिटल माध्यमों से हो रही पढ़ाई के बारे में कनेक्टेड इंडिया वेब कॉन्फ्रेंस में विशेषतौर पर सराहना की गई। 
        कनेक्टेड इंडिया ग्लोबल वेब कॉन्फ्रेंस का आयोजन विगत 30 सितम्बर को किया गया। छत्तीसगढ़ के शिक्षा सलाहकार श्री सत्यराज अय्यर विशेष रूप से इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कॉन्फ्रेंस में बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में बस्तर जैसे दूरस्थ क्षेत्र में भी काफी तेजी से डिजिटल माध्यमों द्वारा बैंकिंग व्यवस्था, डिजिटल लेन-देन, ई-शिक्षा, टेली मेडिसिन जैसे नवाचार प्रयोगों को अमल में लाया जा रहा है। इस ग्लोबल वेब कॉन्फ्रेंस का आयोजन ऑस्ट्रेलिया की एक निजी संस्था द्वारा किया गया। इस वेब कॉन्फ्रेंस में भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, जापान, यू.एस, कनाड जैसे देश-विदेश के प्रतिष्ठित सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं और स्टार्ट अप इकाईयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। 
        कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ के शिक्षा सलाहकार श्री अय्यर ने कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोविड-19 की विषम परिस्थितियों को मात देने के लिए सबकों एक साथ लेकर काम करना होगा। रोजगार का अवसर प्रदान करना केवल सरकार का काम नहीं, बल्कि निजी संस्थाओं को भी आगे आकर इसमें सक्रिय भागीदारी निभानी होगी। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल को बेहतर तरीके से अपनाया जाए और स्टार्ट अप कल्चर को कॉलेज स्तर से बढ़ावा दिया जाए। लगभग एक घंटे चली इस वेबिनार में भारत के सामने खड़ी उन सभी डिजिटल चुनौतियों एवं अवसरों के विषय में विस्तार से चर्चा की गई। 
        कनेक्टेड इंडिया ग्लोबल वेब कॉन्फ्रेंस में भारत सरकार के सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय की सचिव श्रीमती विनिता हरिहरण, अरूणांचल प्रदेश के डिप्टी कलेक्टर श्री प्रविमल अभिषेक, एशियन इंफ्रास्ट्रचर इंवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के स्ट्रैटेजी ऑफिसर श्री पाल लाऊम और वोडाफोन संस्था की प्रतिनिधि सुश्री रंजिता कनानी ने हिस्सा लिया। 

  • धान के फसल में भूरा माहो कीट का प्रकोप :कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने खेतों का निरीक्षण कर किसानों को दी  भूरा माहो कीट से फसल को बचाने की सलाह

     राज्य के कुछ जिलों में धान की फसल मेें माहो कीट प्रकोप को देखते हुए कृषि विभाग द्वारा किसान भाईयों को इसकी रोकथाम के लिए दवाओं का छिड़काव एवं आवश्यक उपाय करने की सलाह दी गई है। किसान भाईयों को माहो कीट के नियंत्रण के लिए खेतों में फसल के अवशेषों व खरपतवारों को नष्ट करने के साथ ही कीट प्रकोप बहुत ज्यादा होने पर खेतों से पानी के निकासी की सलाह दी गई हैं।

        जैविक पद्धति से माहो कीट के रोकथाम के लिए खेत में मकड़ी मिरीड बग, डेमस्ल फ्लाई मेंढक, मछली का संरक्षण करने की सलाह दी गई है, जो प्रौढ़ व शिशु माहो कीट का भक्षण करते हैं। नीम का तेल 2500 या ज्यादा पीपीएम वाला एक लीटर प्रति एकड़ की दर से सुरक्षात्मक रूप से या कीट प्रारम्भ होते ही छिड़काव करने को कहा गया है। माहो कीट के रोकथाम के लिए बाजार में बहुत सी दवा उपलब्ध है। जैसे इमिडाक्लोप्रीड 17.8 एस.एल. 60-90 मिली. अथवा डाईनोटेफ्यूरोन 20 प्रतिशत एस.जी. 60 ग्राम प्रति एकड़ अथवा ट्राईफ्लूमेजोंपाइरीम 10 प्रतिशत एस.सी. 94 मिली. प्रति एकड़ की दर से छिड़काव कर इसको नियंत्रित किया जा सकता है। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी गई कि वे दवा का उपयोग बहुत ही सोच समझकर करें, क्योंकि इस कीट में दवा के प्रति बहुत जल्दी प्रतिरोधकता आ जाती है। हवा के दिशा में दवा डाले, मुंह में कपड़ा अवश्य बांधे और दवा का छिडकाव करते समय पूरे कपड़े पहने।  
        कृषि विभाग ने कहा है कि वर्तमान समय में वातारण में उमस होने के कारण धान के फसल में भूरा माहो का कीट का प्रकोप देखा जा रहा है। यह प्रकोप खास कर मध्यम से लंबी अवधि की धान में दिख रहा है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि भूरा माहो को बीपीएच ब्राउन प्लांट हार्पर या भूरा फदका भी कहा कहा जाता है। इस कीट की अंडा, शिशु व प्रौढ़ तीन अवस्था होती है। शिशु व प्रौढ़ दोनों अवस्था धान के पौधे के तने से रस चुसकर बहुत तेजी से फसल को नुकसान पहुंचाते है। माहो कीट का जीवन चक्र 28 से 33 दिनों का होता है। शिशु कीट का रंग मटमैला भूरा, प्रौढ़ कीट का रंग हल्का भूरा होता है। प्रौढ़ कीट की तुलना में शिशु कीट तेजी से पौधे का रस चुसता है। भूरा माहो कीट सीधा नहीं चलता है, वह तिरछा फुदकता है। यह कीट जहां धान की फसल घनी है अथवा खाद ज्यादा है, वहां अधिकतर दिखना शुरू होता है। जिसमें अचानक पत्तियां गोल घेरे में पीली व भूरे रंग की दिखने लगती है व सूख जाती है व पौधा गिर जाता है। जिसे होपर बर्न कहते हैं। यह कीट पानी की सतह के ऊपर तने से चिपककर रस चूसता है। 

  •  कांकेर घटना की जांच करेगी पत्रकारों की उच्च स्तरीय समिति

    प्रेस क्लब रायपुर की मांग पर मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने दिए निर्देश

     

     कांकेर में वरिष्ठ पत्रकार श्री कमल शुक्ला के साथ हुई मारपीट की जांच पत्रकारों की उच्च स्तरीय समिति द्वारा की जाएगी। यह निर्देश आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रेस क्लब रायपुर के प्रतिनिधि मण्डल से चर्चा के दौरान दिए। प्रेस क्लब रायपुर के अध्यक्ष श्री दामू आम्बेडारे के नेतृत्व में पत्रकारों के एक प्रतिनिधि मण्डल ने आज शाम मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से उनके निवास स्थान पर भेंट की।

    प्रतिनिधि मण्डल से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से जुड़े सभी मामलों में संवेदनशीलता प्रकट करते हुए कहा कि राज्य शासन पत्रकारों के हित संरक्षण के लिए कृत संकल्पित है। उन्हें जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, उन्होंने तत्काल दोषियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए थे। श्री बघेल ने यह भी बताया कि जांच उपरांत यदि आवश्यकता हुई तो भारतीय दण्ड संहिता की अन्य धाराएं जोड़ी जाएगी। चर्चा के दौरान पत्रकारों के हित में राज्य शासन के निर्णयों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि विकासखण्ड स्तर पर पत्रकारों को अधिमान्यता देने, अधिमान्यता कोटे में वृद्धि, पत्रकार सम्मान निधि में राशि पांच हजार से बढ़ा कर दस हजार प्रतिमाह करने का कार्य किया जा चुका है। पत्रकार सुरक्षा कानून निर्माण अंतिम चरण पर है। कानून के प्रारूप पर सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। तत्पश्चात् शीघ्र की इसे अंतिम रूप दे कर लागू किया जाएगा। 

    पत्रकार प्रतिनिधि मण्डल ने राज्य शासन द्वारा पत्रकार हित में लिये गए निर्णयों की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं आगे बढ़ कर पत्रकारों की हर समस्या का निदान करने के लिए तत्पर हैं तथा कांकेर की घटना पर भी पत्रकारों से स्वयं आगे होकर चर्चा कर रहे है, ऐसी दशा में कुछ पत्रकारों द्वारा धरना प्रदर्शन किए जाने की आवश्यकता नहीं है वरन् पत्रकार हित में सब मिलजुल कर उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए प्रयास करना चाहिए। कोरोना संक्रमण काल में जब पत्रकारों की वेतन कटौती हो रही है, उनकी नौकरियां समाप्त हो रही है, इसके निराकरण के लिए संगठित प्रयास होने चाहिए। प्रतिनिधि मण्डल ने पत्रकारों को कमल विहार में भवन निर्माण के लिए राज्य शासन द्वारा विशेष छूट दिए जाने का आग्रह किया जिस पर मुख्यमंत्री ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। इसी तरह प्रतिनिधि मण्डल द्वारा अधिमान्यता दिए जाने की आवेदन प्रक्रिया में आने वाली कठिनाईयों की ओर भी मुख्यमंत्री का ध्यानाकृष्ट किया। जिस पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उन समस्याओं के त्वरित निराकरण के निर्देश आयुक्त जनसम्पर्क  तारन प्रकाश सिन्हा को दिए।

    प्रतिनिधि मण्डल में पत्रकारगण सुश्री शगुफ्ता सिरीन,  संजय शुक्ला,  अनिल द्विवेदी,  जियाउल हसन,  पंकज स्वामी,  मनोज नायक,  दीपक पाण्डेय शामिल थे।

  • छत्तीसगढ़ की भाजपा का उत्तर प्रदेश में हो रहे बलात्कार,रेप के मामलों में एक भी बयान नहीं आया क्यों ?

    उत्तर प्रदेश के हाथरस की एक बेटी के साथ हुई जघन्य वारदात, दुष्कर्म, रात के अंधेरे में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा परिवार की सहमति के बगैर जबरदस्ती अंतिम संस्कार करने जैसे गंभीर मामले पर छत्तीसगढ़ की भारतीय जनता पार्टी का एक भी बयान नहीं आया क्यों ? छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय सहित भारतीय जनता पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता जो पूर्व में मंत्री रह चुके और जो वर्तमान में कुछ विधायक हैं सहित भारतीय जनता पार्टी की नई प्रदेश कार्यकारिणी के किसी भी नेता ने उत्तर प्रदेश में हो रहे बलात्कार, रेप के मामलों में विरोध स्वरूप एक भी बयान जारी नहीं किया और नाही ऐसे कृत्यों की निंदा की | सब के मुंह में दही जम गया है, लगता है की राजनीतिक पार्टियां विरोध करती हैं तो सिर्फ जहां उनकी सरकार नहीं होती उन्हीं प्रदेशों में होने वाले अपराधों का विरोध करती हैं | जहां उनकी अपनी सरकार होती है उसके बारे में 1 शब्द भी कहना उनकी पार्टी के संविधान में नहीं होता | यूपी के भारतीय जनता पार्टी के नेता मंत्री विधायक अपने प्रदेश में होने वाले अपराधों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं क्यों ? प्रदेश की जनता का भारतीय जनता पार्टी से यह सवाल पूछना लाजमी है -